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पटना: मत्स्य संपदा योजना का शुभारंभ, मछुआरों की आमदनी में वृद्धि का लक्ष्य - पटना समाचार

जिले में मत्स्य संपदा को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री के एक विशेष विशेष योजना की घोषणा की गई है. इस योजना के अंतर्गत रियरिंग तालाब का निर्माण, आर्द्र भूमि का विकास, नए तालाब का निर्माण आदि का कार्य कराना है. इसके साथ ही इस योजना का मुख्य उद्देश्य मछुआरों की आमदनी में वृद्धि करना है.

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मत्स्य संपदा योजना का शुभारंभ
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Published : Sep 16, 2020, 12:32 PM IST

पटना: बिहार में मत्स्य संपदा को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री के माध्यम से एक विशेष पैकेज की घोषणा की गई है. इस घोषणा के होते ही विभाग ने काम करना भी शुरू कर दिया है. कृषि पशु और मत्स्य संपदा विभाग के मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि विशेष पैकेज योजना के अंतर्गत रियरिंग तालाब का निर्माण, आर्द्र भूमि का विकास, नए तालाब का निर्माण और प्रथम वर्ष में इनपुट योजना की शुरू का शुरुआत कर दी गई है.

मछुआरों की आमदनी में वृद्धि करने का लक्ष्य
इस योजना का उद्देश्य राज्य में मछली उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ मछुआरों की आमदनी में भी वृद्धि करना है. इस योजना के अंतर्गत रियरिंग तालाब के निर्माण के लिए प्रति इकाई लागत 6 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर, आर्द्र जल भूमि के विकास के लिए प्रति हेक्टेयर 5 लाख रुपये और नए तालाब के निर्माण के लिए प्रति हेक्टेयर 7 लाख रुपये निर्धारित की गई है. इसके साथ ही प्रथम वर्ष में इनपुट के लिए प्रति इकाई लागत1.5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर निर्धारित है.

अधिक से अधिक लाभ उठाने का निर्देश
विभाग ने इन योजनाओं में अनुसूचित जाति और जनजाति के लाभार्थियों के लिए 80% अनुदान की व्यवस्था भी की गई है. इसके साथ ही अन्य वर्ग के लाभार्थी को भी 40% अनुदान दिया जाएगा. इस योजना के लिए लाभार्थियों को फिशरीज विभाग के साइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. विभाग ने ऑनलाइन आवेदन लेना शुरू भी कर दिया है. इस ऑनलाइन आवेदन लेने के बाद विभाग लाभार्थियों का चयन ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर किया जाएगा. विभागीय मंत्री प्रेम कुमार ने लोगों से आह्वान किया है कि इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा संख्या में उठाएं, जिससे बिहार में मछली का उत्पादन भी बढ़ेगा और साथ ही मछुआरों की आय भी बढ़ेगी.

पटना: बिहार में मत्स्य संपदा को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री के माध्यम से एक विशेष पैकेज की घोषणा की गई है. इस घोषणा के होते ही विभाग ने काम करना भी शुरू कर दिया है. कृषि पशु और मत्स्य संपदा विभाग के मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि विशेष पैकेज योजना के अंतर्गत रियरिंग तालाब का निर्माण, आर्द्र भूमि का विकास, नए तालाब का निर्माण और प्रथम वर्ष में इनपुट योजना की शुरू का शुरुआत कर दी गई है.

मछुआरों की आमदनी में वृद्धि करने का लक्ष्य
इस योजना का उद्देश्य राज्य में मछली उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ मछुआरों की आमदनी में भी वृद्धि करना है. इस योजना के अंतर्गत रियरिंग तालाब के निर्माण के लिए प्रति इकाई लागत 6 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर, आर्द्र जल भूमि के विकास के लिए प्रति हेक्टेयर 5 लाख रुपये और नए तालाब के निर्माण के लिए प्रति हेक्टेयर 7 लाख रुपये निर्धारित की गई है. इसके साथ ही प्रथम वर्ष में इनपुट के लिए प्रति इकाई लागत1.5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर निर्धारित है.

अधिक से अधिक लाभ उठाने का निर्देश
विभाग ने इन योजनाओं में अनुसूचित जाति और जनजाति के लाभार्थियों के लिए 80% अनुदान की व्यवस्था भी की गई है. इसके साथ ही अन्य वर्ग के लाभार्थी को भी 40% अनुदान दिया जाएगा. इस योजना के लिए लाभार्थियों को फिशरीज विभाग के साइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. विभाग ने ऑनलाइन आवेदन लेना शुरू भी कर दिया है. इस ऑनलाइन आवेदन लेने के बाद विभाग लाभार्थियों का चयन ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर किया जाएगा. विभागीय मंत्री प्रेम कुमार ने लोगों से आह्वान किया है कि इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा संख्या में उठाएं, जिससे बिहार में मछली का उत्पादन भी बढ़ेगा और साथ ही मछुआरों की आय भी बढ़ेगी.

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