पटना : बिहार में बिजली संकट इन दिनों गहराता जा रहा है. बताया जा रहा कि एनटीपीसी से कम आपूर्ति की जा रही है. यही कारण है कि शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी लोग पावर कट की समस्या से जूझ रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशानी पीक आवर में यानी शाम में हो जा रही है. इस समय बिजली की खपत ज्यादा होती है और उसी वक्त पावर कट हो जाता है.
ये भी पढ़ें : बिहार को हर दिन मिल रही 2000 मेगावाट कम बिजली, जरूरत के मुताबिक नहीं हो रही सप्लाई
अभी 5500 मेगावाट हो रही आपूर्ति : बिजली की समस्या को लेकर एनटीपीसी प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने बताया कि बिहार की औसत मांग के हिसाब से राज्य को पर्याप्त बिजली एनटीपीसी के संयंत्र से मिल रही है. गर्मी के मौसम खत्म होने और आने वाले पर्व त्योहार को देखते हुए प्लांट के वार्षिक मेंटेनेंस के लिए वर्तमान में फरक्का और बरौनी की एक-एक इकाई शेड्यूल मेंटेनेंस में है. बाढ़ प्लांट की एक यूनिट तकनीकी कारणों से उत्पादन में नहीं है. इस कारण से बिहार को एनटीपीसी से तय आवंटन 6261 मेगावाट की जगह औसतन 54-5500 मेगावाट बिजली मिल पा रही है.
"बिहार को जो एनटीपीसी से बिजली दी जाती है. उसमें मेंटेनेंस के कारण कमी हुई है, लेकिन यह बिजली विभाग से बातचीत करके ही मेंटेनेंस किया जाता है और यह प्रतिवर्ष साल में जुलाई से लेकर अगस्त महीने तक की जाती है. एनटीपीसी को आवंटित कोटे से लगभग 700 मेगावाट कम बिजली मिलने के कारण बिहार के दर्जनों ग्रिड को रोटेट करके चलाया जा रहा है. इस कारण से शहर से लेकर के गांव तक बिजली कट की समस्या उत्पन्न हो रही है".- विश्वनाथ चंदन, प्रवक्ता, एनटीपीसी
आज से पूरी बिजली सप्लाई होगी : चंदन ने यह भी बताया कि एनटीपीसी से जो बिजली मिल रही है. वह तय सीमा पर दी जाती है. लेकिन पीक आवर के समय में बिजली का लोड बढ़ती है. तब जाकर के यह समस्या उत्पन्न हो रही है. बिहार कुछ बाहर के निजी कंपनी से भी बिजली लेती है. बिहार को लगभग 6800 मेगावाट बिजली की जरूरत है. हालांकि एनटीपीसी के प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने कहा कि आज से बिहार को आवंटन के हिसाब से पूरी बिजली मिल जाएगी. क्योंकि आज शाम तक दोनों यूनिट चालू हो जाएगी.
6800-7000 मेगावाट की बिहार को जरूरत : वहीं बिजली विभाग के अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार पिक आवर में गर्मी बढ़ने के साथ शाम 6:00 बजे से लेकर के रात्रि 12:00 बजे तक बिजली की खपत ज्यादा हो रही है. जिस कारण से पावर कट की समस्या उत्पन्न हुई है. दिन के समय में बिजली सामान्य चल रही है. प्रतिदिन 6800 से लेकर के 7000 मेगावाट बिजली की जरूरत बिहार को है. लगातार उपभोक्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जिसका नतीजा है कि बिजली की डिमांड बढ़ी हुई है.