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Bihar caste Survey Report : कवि ने कविता के माध्यम से दी प्रतिक्रिया..कहा- 'राजगद्दी के अलावा राजा की दूसरी कोई जाति नहीं' - ईटीवी भारत न्यूज

बिहार में जातीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी हो चुकी है. इसके साथ ही इस पर आपत्ति और प्रतिक्रिया का दौरान भी शुरू हो गया है. इसी कड़ी में बिहार के एक कवि प्रभात बांधुल्य (Poet Prabhat Bandhulya) ने अनोखे अंदाज में बिहार जातीय जनगणना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. पढ़ें पूरी खबर..

प्रभात बांधुल्य
प्रभात बांधुल्य
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 8, 2023, 6:17 AM IST

प्रभात बांधुल्य की कविता

पटना : जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी हो गई है और बिहार ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बना है. इसको लेकर लोगों की तरह-तरह की प्रक्रियाएं आ रही हैं. कोई इसे अच्छा बता रहा है तो कोई चुनावी स्टंट बता रहा है. इसी बीच बिहार के जाने-माने साहित्यकार, लेखक और कवि प्रभात बांधुल्य ने जातीय सर्वेक्षण पर एक कविता लिखकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. कविता में उन्होंने बताया है कि जो राजा होता है उसकी कोई जाति नहीं होती, उसकी एक ही जाति होती है राजगद्दी.

ये भी पढ़ें : Bihar Caste Code:'प्रेम का कोई कोड नहीं', जाति कोड पर लेखक प्रभात बांधुल्य की कविता वायरल

जातीय कोड की नहीं, प्रेम के कोड की जरूरत : प्रभात बांधुल्य ने कहा कि जातीय जनगणना की जब बात आई थी तो मैंने कहा था कि दशरथ मांझी के इस बिहार में जातीय कोड की नहीं प्रेम के कोड की जरूरत है. मोहब्बत और आपसी भाईचारे की जरूरत है. खैर, सरकार की अपनी दलील है और जातीय जनगणना का आंकड़ा सबके सामने आ चुका है. ऐसी स्थिति में मैं यह समझ रहा हूं कि आपका और मेरा क्या बदलेगा. राजा को सब मिलेगा.

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"मेरी एक कविता की बोल है कि नेता जी के बेटा लंदन पढ़ रहा है और लाठी लेकर सोनुआ लंठ बन रहा है".- प्रभात बांधुल्य, कवि

प्रभात की कविता के बोल : यहां एक राजा रहता है.., राजा की जात, कुम्हार, लोहार, यादव, कुर्मी, कायस्थ, ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत नहीं है.. राजा की जात है "राजगद्दी". वह राजा था और रहेगा..हर जाति का अपना एक राजा है. जिसने अपने लिए महल बनवाए..चार-पांच बड़े मॉल, कुछ पेट्रोल-पम्प, कुछ शहरों में अपना फार्म हाउस, देश और राज्य की राजधानी में अपना रंगीन ठिकाना!!

राजा का बेटा " राज कुंवर " अब तैयार है..तुम किसी भी जात के हो, तुम भी तैयार रहो ताली बजाने के लिए, झंडा उठाने के लिए और नारा लगाने के लिए खूब ज़ोर से "राजगद्दी ज़िंदाबाद". आम लोग तैयार हो जाइए झंडा उठाने के लिए. राजा जो भी है, चाहे किसी भी जाति का है. उसका बेटा राजकुंवर, राजगद्दी लेने के लिए तैयार है..

