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रोजगार के बाद डोमिसाइल नीति को लेकर सियासत शुरू, लागू करने के लिए उठ रही मांग

सरकारी नौकरी और रोजगार को लेकर बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों की तरफ से कई घोषणाएं की गई थी. लोगों के अपने राज्य में रोजगार मिले इसे लेकर कई राज्यों ने डोमिसाइल नीति बनाए हैं. इसके साथ ही बिहार में भी डोमिसाइल नीति लागू करने की वकालत होने लगी है.

Domicile Policy in bihar
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Published : Mar 15, 2021, 10:17 AM IST

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान रोजगार सियासी मुद्दा बन गया था. राज्य के सभी दलों ने रोजगार को लेकर लंबे चौड़े दावे किए थे. चुनाव के बाद फिर से अब बिहार के लोगों को अपने राज्य में रोजगार मिले इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है. इसके साथ ही राज्य में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग उठने लगी है.

डोमिसाइल नीति लागू करने की वकालत
सरकारी नौकरी और रोजगार को लेकर बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों की तरफ से कई घोषणाएं की गई थी. लोगों के अपने राज्य में रोजगार मिले इसे लेकर कई राज्यों ने डोमिसाइल नीति बनाए हैं. राजस्थान, झारखंड और हरियाणा में डोमिसाइल नीति को लागू कर दिया गया है. इसके साथ ही बिहार में भी डोमिसाइल नीति लागू करने की वकालत होने लगी है. हालांकि डोमिसाइल नीति को लेकर सरकार फिलहाल एकमत नहीं है.

राष्ट्रीय जनता दल बिहार में डोमिसाइल नीति के पक्षधर है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव डोमिसाइल नीति को लेकर वकालत करते रहे हैं.

"बिहार में डोमिसाइल नीति लागू होनी चाहिए. बिहार से बाहर के लोग राज्य में नौकरी पा लेते हैं और यहां के लोगों को ही नौकरी में जगह नहीं मिल पाती है."- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी


"हम शुरू से ही डोमिसाइल नीति के पक्षधर हैं. हम पार्टी चाहती है कि बिहार में डोमिसाइल नीति सरकारी और निजी क्षेत्रों में लागू हो. दूसरे राज्यों ने इस नीति को लागू करना शुरू कर दिया है तो बिहार को भी पीछे नहीं रहना चाहिए."- दानिश रिजवान, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हम

देखें रिपोर्ट

"डोमिसाइल नीति पर बीजेपी की अभी कोई स्पष्ट राय नहीं है. इस मुद्दे पर गहन विचार विमर्श की जरूरत है. इसके बाद ही पार्टी किसी नतीजे पर पहुंचेगी "- विनोद शर्मा, प्रवक्ता, बीजेपी

"डोमिसाइल नीति बड़ा मुद्दा है पर यह एक डिबेट का भी विषय है. अगर आप अपने राज्य में डोमिसाइल नीति लागू कर देंगे तो आपके राज्य के लोगों को भी बाहर नौकरी पाने में दिक्कत होगी, लिहाजा यह गंभीर विषय है और डिबेट के बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जा सकता है".- अशोक चौधरी, भवन निर्माण मंत्री, बिहार सरकार

ये भी पढ़ेः विधानसभा में एक दर्जन विभागों के प्रश्नों का होगा उत्तर, भवन निर्माण विभाग के बजट पर होगी चर्चा

चुनाव में बेरोजगारी बना बड़ा मुद्दा
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान सभी पार्टियों ने बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाया था. एनडीए ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए 19 लाख रोजगार देने की घोषणा की थी. वहीं आरजेडी ने 10 लाख नौकरी देने का ऐलान किया था. इन सबके बीच डोमिसाइल नीति को लागू करने की मांग भी लगातार उठ रही है.

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान रोजगार सियासी मुद्दा बन गया था. राज्य के सभी दलों ने रोजगार को लेकर लंबे चौड़े दावे किए थे. चुनाव के बाद फिर से अब बिहार के लोगों को अपने राज्य में रोजगार मिले इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है. इसके साथ ही राज्य में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग उठने लगी है.

डोमिसाइल नीति लागू करने की वकालत
सरकारी नौकरी और रोजगार को लेकर बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों की तरफ से कई घोषणाएं की गई थी. लोगों के अपने राज्य में रोजगार मिले इसे लेकर कई राज्यों ने डोमिसाइल नीति बनाए हैं. राजस्थान, झारखंड और हरियाणा में डोमिसाइल नीति को लागू कर दिया गया है. इसके साथ ही बिहार में भी डोमिसाइल नीति लागू करने की वकालत होने लगी है. हालांकि डोमिसाइल नीति को लेकर सरकार फिलहाल एकमत नहीं है.

राष्ट्रीय जनता दल बिहार में डोमिसाइल नीति के पक्षधर है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव डोमिसाइल नीति को लेकर वकालत करते रहे हैं.

"बिहार में डोमिसाइल नीति लागू होनी चाहिए. बिहार से बाहर के लोग राज्य में नौकरी पा लेते हैं और यहां के लोगों को ही नौकरी में जगह नहीं मिल पाती है."- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी


"हम शुरू से ही डोमिसाइल नीति के पक्षधर हैं. हम पार्टी चाहती है कि बिहार में डोमिसाइल नीति सरकारी और निजी क्षेत्रों में लागू हो. दूसरे राज्यों ने इस नीति को लागू करना शुरू कर दिया है तो बिहार को भी पीछे नहीं रहना चाहिए."- दानिश रिजवान, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हम

देखें रिपोर्ट

"डोमिसाइल नीति पर बीजेपी की अभी कोई स्पष्ट राय नहीं है. इस मुद्दे पर गहन विचार विमर्श की जरूरत है. इसके बाद ही पार्टी किसी नतीजे पर पहुंचेगी "- विनोद शर्मा, प्रवक्ता, बीजेपी

"डोमिसाइल नीति बड़ा मुद्दा है पर यह एक डिबेट का भी विषय है. अगर आप अपने राज्य में डोमिसाइल नीति लागू कर देंगे तो आपके राज्य के लोगों को भी बाहर नौकरी पाने में दिक्कत होगी, लिहाजा यह गंभीर विषय है और डिबेट के बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जा सकता है".- अशोक चौधरी, भवन निर्माण मंत्री, बिहार सरकार

ये भी पढ़ेः विधानसभा में एक दर्जन विभागों के प्रश्नों का होगा उत्तर, भवन निर्माण विभाग के बजट पर होगी चर्चा

चुनाव में बेरोजगारी बना बड़ा मुद्दा
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान सभी पार्टियों ने बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाया था. एनडीए ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए 19 लाख रोजगार देने की घोषणा की थी. वहीं आरजेडी ने 10 लाख नौकरी देने का ऐलान किया था. इन सबके बीच डोमिसाइल नीति को लागू करने की मांग भी लगातार उठ रही है.

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