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CAB समर्थकों पर pk का हमला जारी, कहा- अब गैर BJP मुख्यमंत्रियों पर आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी

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Published : Dec 13, 2019, 11:50 AM IST

प्रशांत किशोर नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ खुलकर विरोध में उतर गए हैं. पार्टी शीर्ष नेतृत्व के नसीहत के बाद भी पीके ने अपना विरोध जारी रखा है. इस बार पीके ने गैर बीजेपी मुख्यमंत्री से इस कानून को लागू करने को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है.

patna
प्रशांत किशोर

पटनाः नागरिक (संशोधन) विधेयक दोनों सदनों से पास होने के बाद अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इस पर हस्ताक्षर कर दिया है. जिसके बाद नागरिकता कानून, 1955 में संबंधित संशोधन हो गया है. वहीं, नागरिकता (संशोधन) पर जेडीयू के समर्थन करने के बाद पार्टी में तूफान मचा है. पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर जेडीयू शीर्ष नेतृत्व के फैसले पर खुलकर अपनी नाराजगी जता रहे हैं. पीके ने ताजा ट्वीट में गैर बीजेपी राज्यों के सीएम से देश की आत्मा को बचाने की अपील की है.

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जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर

पार्टी नेताओं की नसीहत को दरकिनार करते हुए प्रशांत किशोर लगातार ट्वीटर के जरिए पार्टी और बीजेपी पर हमलावर हैं. जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लिखा कि, बहुमत से संसद में नागरिक संशोधन बिल पास हो गया. न्यायपालिका से परे, अब 16 गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों पर भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी है. क्योंकि ये ऐसे राज्य हैं, जहां इसे लागू करना है. तीन मुख्यमंत्रियों (पंजाब, केरल और पश्चिम) ने CAB और NRC को नकार दिया है और अब दूसरे गैर-बीजेपी राज्य के मुख्यमंत्री को अपना रुख स्पष्ट करने का समय आ गया है.

  • The majority prevailed in Parliament. Now beyond judiciary, the task of saving the soul of India is on 16 Non-BJP CMs as it is the states who have to operationalise these acts.

    3 CMs (Punjab/Kerala/WB) have said NO to #CAB and #NRC. Time for others to make their stand clear.

    — Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 13, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे पहले पीके ने ट्वीट कर लिखा था कि 'हमें बताया गया है कि नागरिकता संशोधन विधेयक किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं, बल्कि लोगों को नागरिकता देने के लिए है, लेकिन सच्चाई ये है कि NRC और यह CAB सरकार के हाथ में एक ऐसा घातक जोड़ हो सकता है, जिसके जरिए धर्म के आधार पर लोगों से भेदभाव कर उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है.'

ये भी पढ़ेंः CAB और NRC धर्म के आधार पर लोगों से भेदभाव का घातक जोड़ साबित होगा- प्रशांत किशोर

'मैं निराश हूं'
लोकसभा में इस बिल के समर्थन करने पर प्रशांत ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने के बाद मैं निराश हूं. यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता. जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है. पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है.'

पटनाः नागरिक (संशोधन) विधेयक दोनों सदनों से पास होने के बाद अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इस पर हस्ताक्षर कर दिया है. जिसके बाद नागरिकता कानून, 1955 में संबंधित संशोधन हो गया है. वहीं, नागरिकता (संशोधन) पर जेडीयू के समर्थन करने के बाद पार्टी में तूफान मचा है. पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर जेडीयू शीर्ष नेतृत्व के फैसले पर खुलकर अपनी नाराजगी जता रहे हैं. पीके ने ताजा ट्वीट में गैर बीजेपी राज्यों के सीएम से देश की आत्मा को बचाने की अपील की है.

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जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर

पार्टी नेताओं की नसीहत को दरकिनार करते हुए प्रशांत किशोर लगातार ट्वीटर के जरिए पार्टी और बीजेपी पर हमलावर हैं. जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लिखा कि, बहुमत से संसद में नागरिक संशोधन बिल पास हो गया. न्यायपालिका से परे, अब 16 गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों पर भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी है. क्योंकि ये ऐसे राज्य हैं, जहां इसे लागू करना है. तीन मुख्यमंत्रियों (पंजाब, केरल और पश्चिम) ने CAB और NRC को नकार दिया है और अब दूसरे गैर-बीजेपी राज्य के मुख्यमंत्री को अपना रुख स्पष्ट करने का समय आ गया है.

  • The majority prevailed in Parliament. Now beyond judiciary, the task of saving the soul of India is on 16 Non-BJP CMs as it is the states who have to operationalise these acts.

    3 CMs (Punjab/Kerala/WB) have said NO to #CAB and #NRC. Time for others to make their stand clear.

    — Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 13, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे पहले पीके ने ट्वीट कर लिखा था कि 'हमें बताया गया है कि नागरिकता संशोधन विधेयक किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं, बल्कि लोगों को नागरिकता देने के लिए है, लेकिन सच्चाई ये है कि NRC और यह CAB सरकार के हाथ में एक ऐसा घातक जोड़ हो सकता है, जिसके जरिए धर्म के आधार पर लोगों से भेदभाव कर उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है.'

ये भी पढ़ेंः CAB और NRC धर्म के आधार पर लोगों से भेदभाव का घातक जोड़ साबित होगा- प्रशांत किशोर

'मैं निराश हूं'
लोकसभा में इस बिल के समर्थन करने पर प्रशांत ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने के बाद मैं निराश हूं. यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता. जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है. पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है.'

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prashasnt kishor appeal to non bjp cm on cab 


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