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#WATCH आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी 2019 में उसी भूमिका में थे जिस भूमिका में नीतीश कुमार(बिहार के मुख्यमंत्री) आने का प्रयास कर रहे हैं। नीतीश कुमार की लंगड़ी सरकार है मगर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बहुमत में थे। यही भूमिका(नीतीश कुमार की) उन्होंने(चंद्रबाबू… pic.twitter.com/7gHtyJkhW8
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 25, 2023#WATCH आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी 2019 में उसी भूमिका में थे जिस भूमिका में नीतीश कुमार(बिहार के मुख्यमंत्री) आने का प्रयास कर रहे हैं। नीतीश कुमार की लंगड़ी सरकार है मगर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बहुमत में थे। यही भूमिका(नीतीश कुमार की) उन्होंने(चंद्रबाबू… pic.twitter.com/7gHtyJkhW8
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पटना:बिहार के सीएम नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने के लिए लगातार देश का दौरा कर रहे हैं और विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. इसको लेकर जन सुराज यात्रा पर निकले प्रशांत किशोर ने हमला किया है. उन्होंने सीएम नीतीश पर तंज कसते हुए नसीहत भी दे डाली है. प्रशांत किशोर ने कहा कि आंध्र प्रदेश के एक सीएम थे चंद्रबाबू नायडू वे उसी भूमिका में थे जिसमें आज सीएम नीतीश आने का प्रयास कर रहे हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि सीएम नीतीश का भी 2024 में चंद्रबाबू नायडू जैसा हाल हो जाएगा.
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'बिहार की चिता कीजिए.. नहीं तो चंद्रबाबू नायडू जैसा..': प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार की बिहार में 42 एमएलए है, लंगड़ी सरकार है. चंद्रबाबू तो बहुमत की सरकार चला रहे थे. इसी भूमिका में वे भी थे. बंगाल और पूरा देश का दौरा कर रहे थे. विपक्षी एकता को एक मंच पर लाने का प्रयास कर रहे थे. लेकिन उसका नायडू को फायदा नहीं हुआ. सत्ता से भी हाथ धोना पड़ा.
"चंद्रबाबू नायडू के प्रयासों का नतीजा क्या हुआ. आंध्र प्रदेश में उनके 3 एमपी हो गए. वहीं 23 विधायक जीते, नायडू सत्ता से बाहर हो गए. नीतीश कुमार को बिहार की चिंता करनी चाहिए. अपना ठिकाना है नहीं. जिस पार्टी का जीरो एमपी है वो देश का प्रधानमंत्री तय कर रहा है. जिस पार्टी की अपना ठिकाना नहीं है वो देश की सभी पार्टियों को एकत्रित कर रहा है."- प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार
चंद्रबाबू नायडू से सीएम नीतीश की तुलना क्यों?: बता दें कि 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए थर्ड फ्रंट बनाने का प्रयास किया था. नायडू गैर कांग्रेसी और गैर बीजेपी मोर्चा बनाने की कोशिशों में लगे रहे . इसके लिए उन्होंने विभिन्न राज्यों के क्षेत्रीय दलों के नेताओं से मुलाकात भी की थी. इसका कुछ खास फायदा नहीं हुआ उल्टे चंद्रबाबू नायडू को सीएम पद से हाथ धोना पड़ा. लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी (टीडीपी) को सिर्फ तीन सीट मिली. वहीं विधानसभा चुनाव में 23 सीटों पर जीत मिली. वहीं जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने 152 सीटों पर जीत हासिल की. चंद्रबाबू नायडू सत्ता से बाहर हो गए.
विपक्ष को एकजुट करने की नीतीश की मुहिम: नीतीश कुमार ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात की. इससे पहले दिल्ली में राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी, डी राजा सरीखे नेताओं से मिल चुके हैं. सीएम भाजपा मुक्त भारत बनाने के लिए तमाम विपक्ष को एक मंच पर लाना चाहते हैं. इसमें सीएम का साथ आरजेडी दे रही है.