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बिहार के नेताओं की मांग- गुजरात की तर्ज पर प्रदेश में भी संशोधित हो नया MV एक्ट

गुजरात की तर्ज पर बिहार में भी नए एमवी एक्ट में संशोधन की मांग होने लगी है. केंद्र सरकार द्वारा पारित मोटर वाहन अधिनियम 2019 बिहार में लागू किया जा चुका है. जिससे लोगों को भारी-भरकम जुर्माना भी किया जा रहा है.

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Published : Sep 11, 2019, 9:38 PM IST

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पटना: बिहार में नए परिवहन अधिनियम को लेकर सवाल उठने लगे हैं. गुजरात सरकार द्वारा अमेंडमेंट किए जाने के बाद से बिहार में भी सियासी पारा चढ़ गया है. भारी भरकम जुर्माने की राशि को लेकर राजनीतिक दलों ने सवाल खड़े किए हैं. सरकार भी फिलहाल बैकफुट पर दिखाई दे रही है.

नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. तभी से गुजरात मॉडल और बिहार मॉडल को लेकर बिहार में सियासत होती रही है. गुजरात में शराबबंदी पहले की गई थी. बाद में फिर बिहार में भी शराब बंदी कानून लागू हो गई. लेकिन नए मोटर वाहन अधिनियम को लेकर भी बिहार में गुजरात मॉडल लागू करने की मांग उठने लगी है.

पटना से रंजीत कुमार की रिपोर्ट

भारी जुर्माना से परेशान आमजन
केंद्र सरकार द्वारा पारित मोटर वाहन अधिनियम 2019 बिहार में लागू किया जा चुका है. प्रशासन पूरे मुस्तैदी के साथ मोटर वाहन अधिनियम को लागू कर रहा है, और लोगों को भारी-भरकम जुर्माना भी किया जा रहा है. जुर्माने की राशि का बोझ गरीब जनता पर भी पड़ रहा है. राजनीतिक दलों ने एक सुर में जुर्माने की राशि को कम करने के लिए आवाज उठाई है.

राजद ने ली चुटकी
राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले को उनके ही गृह राज्य में नहीं माना जा रहा है. और ऐसा इसलिए हो रहा है कि वहां के मुख्यमंत्री यह समझते हैं कि यह प्रधानमंत्री का गृह राज्य है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि जुर्माने की राशि कई बार हास्यास्पद हो जाती है और गाड़ी की कीमत से ज्यादा सरकार जुर्माने की राशि वसूल कर लेती है.

दानिश रिजवान का सीएम से अनुरोध
वहीं, हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने नीतीश कुमार से अनुरोध किया है कि, गरीब जनता का वह ख्याल रखें और जिस राज्य में लोगों की मासिक आय 3,000 रुपये हो उसे 10,000 फाइन ना किया जाए. उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि जुर्माने की राशि अविलंब हटाई जाए.

  • सुमो के ट्वीट का JDU ने किया स्वागत, कहा- नीतीश कुमार ही रहेंगे बिहार के मुख्यमंत्री https://t.co/QkaGCGcPAw

    — ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) September 11, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बीजेपी ने क्या कहा
भाजपा भी कमोबेश जुर्माने की राशि को हटाने की वकालत कर रही है. पार्टी के उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि आम लोगों की सुरक्षा के लिए सरकार ने कानून बनाया है, लेकिन अगर बिहार सरकार को लगता है, कि रकम ज्यादा है तो वह इसमें संशोधन कर सकती है.

परिवहन मंत्री का बयान
वहीं, परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला ने कहा है कि कुछ राज्यों ने जुर्माने की राशि को कम किए हैं. गुजरात में भी राशि को कम करने का फैसला लिया है और हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. उच्च अधिकारी और मुख्यमंत्री से संपर्क कर उच्च स्तरीय बैठक की जाएगी फिर इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा.

गुजरात में नये MV एक्ट में संशोधन
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पारित मोटर वाहन अधिनियम को गुजरात ने हूबहू लागू करने से मना कर दिया और वहां की सरकार ने जुर्माने की राशि को हटा दिया है. जिसके बाद राजनीतिक दलों ने बिहार में भी जुर्माने की राशि को कम करने की मांग की है.

पटना: बिहार में नए परिवहन अधिनियम को लेकर सवाल उठने लगे हैं. गुजरात सरकार द्वारा अमेंडमेंट किए जाने के बाद से बिहार में भी सियासी पारा चढ़ गया है. भारी भरकम जुर्माने की राशि को लेकर राजनीतिक दलों ने सवाल खड़े किए हैं. सरकार भी फिलहाल बैकफुट पर दिखाई दे रही है.

नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. तभी से गुजरात मॉडल और बिहार मॉडल को लेकर बिहार में सियासत होती रही है. गुजरात में शराबबंदी पहले की गई थी. बाद में फिर बिहार में भी शराब बंदी कानून लागू हो गई. लेकिन नए मोटर वाहन अधिनियम को लेकर भी बिहार में गुजरात मॉडल लागू करने की मांग उठने लगी है.

पटना से रंजीत कुमार की रिपोर्ट

भारी जुर्माना से परेशान आमजन
केंद्र सरकार द्वारा पारित मोटर वाहन अधिनियम 2019 बिहार में लागू किया जा चुका है. प्रशासन पूरे मुस्तैदी के साथ मोटर वाहन अधिनियम को लागू कर रहा है, और लोगों को भारी-भरकम जुर्माना भी किया जा रहा है. जुर्माने की राशि का बोझ गरीब जनता पर भी पड़ रहा है. राजनीतिक दलों ने एक सुर में जुर्माने की राशि को कम करने के लिए आवाज उठाई है.

