पटनाः राजधानी के प्रतिष्ठित पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इन दिनों इलाज में लापरवाही और अनियमितताएं की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. अस्पताल के कोरोना संक्रमण से ग्रसित जूनियर डॉक्टरों को कॉटेज वार्ड में बने आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है. जहां मिल रहे खाने को लेकर उन्होंने शिकायत की है.
खाने में दिया गया सड़ा हुआ अंडा
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के ज्वॉइंट सेक्रेटरी डॉ. कुंदन सुमन ने बताया कि शनिवार की सुबह कॉटेज वार्ड में एडमिट डॉक्टरों ने खाने की एक तस्वीर भेजी थी. जिसमें उन्हें खाने में सड़ा हुआ अंडा दिया गया था. उन्होंने कहा कि वह इस मामले को लेकर अधीक्षक के पास जाएंगे. साथ ही इसके अलावा उनकी कई मांगें हैं. जिसे अस्पताल प्रबंधन लगातार अनसुना कर रहा है.
एसओपी के गठन की मांग
डॉ. कुंदन सुमन ने बताया कि बहुत पहले से ही अस्पताल में एसओपी के गठन की मांग की जा रही है, लेकिन अबतक इसका गठन नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि सओपी के माध्यम से कैसे डॉक्टर की ड्यूटी लगनी है, कोविड पेशेंट का कैसे इलाज करना है, डॉक्टर्स कहां पर रहेंगे, सभी तरह की कार्यप्रणाली तय की जाती है.
संक्रमण फैलने का खतरा
एसोसिएशन के ज्वॉइंट सेक्रेटरी ने कहा कि कोविड के मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर्स अगर कॉमन रूम में रहते हैं तो उससे संक्रमण फैलने का खतरा होता है. जिससे इलाज करा रहे मरीज में भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि इन्हीं कारणों से पिछले कुछ दिनों में पीएमसीएच के पूर्व से एडमिट काफी पेशेंट और चिकित्सक कोरोना संक्रमित हुए हैं.
सबसे अधिक डॉक्टर हुए संक्रमित
जेडीए से जुड़े डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि एम्स पटना और सभी कॉलेजों के एसओपी है. डॉक्टर अगर किसी कोविड पेशेंट के टच में आ जाता है तो उसे कैसे आइसोलेट करना है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार का कोई गाइडलाइन पीएमसीएच एडमिनिस्ट्रेशन ने अब तक नहीं बनाया है. उन्होंने कहा कि यही सबसे बड़ी वजह है कि अस्पताल में सबसे अधिक डॉक्टर संक्रमित हो रहे हैं.
नहीं की गई कार्रवाई
डॉ. दीपक कुमार ने कहा कि वे लोग संक्रमण के शुरुआती दौर से ही अस्पताल से एसओपी की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की तरफ से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.