पटनाः बिहार को लेकर नीति आयोग की रिपोर्ट (Niti Aayog Report Bihar) से हुए खुलासे के बाद प्रदेश में एक बार फिर विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर बहस छिड़ गई है. एक सुर में जेडीयू के नेता केन्द्र से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं, वहीं भाजपा की ओर से बिहार के विकास के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने पर जोर दिया जा रहा है.
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नीति आयोग की रिपोर्ट सामने आने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर बिहार की फजीहत हुई है. सरकार के दावों की पोल खुल गई है. बिहार रिपोर्ट में सबसे निचले पायदान पर आया है. रिपोर्ट आने के बाद से जदयू का पूरा कुनबा रणनीतिक तौर पर एक बार फिर से स्पेशल स्टेटस की मांग जोर-शोर से करने लगा है. वहीं, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने आंदोलन की धमकी दी है.
इधर, बीजेपी ने स्पेशल स्टेट को लेकर अपना स्टैंड क्लियर कर रखा है. भाजपा नेताओं का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने स्पेशल स्टेटस के बजाय बिहार को स्पेशल पैकेज दिया है. बिहार जैसे राज्यों को स्पेशल स्टेटस वर्तमान परिस्थिति में नहीं दिया जा सकता है. रघुराम राजन कमेटी ने स्पेशल स्टेटस की मांग को पहले ही खारिज कर दिया है.
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भाजपा नेता और प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि स्पेशल स्टेटस की सियासत ( Politics On Special Status In Bihar) में पड़ने के बजाय बिहार को अपने संसाधनों से विकास करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए. वहीं, जदयू के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि स्पेशल स्टेटस विधानमंडल की सर्वसम्मत मांग है. बिहार ने जीडीपी के मामले में बेहतर करके दिखाया है. बेहतर प्रदर्शन के आधार पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए.
भाजपा प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने कहा है कि स्पेशल स्टेटस पर बयानबाजी को छोड़कर बिहार को अपने संसाधनों से विकास करने के लिए मॉडल तैयार करना चाहिए. पीएम नरेंद्र मोदी को बिहार की चिंता है. इसलिए उन्होंने राज्य को स्पेशल पैकेज दिया.
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राजद प्रवक्ता एजाज अहमद कहते हैं कि नीतीश कुमार स्पेशल स्टेटस के नाम पर सिर्फ सियासत करते हैं. राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से कुछ नहीं किया है. औद्योगीकरण के क्षेत्र में भी सरकार ने पहल नहीं की और शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार की ओर से कुछ खास नहीं किया गया. इसी का नतीजा है कि बिहार आज निचले पायदान पर खड़ा है.
राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का मानना है कि बिहार को स्पेशल स्टेटस मिलना चाहिए. बिहार सरकार को भी अपने संसाधनों के दम पर बेहतर काम कर मिसाल पेश करना चाहिए. शराबबंदी कर नीतीश सरकार ने जो जोखिम उठाया है, उसके वैकल्पिक इंतजाम नहीं किए गए. बिहार सरकार को कृषि के विकास के लिए बेहतर रोड मैप बनाना चाहिए.
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