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जिन्ना पर बिहार में सियासी संग्राम, धर्म ग्रंथों के जरिए राजनैतिक रोटियां सेंक रहे नेता - Muhammad Ali Jinnah

मोहम्मद अली जिन्ना को स्वतंत्रता सेनानी बताए जाने के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है. वहीं, राहुल गांधी के हिंदु और हिंदुत्व वाले बयान के बाद नेताओं में एक दूसरे को गीता और अन्य पुस्तकें देने की परिपाटी शुरू हो गई है. पढ़ें रिपोर्ट...

मोहम्मद अली जिन्ना पर सियासत
मोहम्मद अली जिन्ना पर सियासत
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Published : Nov 15, 2021, 6:56 PM IST

पटनाः बिहार विधान परिषद के सदस्य और जेडीयू के नेता खालिद अनवर (JDU MLC Khalid Anwar) के मो. अली जिन्ना (Md. Ali Jinnah) को स्वतंत्रता सेनानी बताने पर बिहार की सियासत ने नई मोड़ ले ली है. प्रदेश की राजनीति में नेताओं के द्वारा एक दूसरे को ज्ञान वर्धक पुस्तकें भेजकर पाठ पढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई है.

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राहुल गांधी के द्वारा हिंदुइज्म और हिंदुत्व पर दिए बयान को बीजेपी नेताओं ने आड़े हाथों लिया है. बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने राहुल गांधी को भागवत गीता ग्रंथ भेजा है, तो वहीं एनडीए की सहयोगी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेताओं ने भी बीजेपी को पुस्तक भेजने का फैसला लिया है.

रिजवान ने कहा कि जिन्ना को लेकर बहुत से लोगों के मन में संदेह है. उन्हें इतिहास की किताबें पढ़नी चाहिए. दानिश रिजवान ने कहा कि भाजपा नेताओं को वह अपनी तरफ से इतिहास की किताबें भेजेंगे, जिसमें जिन्ना के बारे में विस्तार से बताया गया है.

देखें रिपोर्ट

इसे भी पढे़ं- बवाल के बाद उस्मानी का टिकट कटने की चर्चा, सुरजेवाला बोले- जिन्ना की मजार पर माथा टेकने वाले कांग्रेस से पूछ रहे सवाल

दरअसल, जदयू के विधान पार्षद खालिद अनवर के बयान का हम पार्टी ने समर्थन किया है. हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि जिन्ना वाकई स्वतंत्रता सेनानी थे. अगर किसी को संदेह है तो वह इतिहास की पुस्तक पढ़ ले. वहीं, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा है कि हम प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को पुस्तक भेजने के लिए धन्यवाद देते हैं लेकिन उन्हें भी गीता पढ़ लेनी चाहिए और एक प्रति उन्हें प्रधानमंत्री को भी भेजनी चाहिए.

वहीं, राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि भाजपा को सबसे पहले लालकृष्ण आडवाणी को लेकर विचार करना चाहिए, जिसमें उन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना को सेक्युलर कहा था. उन्होंने कहा कि भाजपा को यह भी बताना चाहिए कि जिन्ना को लेकर जिस दल के नेता बयान दे रहे हैं उसके साथ क्यों हैं?

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इस पर बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि देश का विभाजन धार्मिक आधार पर हुआ था. जो जिन्ना के समर्थन में थे वे पाकिस्तान चले गए. आज भी जो जिन्ना के समर्थक हैं, उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए और जो गांधी के समर्थक हैं उन्हें भारत में रहना चाहिए.

पटनाः बिहार विधान परिषद के सदस्य और जेडीयू के नेता खालिद अनवर (JDU MLC Khalid Anwar) के मो. अली जिन्ना (Md. Ali Jinnah) को स्वतंत्रता सेनानी बताने पर बिहार की सियासत ने नई मोड़ ले ली है. प्रदेश की राजनीति में नेताओं के द्वारा एक दूसरे को ज्ञान वर्धक पुस्तकें भेजकर पाठ पढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई है.

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राहुल गांधी के द्वारा हिंदुइज्म और हिंदुत्व पर दिए बयान को बीजेपी नेताओं ने आड़े हाथों लिया है. बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने राहुल गांधी को भागवत गीता ग्रंथ भेजा है, तो वहीं एनडीए की सहयोगी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेताओं ने भी बीजेपी को पुस्तक भेजने का फैसला लिया है.

रिजवान ने कहा कि जिन्ना को लेकर बहुत से लोगों के मन में संदेह है. उन्हें इतिहास की किताबें पढ़नी चाहिए. दानिश रिजवान ने कहा कि भाजपा नेताओं को वह अपनी तरफ से इतिहास की किताबें भेजेंगे, जिसमें जिन्ना के बारे में विस्तार से बताया गया है.

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दरअसल, जदयू के विधान पार्षद खालिद अनवर के बयान का हम पार्टी ने समर्थन किया है. हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि जिन्ना वाकई स्वतंत्रता सेनानी थे. अगर किसी को संदेह है तो वह इतिहास की पुस्तक पढ़ ले. वहीं, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा है कि हम प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को पुस्तक भेजने के लिए धन्यवाद देते हैं लेकिन उन्हें भी गीता पढ़ लेनी चाहिए और एक प्रति उन्हें प्रधानमंत्री को भी भेजनी चाहिए.

वहीं, राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि भाजपा को सबसे पहले लालकृष्ण आडवाणी को लेकर विचार करना चाहिए, जिसमें उन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना को सेक्युलर कहा था. उन्होंने कहा कि भाजपा को यह भी बताना चाहिए कि जिन्ना को लेकर जिस दल के नेता बयान दे रहे हैं उसके साथ क्यों हैं?

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इस पर बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि देश का विभाजन धार्मिक आधार पर हुआ था. जो जिन्ना के समर्थन में थे वे पाकिस्तान चले गए. आज भी जो जिन्ना के समर्थक हैं, उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए और जो गांधी के समर्थक हैं उन्हें भारत में रहना चाहिए.

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