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Women Reservation Bill :अब कैबिनेट में महिला भागीदारी को लेकर छिड़ा सियासी संग्राम, नीतीश सरकार पर दबाव - Women Reservation

महिला आरक्षण बिल विधेयक का रूप ले चुका है. इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है. ऐसे में अब महिलाओं की भागीदारी को लेकर बहस शुरू हो गई है. बिहार में भी कैबिनेट में महिलाओं को भागीदारी (Participation of women in bihar cabinet ) मिले, इसे लेकर सियासी संग्राम छिड़ा है. इसको लेकर नीतीश सरकार पर भी दबाव है. पढ़ें पूरी खबर..

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 8, 2023, 7:49 PM IST

पटना : महिला आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है. केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है. महिला आरक्षण बिल को महिला सशक्तीकरण की दिशा में मजबूत कदम माना जा रहा है. महिलाओं को हर स्तर पर भागीदारी मिले, इसे लेकर अब राजनीतिक दल धर्म संकट में है. बिहार के तमाम दलों ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है. अब हर सेक्टर में 33% महिलाओं को जगह देने का दबाव बिहार सरकार पर है.

ये भी पढ़ें : Women Reservation Bill: महिला आरक्षण का बिहार पर होगा बड़ा असर, अब तक का रिकॉर्ड खंगालती यह रिपोर्ट पढ़िए

बिहार विधानसभा में 26 महिला विधायक : विधानसभा में 26 महिला विधायक हैं. इसमें भाजपा पहले पायदान पर है. महागठबंधन में कुल मिलाकर 17 महिला विधायक हैं. बिहार सरकार ने महिलाओं को पहले ही 35% आरक्षण सरकारी नौकरियों में दे रखी है, लेकिन कैबिनेट के विस्तार की चर्चा के बाद इसमें भी महिलाओं की भागीदारी को लेकर सवाल उठ रहे हैं. फिलहाल नीतीश कैबिनेट में तीन महिला मंत्री है.

बिहार कैबिनेट में कितने मंत्रियों की क्षमता : महिलाओं की कैबिनेट में भागीदारी पर छिड़ी बहस के मद्देनजर पहले या जान लेते हैं कि बिहार सरकार में कितने मंत्री बन सकते है. संविधान (91वां संशोधन) अधिनियम, 2003 के अनुच्छेद 164 में खंड 1A सम्मिलित किया गया. जिसके अनुसार, किसी राज्य की मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या राज्य विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15% से अधिक नहीं होनी चाहिये. इसमें यह भी प्रावधान था कि किसी राज्य में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या 12 से कम नहीं होगी.

33% के हिसाब से बिहार कैबिनेट में होनी चाहिए 12 महिला मंत्री : कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या को लेकर संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार बिहार कैबिनेट में कुल 36 मंत्री हो सकते हैं. फिलहाल नीतीश कैबिनेट में कुल 31 मंत्री ही हैं. इसमें अगर महिलाओं की बात करे तो 33% आरक्षण के हिसाब से 36 मंत्री की क्षमता वाले कैबिनेट में 12 महिला सदस्य होनी चाहिए, पर अबी सिर्फ तीन ही महिला मंत्री हैं.

"महिला सशक्तीकरण की दिशा में मोदी सरकार ने बड़ा काम किया है. बिहार सरकार को भी अब हर स्तर पर महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए. कैबिनेट में भी महिलाओं को जनसंख्या और आरक्षण के अनुपात में बर्थ मिलना चाहिए."- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता बीजेपी

बिहार सरकार महिला आरक्षण की हिमायती : जदयू प्रवक्ता डॉ सुनील ने कहा है कि "महिला आरक्षण की दिशा में नीतीश सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं. पहले साइकिल योजना चलाई गई. उसके बाद नौकरियों में महिलाओं को आरक्षण दिया गया. हर स्तर पर नीतीश कुमार भागीदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं." वहीं राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि हम महिला आरक्षण के हिमायती हैं, लेकिन आरक्षण के अंदर आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए. हमारी सरकार महिला आरक्षण को लेकर गंभीर है.

