पटना: शेक्सपीयर ने कहा था, 'नाम में क्या रखा है'. पर बिहार की सियासत में नाम का ही दाम है. नाम अगर बड़े बंगले पर हो तो फिर क्या कहने. वैसे भी बिहार में सरकारी बंगले को लेकर सियासत होती रही है. नेता सरकारी बंगले पर जल्द दावा छोड़ना नहीं चाहते.
वो बात अलग है, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मिसाल पेश करते हुए 36 घंटे के अंदर अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया. लेकिन कुछ ऐसे नेता भी हैं जो अनाधिकृत तौर पर सरकारी बंगले में रह रहे हैं. विपक्ष इसपर सवाल खड़े कर रहा है. वैसे विपक्ष को तेजस्वी यादव का वो दिन याद नहीं जब वह उपमुख्यमंत्री का बंगला नहीं छोड़ना चाह रहे थे. सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद वह बंगले से बेदखल हुए थे.
सुशील मोदी ने पेश की मिसाल
नेताओं के लिए सरकारी बंगला स्टेटस सिंबल की तरह होता है. कुर्सी छिन जाने के बाद भी नेताओं को बंगले का मोह रहता है और बांग्ला छोड़ना नहीं चाहते. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने नेताओं के लिए मिसाल पेश की और 36 घंटे के अंदर देश रत्न मार्ग स्थित आलीशान बंगला छोड़ दिया था.
जदयू के कई नेता सरकारी बंगले में लंबे समय से काबिज हैं. इन नेताओं के लिए विभाग के नियम और कानून मायने नहीं रखते. इसे लेकर विपक्ष सरकार को घेर रहा है. राजद ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों के लिए नियम का महत्व नहीं है.
जदयू के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह का सरकारी आवास 22 एम स्टैंड रोड में स्थित है. पिछले 5 साल से संजय सिंह किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं, फिर भी उन्हें आलीशान सरकारी बंगला मिला हुआ है.
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जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह का पता 34 हार्डिंग रोड है. वशिष्ठ नारायण सिंह राज्यसभा सांसद हैं. प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए वे 34 हार्डिंग रोड स्थित आवास से ही अपने कार्य का संचालन करते थे. उनका आवास पूर्व विधान पार्षद रणवीर नंदन के नाम से आवंटित था. रणवीर नंदन का कार्यकाल भी खत्म हो चुका है.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का पता 7 स्टैंड रोड है. आरसीपी सिंह भी लंबे समय से यहां रह रहे हैं. उनका बंगला पूर्व विधान पार्षद संजय गांधी के नाम पर आवंटित था. अब उनका कार्यकाल भी खत्म हो चुका है.
जदयू के कई नेता सरकारी बंगले में हैं काबिज
'सत्ता में बैठे लोगों के लिए नियम कोई मायने नहीं रखता है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह किस हैसियत से सरकारी बंगले में रह रहे हैं. इसके अलावा आरसीपी सिंह और वशिष्ठ नारायण सिंह भी लंबे समय से सरकारी बंगले का इस्तेमाल कर रहे हैं. जदयू नेताओं को सिर्फ राजद नेताओं का बंगला नजर आता है.' - शक्ति यादव, राजद प्रवक्ता
![राजद प्रवक्ता शक्ति यादव](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-vis-02-ranjeet-spl-bangla-vivad-9021852_23012021164928_2301f_02213_820.jpg)
बीजेपी की सफाई
नेताओं को उनके स्टेटस और प्रोटोकॉल के हिसाब से बंगला दिया जाता है. किसी नेता के नाम से अगर बंगला आवंटित है तो उसका उपयोग कोई दूसरे नेता कर सकते हैं.' - नवल किशोर यादव, बीजेपी प्रवक्ता
![बीजेपी प्रवक्ता नवल किशोर यादव](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-vis-02-ranjeet-spl-bangla-vivad-9021852_23012021164928_2301f_02213_434.jpg)
राजद के आरोपों में दम नहीं- मंत्री
'बंगले को लेकर कोई परेशानी नहीं है. विधानसभा अध्यक्ष विधायकों के बंगले का मामला देख रहे हैं. जहां तक नियम कानून का सवाल है तो सरकार नियम कानून को लेकर गंभीर है और राजद नेताओं के आरोपों में दम नहीं है.' - अशोक चौधरी, भवन निर्माण मंत्री
![भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-vis-02-ranjeet-spl-bangla-vivad-9021852_23012021164928_2301f_02213_130.jpg)