राजद ने ली चुटकी
राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले को उनके ही गृह राज्य में नहीं माना जा रहा है. और ऐसा इसलिए हो रहा है कि वहां के मुख्यमंत्री यह समझते हैं कि यह प्रधानमंत्री का गृह राज्य है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि जुर्माने की राशि कई बार हास्यास्पद हो जाती है और गाड़ी की कीमत से ज्यादा सरकार जुर्माने की राशि वसूल कर लेती है.

दानिश रिजवान का सीएम से अनुरोध
वहीं, हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने नीतीश कुमार से अनुरोध किया है कि, गरीब जनता का वह ख्याल रखें और जिस राज्य में लोगों की मासिक आय 3,000 रुपये हो उसे 10,000 फाइन ना किया जाए. उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि जुर्माने की राशि अविलंब हटाई जाए.

  • सुमो के ट्वीट का JDU ने किया स्वागत, कहा- नीतीश कुमार ही रहेंगे बिहार के मुख्यमंत्री https://t.co/QkaGCGcPAw

    — ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) September 11, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बीजेपी ने क्या कहा
भाजपा भी कमोबेश जुर्माने की राशि को हटाने की वकालत कर रही है. पार्टी के उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि आम लोगों की सुरक्षा के लिए सरकार ने कानून बनाया है, लेकिन अगर बिहार सरकार को लगता है, कि रकम ज्यादा है तो वह इसमें संशोधन कर सकती है.

परिवहन मंत्री का बयान
वहीं, परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला ने कहा है कि कुछ राज्यों ने जुर्माने की राशि को कम किए हैं. गुजरात में भी राशि को कम करने का फैसला लिया है और हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. उच्च अधिकारी और मुख्यमंत्री से संपर्क कर उच्च स्तरीय बैठक की जाएगी फिर इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा.

गुजरात में नये MV एक्ट में संशोधन
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पारित मोटर वाहन अधिनियम को गुजरात ने हूबहू लागू करने से मना कर दिया और वहां की सरकार ने जुर्माने की राशि को हटा दिया है. जिसके बाद राजनीतिक दलों ने बिहार में भी जुर्माने की राशि को कम करने की मांग की है.

Intro:बिहार में नए परिवहन अधिनियम को लेकर सवाल उठने लगे हैं गुजरात सरकार द्वारा अमेंडमेंट किए जाने के बाद से बिहार में भी सियासी पारा चढ़ गया है भारी भरकम जुर्माने की राशि को लेकर राजनीतिक दलों ने सवाल खड़े किए हैं सरकार भी फिलहाल बैकफुट पर दिखाई दे रही है


Body:नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तभी से गुजरात मॉडल और बिहार मॉडल को लेकर बिहार में सियासत होती रही है गुजरात में शराबबंदी पहले किया गया था बाद में फिर बिहार में भी शराब बंदी कानून लागू किया गया मोटर वाहन अधिनियम को लेकर भी बिहार में गुजरात मॉडल लागू करने की मांग उठने लगी है

केंद्र सरकार द्वारा पारित मोटर वाहन अधिनियम बिहार में लागू किया जा चुका है प्रशासन पूरे मुस्तैदी के साथ मोटर वाहन अधिनियम को लागू कर रही है और लोगों को भारी-भरकम जुर्माना भी किया जा रहा है जुर्माने की राशि का बोझ गरीब जनता पर भी पड़ रहा है राजनीतिक दलों ने एक सुर में जुर्माने की राशि को कम करने के आवाज उठाए हैं
आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पारित मोटर वाहन अधिनियम को गुजरात में हूबहू लागू करने से मना कर दिया और वहां की सरकार ने जुर्माने की राशि को हटा दिया राजनीतिक दलों ने बिहार में भी जुर्माने की राशि को कम करने की मांग की है


Conclusion:राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले को उनके ही गृह राज्य में नहीं माना जा रहा है और ऐसा इसलिए हो रहा है कि वहां के मुख्यमंत्री यह समझते हैं कि यह प्रधानमंत्री का गृह राज्य है शिवानंद तिवारी ने कहा कि जुर्माने की राशि कई बार हास्यास्पद हो जाती है और गाड़ी की कीमत से ज्यादा सरकार जुर्माने की राशि वसूल कर लेती है ।
हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने नीतीश कुमार से अनुरोध किया है कि गरीब जनता का वह ख्याल रखें और जिस राज्य में लोगों का मासिक आय ₹3000 हो उसे 10000 फाइन ना किए जाएं दानिश रिजवान ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि जुर्माने की राशि अभिलंब हटाया जाए ।
भाजपा भी कमोबेश जुर्माने की राशि को हटाने की वकालत कर रही है पार्टी के उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि आम आम लोगों की सुरक्षा के लिए सरकार ने कानून बनाया है लेकिन अगर बिहार सरकार को लगता है कि रकम ज्यादा है तो वह इसमें संशोधन कर सकती है ।
परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला ने कहा है कि कुछ राज्यों ने जुर्माने की राशि को कम किए हैं गुजरात में भी राशि को कम करने का फैसला लिया है और हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं उच्च अधिकारी और मुख्यमंत्री से संपर्क कर उच्च स्तरीय बैठक किया जाएगा फिर इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
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