पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में कुछ भी ठीक नजर नहीं आ रहा है. पूरा मामला, राज्यपाल कोटे से विधान परिषद के लिए होने वाले नामांकन से जुड़ा है. इसको लेकर एनडीए में तकरार देखने को मिल रही है. एनडीए घटक दल जदयू और लोजपा में अनबन हो गई है. बयानबाजी के आधार पर कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है.
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कई राजनीतिक दलों के नेताओं की निगाहें विधान परिषद के 12 सीटों पर हैं. राज्यपाल कोटे से सभी सीटों के लिए नामांकन होने हैं. लोजपा और भाजपा यह चाहती है कि राज्यपाल कोटे की 12 सीटों के नामांकन की प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाए. लेकिन नीतीश कुमार ने अब तक हरी झंडी नहीं दी है, लिहाजा मामला उलझता जा रहा है.
एलजेपी का स्टैंड
दरअसल, लोक जनशक्ति पार्टी के पास विधायकों की संख्या कम है. लेकिन फिर भी पार्टी नेता या चाहते हैं कि उनके खाते में विधान परिषद की 1 सीट जानी चाहिए. बता दें कि पूर्व मंत्री रामचंद्र पासवान के निधन के बाद लोजपा कोटे की एक सीट खाली हुई थी.
कोरोना और बाढ़ के बहाने सियासी संग्राम
लोक जनशक्ति पार्टी नेता लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं. एक और जदयू यह चाहती है कि चुनाव समय पर हो, तो दूसरी तरफ लोजपा चुनाव की तारीख बढ़ाने की मांग कर रही है.
लोगों की सुरक्षा, हमारी प्राथमिकता- लोजपा
लोजपा नेता सीधे तौर पर विधान परिषद की 1 सीट के लिए दावेदारी तो नहीं कर रहे हैं. लेकिन जदयू के राह में रोड़े जरूर अटका रहे हैं. सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है. लोजपा प्रवक्ता श्रवण कुमार ने कहा है कि हमारी प्राथमिकता बिहार के लोगों के जानमाल की रक्षा है. पहले लोग सुरक्षित हो जाएं, उसके बाद चुनाव कराये जाएं. विधान परिषद सीट को लेकर हमारी कोई दावेदारी नहीं है.
जल्द हो जाएगी नामांकन की प्रक्रिया-जदयू
जदयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि सरकार अभी बाढ़ और कोरोना संक्रमण से निपटने में जुटी है. राज्यपाल कोटे से होने वाले नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. गठबंधन के शीर्ष नेता बैठेंगे और सहमति के आधार पर निर्णय ले लिया जाएगा.
बाद में दिया जाएगा ध्यान-बीजेपी
भाजपा नेता भी पूरे मसले पर गोलमोल जवाब दे रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता नवल किशोर यादव का कहना है कि सरकार फिलहाल, आपदा से निपट रही है और आपदा से निपटने के बाद इस मसले पर भी ध्यान दिया जाएगा.