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महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने जारी क्यों नहीं किया रिपोर्ट कार्ड?

आरजेडी का कहना है कि जब से नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होकर एनडीए से जुड़े हैं, उन्होंने रिपोर्ट कार्ड साझा नहीं किया. ऐसे में साफ है कि नीतीश कुमार के पास दिखाने को कुछ नहीं है.

नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
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Published : Jan 12, 2020, 12:00 PM IST

पटना: सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर साल रिपोर्ट कार्ड जारी करते थे. लेकिन, साल 2017 में महागठबंधन से अलग होने के बाद 2018 और 2019 में उन्होंने रिपोर्ट कार्ड जारी नहीं किया. साल 2020 में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है, लिहाजा विपक्ष इसको मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने में जुट गया है.

विपक्ष का कहना है कि सरकार के पास दिखाने के कुछ नहीं है. नीतीश कुमार ने कोई काम किया ही नहीं है तो वे दिखाएंगे क्या. उन्होंने समाज के हर वर्ग की अनदेखी की है. ऐसे में रिपोर्ट कार्ड जारी कर क्या करेंगे नीतीश कुमार. वहीं, सत्ता पक्ष के लोगों ने नीतीश कुमार का बचाव किया. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार का काम जमीन पर दिखता है. ऐसे में रिपोर्ट कार्ड जारी करने की जरूरत ही क्या है.

ईटीवी भारत संवाददाता अविनाश की रिपोर्ट

काम किया ही नहीं तो दिखाएंगे क्या- आरजेडी
आरजेडी नेता मदन शर्मा ने कहा कि नीतीश कुमार साल 2005 से बिहार की सत्ता पर काबिज हैं. सत्ता संभालने के बाद से ही हर साल पूरे साल के कामकाज का लेखा-जोखा जनता के बीच रखते रहे हैं. लेकिन, जब से वे महागठबंधन से अलग होकर एनडीए से जुड़े हैं उन्होंने रिपोर्ट कार्ड साझा नहीं किया. ऐसे में साफ है कि नीतीश कुमार के पास दिखाने को कुछ नहीं है.

PATNA
मदन शर्मा, आरजेडी नेता

ये भी पढ़ें: जगदानंद सिंह ने तेजस्वी की तारीफ में गढ़े कसीदे, कहा- उन्हें वर्तमान और भविष्य की है समझ

जनता को अब रिपोर्ट कार्ड का इंतजार नहीं- जेडीयू
वहीं, जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि अब रिपोर्ट कार्ड जारी करने की जरूरत क्या है. नीतीश कुमार का काम जमीन पर दिखने लगा है. बिहार की जनता सड़कें देख रही है, घर-घर बिजली पहुंच गई है, नीतीश सरकार ने न्याय के साथ विकास का जो काम किया है जनता उसे जमीन पर उतरते देख रही है इसलिए जनता के मन में कोई संशय नहीं है. हालांकि, सीएम नीतीश की ओर से विपक्ष के इन सवालों का कोई जवाब नहीं आया है.

PATNA
राजीव रंजन, जेडीयू प्रवक्ता

पटना: सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर साल रिपोर्ट कार्ड जारी करते थे. लेकिन, साल 2017 में महागठबंधन से अलग होने के बाद 2018 और 2019 में उन्होंने रिपोर्ट कार्ड जारी नहीं किया. साल 2020 में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है, लिहाजा विपक्ष इसको मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने में जुट गया है.

विपक्ष का कहना है कि सरकार के पास दिखाने के कुछ नहीं है. नीतीश कुमार ने कोई काम किया ही नहीं है तो वे दिखाएंगे क्या. उन्होंने समाज के हर वर्ग की अनदेखी की है. ऐसे में रिपोर्ट कार्ड जारी कर क्या करेंगे नीतीश कुमार. वहीं, सत्ता पक्ष के लोगों ने नीतीश कुमार का बचाव किया. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार का काम जमीन पर दिखता है. ऐसे में रिपोर्ट कार्ड जारी करने की जरूरत ही क्या है.

