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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मुजफ्फरपुर और गया जिलों में 55 ईंट भट्ठों को बंद करने के दिए आदेश - Bihar State Pollution Control Board

बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि ईंट भट्ठों से हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए स्वच्छता तकनीक में परिवर्तन लाने का आदेश दिया गया था. लेकिन इन लोगों ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया.

पटना
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Published : Dec 11, 2019, 7:17 PM IST

पटना: बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य के 2 जिलों में बड़ी संख्या में ईट भट्ठों को बंद करने का आदेश दिया है. विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि ये सभी ईंट भट्ठा प्रदूषण के मानकों के अनुरूप नहीं चल रहे थे. इसी कारण से बंद करने के आदेश दिए गए हैं. विभाग का आदेश लिखित रूप से कई जिलाधिकारियों को भेज दिया गया है.

पेश है रिपोर्ट

बता दें कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 27 नवंबर 2019 से 30 नवंबर 2019 के बीच मुजफ्फरपुर में संचालित ईंट भट्ठों का निरीक्षण किया. निरीक्षण में 46 ईंट भट्ठे बिना स्वच्छता तकनीक में परिवर्तित किए संचालित करते पाये गए. वहीं, गया जिले में 30 नवंबर से 2 दिसंबर के बीच सभी संचालित ईंट भट्ठों का निरीक्षण कराया गया. जिनमें 9 ईट भट्ठे बिना स्वच्छता तकनीक में परिवर्तित किए संचालित करते पाए गए. इन सभी 55 ईट भट्ठों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी कर दिया.

पटना
ईंट भट्ठों के नाम

ईंट भट्ठों को बंद करने के आदेश
हालांकि विभाग की ओर से बताया गया कि इन सभी ईट भट्ठों के मालिकों को कई बार मौका दिया गया कि वह मॉडर्न तकनीक अपना लें. लेकिन इनलोगों ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया. जिस कारण से ये सभी प्रदूषण के मानकों पर खरा उतरने में कामयाब नहीं हुए. इसी कारण से इन पर कार्रवाई की गई और तुरंत बंद करने का आदेश दिया गया.

पटना
जारी आदेश

स्वच्छता तकनीक में परिवर्तन का आदेश
इस मामले पर बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि ईंट भट्ठों से हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए स्वच्छता तकनीक में परिवर्तन लाने का आदेश दिया गया था. इस तकनीक में ईंधन की खपत कम होती है. साथ ही ईंटों की गुणवत्ता अच्छी होती है. यही नहीं चिमनी से प्रदूषण उत्सर्जन में भी कमी आती है.

पटना
ईंट भट्ठों के नाम

पटना: बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य के 2 जिलों में बड़ी संख्या में ईट भट्ठों को बंद करने का आदेश दिया है. विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि ये सभी ईंट भट्ठा प्रदूषण के मानकों के अनुरूप नहीं चल रहे थे. इसी कारण से बंद करने के आदेश दिए गए हैं. विभाग का आदेश लिखित रूप से कई जिलाधिकारियों को भेज दिया गया है.

पेश है रिपोर्ट

बता दें कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 27 नवंबर 2019 से 30 नवंबर 2019 के बीच मुजफ्फरपुर में संचालित ईंट भट्ठों का निरीक्षण किया. निरीक्षण में 46 ईंट भट्ठे बिना स्वच्छता तकनीक में परिवर्तित किए संचालित करते पाये गए. वहीं, गया जिले में 30 नवंबर से 2 दिसंबर के बीच सभी संचालित ईंट भट्ठों का निरीक्षण कराया गया. जिनमें 9 ईट भट्ठे बिना स्वच्छता तकनीक में परिवर्तित किए संचालित करते पाए गए. इन सभी 55 ईट भट्ठों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी कर दिया.

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ईंट भट्ठों के नाम

ईंट भट्ठों को बंद करने के आदेश
हालांकि विभाग की ओर से बताया गया कि इन सभी ईट भट्ठों के मालिकों को कई बार मौका दिया गया कि वह मॉडर्न तकनीक अपना लें. लेकिन इनलोगों ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया. जिस कारण से ये सभी प्रदूषण के मानकों पर खरा उतरने में कामयाब नहीं हुए. इसी कारण से इन पर कार्रवाई की गई और तुरंत बंद करने का आदेश दिया गया.

पटना
जारी आदेश

स्वच्छता तकनीक में परिवर्तन का आदेश
इस मामले पर बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि ईंट भट्ठों से हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए स्वच्छता तकनीक में परिवर्तन लाने का आदेश दिया गया था. इस तकनीक में ईंधन की खपत कम होती है. साथ ही ईंटों की गुणवत्ता अच्छी होती है. यही नहीं चिमनी से प्रदूषण उत्सर्जन में भी कमी आती है.

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ईंट भट्ठों के नाम
Intro:बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बड़ी संख्या में ऐसे ईट भट्ठों को बंद करने का आदेश दे दिया है जो प्रदूषण के मानकों के अनुरूप नहीं चल रहे थे। हालांकि इन सभी को कई बार मौका दिया गया कि वह मॉडर्न तकनीक अपना लें फिर भी प्रदूषण के मानकों पर खरा उतरने में कामयाब नहीं रहने के कारण इन पर कार्रवाई की गई है और उन्हें तुरंत बंद करने का आदेश दिया गया है।


Body:बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 27 नवंबर से 30 नवंबर के बीच मुजफ्फरपुर में संचालित ईंट भट्ठों का निरीक्षण किया। निरीक्षण में 46 इकाइयां बिना स्वच्छता तकनीक में परिवर्तित किए संचालित पाई गई। वही गया जिले में 30 नवंबर से 2 दिसंबर के बीच सभी संचालित ईंट भट्ठों का निरीक्षण कराया गया जिनमें 9 इकाइयां बिना स्वच्छता तकनीक में परिवर्तित किए संचालित पाई गई। इन सभी 55 ईट भट्ठों को तत्काल प्रभाव से रोकने और बंद करने का आदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी किया है। आदेश की प्रति मुजफ्फरपुर और गया के जिलाधिकारी को भेज दी गई है।


Conclusion:बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि ईट भट्ठों से हो रहे भाई प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य के सभी ईट भट्ठों को स्वच्छतर तकनीक में परिवर्तित करने का निर्णय लिया था। स्वच्छतर तकनीक में ईंधन की खपत कम होती है और साथ ही ईटों की गुणवत्ता में सुधार होता है। यही नहीं चिमनी से उत्सर्जन में भी कमी आती है। राज्य के ईट भट्ठा मालिकों और संचालकों को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने समाचार पत्रों में विज्ञापन के जरिए पिछले साल मई में ही सूचित किया था कि पुरानी तकनीक पर आधारित ईट भट्टे 31 अगस्त 2018 के बाद खुद बंद हो जाएंगे और एक सितंबर 2018 से सिर्फ वही ईट भट्ठे संचालित होंगे जिनमें स्वच्छता तकनीक का इस्तेमाल होगा। इसके बाद भी बड़ी संख्या में ऐसे ईट भट्ठे संचालित हो रहे थे जिनसे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसे देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह कार्रवाई की है।

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