"महिला आरक्षण पारित होने के बाद हर स्तर पर महिलाओं के भागीदारी सुनिश्चित हो यह दबाव सरकार के ऊपर है. जब भी बिहार कैबिनेट का विस्तार होगा. तब नीतीश कुमार को यह चिंता करनी होगी कि महिलाओं की भागीदारी सर्वोच्च स्तर पर कैसे बढ़े."- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

ये भी पढ़ें: 'हमारा समर्थन.. लेकिन बिहार से कुछ सीखिए'.. महिला आरक्षण बिल पर बोले ललन सिंह- 'आप नारी वंदन नहीं, अपना वंदन कर रहे'

ये भी पढ़ें : Bihar Politics : महिला आरक्षण पर बोलीं ऋतु जायसवाल- 'महिलाओं के साथ ये बड़ी ठगी है'

पटना : महिला आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है. केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है. महिला आरक्षण बिल को महिला सशक्तीकरण की दिशा में मजबूत कदम माना जा रहा है. महिलाओं को हर स्तर पर भागीदारी मिले, इसे लेकर अब राजनीतिक दल धर्म संकट में है. बिहार के तमाम दलों ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है. अब हर सेक्टर में 33% महिलाओं को जगह देने का दबाव बिहार सरकार पर है.

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बिहार विधानसभा में 26 महिला विधायक : विधानसभा में 26 महिला विधायक हैं. इसमें भाजपा पहले पायदान पर है. महागठबंधन में कुल मिलाकर 17 महिला विधायक हैं. बिहार सरकार ने महिलाओं को पहले ही 35% आरक्षण सरकारी नौकरियों में दे रखी है, लेकिन कैबिनेट के विस्तार की चर्चा के बाद इसमें भी महिलाओं की भागीदारी को लेकर सवाल उठ रहे हैं. फिलहाल नीतीश कैबिनेट में तीन महिला मंत्री है.

बिहार कैबिनेट में कितने मंत्रियों की क्षमता : महिलाओं की कैबिनेट में भागीदारी पर छिड़ी बहस के मद्देनजर पहले या जान लेते हैं कि बिहार सरकार में कितने मंत्री बन सकते है. संविधान (91वां संशोधन) अधिनियम, 2003 के अनुच्छेद 164 में खंड 1A सम्मिलित किया गया. जिसके अनुसार, किसी राज्य की मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या राज्य विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15% से अधिक नहीं होनी चाहिये. इसमें यह भी प्रावधान था कि किसी राज्य में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या 12 से कम नहीं होगी.

33% के हिसाब से बिहार कैबिनेट में होनी चाहिए 12 महिला मंत्री : कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या को लेकर संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार बिहार कैबिनेट में कुल 36 मंत्री हो सकते हैं. फिलहाल नीतीश कैबिनेट में कुल 31 मंत्री ही हैं. इसमें अगर महिलाओं की बात करे तो 33% आरक्षण के हिसाब से 36 मंत्री की क्षमता वाले कैबिनेट में 12 महिला सदस्य होनी चाहिए, पर अबी सिर्फ तीन ही महिला मंत्री हैं.

"महिला सशक्तीकरण की दिशा में मोदी सरकार ने बड़ा काम किया है. बिहार सरकार को भी अब हर स्तर पर महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए. कैबिनेट में भी महिलाओं को जनसंख्या और आरक्षण के अनुपात में बर्थ मिलना चाहिए."- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता बीजेपी

बिहार सरकार महिला आरक्षण की हिमायती : जदयू प्रवक्ता डॉ सुनील ने कहा है कि "महिला आरक्षण की दिशा में नीतीश सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं. पहले साइकिल योजना चलाई गई. उसके बाद नौकरियों में महिलाओं को आरक्षण दिया गया. हर स्तर पर नीतीश कुमार भागीदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं." वहीं राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि हम महिला आरक्षण के हिमायती हैं, लेकिन आरक्षण के अंदर आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए. हमारी सरकार महिला आरक्षण को लेकर गंभीर है.

"महिला आरक्षण पारित होने के बाद हर स्तर पर महिलाओं के भागीदारी सुनिश्चित हो यह दबाव सरकार के ऊपर है. जब भी बिहार कैबिनेट का विस्तार होगा. तब नीतीश कुमार को यह चिंता करनी होगी कि महिलाओं की भागीदारी सर्वोच्च स्तर पर कैसे बढ़े."- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

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