ईटीवी भारत संवाददाता अविनाश की रिपोर्ट

काम किया ही नहीं तो दिखाएंगे क्या- आरजेडी
आरजेडी नेता मदन शर्मा ने कहा कि नीतीश कुमार साल 2005 से बिहार की सत्ता पर काबिज हैं. सत्ता संभालने के बाद से ही हर साल पूरे साल के कामकाज का लेखा-जोखा जनता के बीच रखते रहे हैं. लेकिन, जब से वे महागठबंधन से अलग होकर एनडीए से जुड़े हैं उन्होंने रिपोर्ट कार्ड साझा नहीं किया. ऐसे में साफ है कि नीतीश कुमार के पास दिखाने को कुछ नहीं है.

PATNA
मदन शर्मा, आरजेडी नेता

ये भी पढ़ें: जगदानंद सिंह ने तेजस्वी की तारीफ में गढ़े कसीदे, कहा- उन्हें वर्तमान और भविष्य की है समझ

जनता को अब रिपोर्ट कार्ड का इंतजार नहीं- जेडीयू
वहीं, जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि अब रिपोर्ट कार्ड जारी करने की जरूरत क्या है. नीतीश कुमार का काम जमीन पर दिखने लगा है. बिहार की जनता सड़कें देख रही है, घर-घर बिजली पहुंच गई है, नीतीश सरकार ने न्याय के साथ विकास का जो काम किया है जनता उसे जमीन पर उतरते देख रही है इसलिए जनता के मन में कोई संशय नहीं है. हालांकि, सीएम नीतीश की ओर से विपक्ष के इन सवालों का कोई जवाब नहीं आया है.

PATNA
राजीव रंजन, जेडीयू प्रवक्ता
Intro:पटना-- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर साल अपने कामकाज की उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड जारी करते रहे हैं लेकिन पिछले दो सालों से रिपोर्ट कार्ड जारी नहीं कर रहे हैं विपक्ष कह रहा है कि सरकार ने कुछ कामकाज ही नहीं किया है तो रिपोर्ट कार्ड जारी क्या करेगी तो वहीं सत्ता पक्ष के लोग कह रहे हैं कि अब रिपोर्ट कार्ड जारी करने की जरूरत ही क्या है जब जमीन पर जनता को दिखने लगा है काम।
पेश है खास रिपोर्ट---


Body: आरजेडी ने कहा नीतीश सरकार ने कोई काम ही नहीं किया---
नीतीश कुमार 2005 से बिहार की सत्ता पर काबिज है और सत्ता संभालने के बाद से ही हर साल पूरे साल के कामकाज का लेखा-जोखा जनता के बीच रखते रहे हैं । लेकिन जब से महागठबंधन से अलग होकर एन डी ए के साथ सरकार बनाई है रिपोर्ट कार्ड जारी करना भूल गए हैं या जरूरी नहीं समझ रहे हैं। प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी के नेता कह रहे हैं कि नीतीश सरकार ने पिछले कुछ सालों में कुछ काम ही नहीं किया है तो रिपोर्ट कार्ड क्या जारी करेगी इनके पास कुछ जारी करने के लिए रहेगा तब तो जारी करेंगे।
बाईट--मदन शर्मा, राजद नेता

जदयू ने कहा जनता को रिपोर्ट कार्ड का अब इंतजार नहीं----
लेकिन जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि अब रिपोर्ट कार्ड जारी करने की जरूरत क्या है जब जमीन पर सब काम दिखने लगे हैं। बिहार की जनता सड़कें देख रही है, घर घर बिजली पहुंच गया है उसे देख रही है और नीतीश सरकार ने न्याय के साथ विकास का जो काम किया है जनता उसे जमीन पर उतरते देख रही है। इसलिए जनता के मन में कोई संशय नहीं है और अब जनता को रिपोर्ट कार्ड का इंतजार भी नहीं है।
बाईट--राजीव रंजन, जदयू प्रवक्ता।



Conclusion:रिपोर्ट कार्ड को लेकर सीएम नीतीश ने साधी चुप्पी---
साल की समाप्ति पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कार्यक्रम में सरकार का लेखा-जोखा जारी करते रहे हैं और कार्यक्रम से ही अपने संबोधन के माध्यम से जनता को पूरी जानकारी देते रहे हैं लेकिन पिछले 3 सालों की बात करें तो नीतीश सरकार रिपोर्ट कार्ड जारी करना जरूरी नहीं समझ रही है।इस साल विधानसभा का चुनाव है बावजूद मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट कार्ड जारी नहीं किया है। ऐसे में विपक्ष को हमला करने का है यदि एक मुद्दा मिल गया है।
अविनाश, पटना।
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