परिवारवाद पर कसा तंज : प्रभात ने अपनी कविता के माध्यम से तंज कसा है कि आम लोग तैयार हो जाइए झंडा उठाने के लिए. राजा जो भी है, चाहे किसी भी जाति का है. उसका बेटा राजकुंवर, राजगद्दी लेने के लिए तैयार है और उसके लिए नारेबाजी करने के लिए आप तैयार हो जाइए. बताते चलें कि प्रभात बांधुल्य बनारस वाला इश्क उपन्यास लिखकर के प्रसिद्ध हुए थे और उनकी एक शॉर्ट फिल्म काफी सुर्खियों में रही थी जिसका नाम था फिक्स्ड रेट. प्रभात टीवी सीरियल कुंडली भाग्य के लिए स्क्रीन प्ले राइटिंग का काम कर चुके हैं.

प्रभात बांधुल्य की कविता

पटना : जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी हो गई है और बिहार ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बना है. इसको लेकर लोगों की तरह-तरह की प्रक्रियाएं आ रही हैं. कोई इसे अच्छा बता रहा है तो कोई चुनावी स्टंट बता रहा है. इसी बीच बिहार के जाने-माने साहित्यकार, लेखक और कवि प्रभात बांधुल्य ने जातीय सर्वेक्षण पर एक कविता लिखकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. कविता में उन्होंने बताया है कि जो राजा होता है उसकी कोई जाति नहीं होती, उसकी एक ही जाति होती है राजगद्दी.

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जातीय कोड की नहीं, प्रेम के कोड की जरूरत : प्रभात बांधुल्य ने कहा कि जातीय जनगणना की जब बात आई थी तो मैंने कहा था कि दशरथ मांझी के इस बिहार में जातीय कोड की नहीं प्रेम के कोड की जरूरत है. मोहब्बत और आपसी भाईचारे की जरूरत है. खैर, सरकार की अपनी दलील है और जातीय जनगणना का आंकड़ा सबके सामने आ चुका है. ऐसी स्थिति में मैं यह समझ रहा हूं कि आपका और मेरा क्या बदलेगा. राजा को सब मिलेगा.

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"मेरी एक कविता की बोल है कि नेता जी के बेटा लंदन पढ़ रहा है और लाठी लेकर सोनुआ लंठ बन रहा है".- प्रभात बांधुल्य, कवि

प्रभात की कविता के बोल : यहां एक राजा रहता है.., राजा की जात, कुम्हार, लोहार, यादव, कुर्मी, कायस्थ, ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत नहीं है.. राजा की जात है "राजगद्दी". वह राजा था और रहेगा..हर जाति का अपना एक राजा है. जिसने अपने लिए महल बनवाए..चार-पांच बड़े मॉल, कुछ पेट्रोल-पम्प, कुछ शहरों में अपना फार्म हाउस, देश और राज्य की राजधानी में अपना रंगीन ठिकाना!!

राजा का बेटा " राज कुंवर " अब तैयार है..तुम किसी भी जात के हो, तुम भी तैयार रहो ताली बजाने के लिए, झंडा उठाने के लिए और नारा लगाने के लिए खूब ज़ोर से "राजगद्दी ज़िंदाबाद". आम लोग तैयार हो जाइए झंडा उठाने के लिए. राजा जो भी है, चाहे किसी भी जाति का है. उसका बेटा राजकुंवर, राजगद्दी लेने के लिए तैयार है..

परिवारवाद पर कसा तंज : प्रभात ने अपनी कविता के माध्यम से तंज कसा है कि आम लोग तैयार हो जाइए झंडा उठाने के लिए. राजा जो भी है, चाहे किसी भी जाति का है. उसका बेटा राजकुंवर, राजगद्दी लेने के लिए तैयार है और उसके लिए नारेबाजी करने के लिए आप तैयार हो जाइए. बताते चलें कि प्रभात बांधुल्य बनारस वाला इश्क उपन्यास लिखकर के प्रसिद्ध हुए थे और उनकी एक शॉर्ट फिल्म काफी सुर्खियों में रही थी जिसका नाम था फिक्स्ड रेट. प्रभात टीवी सीरियल कुंडली भाग्य के लिए स्क्रीन प्ले राइटिंग का काम कर चुके हैं.

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