पटना: मधुबनी हत्याकांड हुए 10 दिन हो गए. अब तक 34 आरोपियों में से 15 की गिरफ्तारी हुई है. दोनों पक्षों के बीच झगड़ा मछली पकड़ने को लेकर शुरू हुआ था. इस मामले में पुलिस अगर एक्शन लेती तो होली के दिन हुई खूनी वारदात नहीं होती. अब इस मामले में सियासत चरम पर है. इसे जातीय रंग देने की भी कोशिश की जा रही है. राजद नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है. वहीं, जदयू और भाजपा के नेताओं का कहना है कि पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.
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सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा विपक्ष
मधुबनी हत्याकांड को लेकर विपक्ष नीतीश कुमार और उनकी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा है. विपक्ष का दावा है कि इस मामले में पूर्व मंत्री विनोद नारायण झा की संलिप्तता है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा " मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबकुछ जानकर भी अंजान बनने का नाटक करते हैं."
हालांकि इसे लेकर विनोद नारायण झा ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए एक वीडियो जारी किया और खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि जो आरोपी हैं उनपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
दूसरी तरफ जदयू नेता यह दावा कर रहे हैं कि बुधवार सुबह ही मुख्य आरोपी समेत 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने दावा किया कि इस मामले में 15 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. सरकार स्पीडी ट्रायल कर दोषियों को सजा दिलाएगी.
क्या कहते हैं विपक्ष के नेता
मधुबनी की सियासत से नजदीक से जुड़े कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा "अगर पहले ही पुलिस ने एक्शन ले लिया होता तो यह नौबत नहीं आती. इसलिए सरकार को गंभीरता से इस मामले की तह तक जाकर जांच करानी चाहिए. पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद की अत्यंत जरूरत है. विपक्ष के दबाव में आरोपियों की गिरफ्तारी तो हो गई है, लेकिन सरकार को स्पीडी ट्रायल कराकर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलवानी चाहिए."
"पूरे मामले में स्थानीय पुलिस और प्रशासन की भूमिका संदेह के घेरे में है. अब तक ना तो एसपी और ना ही डीएम या कोई आला अधिकारी पीड़ित परिवार से मिला है. इस मामले में सबसे पहले मधुबनी के एसपी पर कार्रवाई होनी चाहिए. पुलिस का कोई अधिकारी पीड़ित परिवार से मिलने नहीं पहुंचा, जबकि सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि आईजी ने घटनास्थल का दौरा किया है."- सुनील कुमार सिंह, राजद नेता
क्या है मामला?
29 मार्च को मधुबनी के बेनीपट्टी के महमदपुर में हुई हृदय विदारक घटना के पीछे की वजह हमने जानने की कोशिश की. जानकारी के मुताबिक इस घटना के पीछे असली वजह तालाब से मछली पकड़ने को लेकर शुरू हुआ विवाद है.
कुछ महीने पहले तालाब से मछली पकड़ने को लेकर पीड़ित परिवार और एक स्थानीय के बीच मारपीट हुई थी, जिसके बाद पीड़ित परिवार के संजय सिंह पर एससी एसटी एक्ट लगाकर उन्हें जेल भेज दिया गया.
संजय सिंह ने जो एफआईआर दर्ज कराई थी, उस आधार पर प्रवीण झा समेत किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई. इसी मुख्य आरोपी प्रवीण झा उर्फ रावण ने होली के दिन खूनी वारदात को अंजाम दिया. जिसमें एक ही परिवार के 5 लोगों की बेदर्दी से हत्या कर दी गई.
इस पूरे मामले में 34 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें से 15 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. मुख्य आरोपियों में कथित रावण सेना से जुड़े कई लोग हैं. इस मामले को जातीय रंग देने की भी पूरी कोशिश की गई लेकिन मामला आपसी विवाद का है.
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