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'20 हजार कमीशन देकर डेढ़ लाख का घर मिलता है .. बिहार में BDO, डीएम सब चोर है..'

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Published : Oct 25, 2022, 8:03 PM IST

पॉलिटिकल स्ट्रेटजिस्ट प्रशांत किशोर ने ट्वीट के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए बिहार में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है. पढ़ें पूरी खभर

आवास योजना में भ्रष्टाचार
बिहार में जन सुराज यात्रा

पटना: बिहार में जन सुराज यात्रा पर निकले पॉलिटिकल स्ट्रेटजिस्ट प्रशांत किशोर (Political Strategist Prashant Kishor ) लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर हैं. इस बार उन्होंने ट्वीट कर बिहार की प्रशासनिक व्यवस्था को गटघरे में खड़ा (corruption in Bihar) किया है. उन्होंने मजदूरों के वीडियो को ट्वीट करते हुए बिहार में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नीतीश कुमार को घेरा है. प्रशांत किशोर के ट्वीट किए वीडियो में महिला एकदम सरकारी व्यवस्था से खफा है. महिला कहती है कि सरकार की हर योजनाओं का लाभ पाने के लिए अफसरों और बाबुओं की मुट्ठी गरम करनी पड़ती है.

ये भी पढ़ें-'जन सुराज' लाएंगे या नीतीश के साथ जाएंगे... क्या है PK का प्लान? थोड़ी देर में हटेगा पर्दा

''हम लोग बिहार में जिसको जिताते हैं वो गरीब को धक्का देकर अपने कुर्सी पर जाकर बैठ जाता है. बीडीओ चोर, सीआई चोर, डीएम चोर सब कोई चोर है. डेढ़ लाख का घर देता है उसमें 20 हजार कमीशन काट लेता है. कहता है कि 20 हजार नहीं दोगे तो नाम कट जाएगा''- मजदूर महिला

आवास योजना में भ्रष्टाचार का आरोप: प्रशांत किशोर के ट्वीट में दिख रही महिला बिहार के अफसरों और बाबुओं पर बिफरी हुई है. वो कहती है कि सरकार योजना के तहत डेढ़ लाख रुपए घर की सब्सिडी देती है. लेकिन, उसे पाने के लिए 20 हजार रुपए कमीशन इन अफसरों को देना पड़ता है. नहीं दो तो नाम काट देने की धमकी देता है. मजबूरी में कमीशन देना पड़ता है. कमीशन देने पर कम पैसे में घर पूरा नहीं बन पाता. महिला आगे कहती है कि बिहार में बीडीओ, सीआई, डीएम सब कोई चोर है.

पार्टी नहीं बनाएंगे पीके: बता दें कि प्रशांत किशोर ये दावा करते रहे हैं कि बिहार में जन सुराज यात्रा जरूर निकाल रहे हैं लेकिन वो पार्टी नहीं बनाएंगे. वो साफ कहते हैं कि चुनाव लड़ेंगे नहीं लेकिन लड़ाएंगे. वो कहते हैं कि जिसका हाथ पकड़कर चुनाव लड़ाएंगे उसके सामने किसी को नहीं टिकने देंगे. इतना मजबूती से चुनाव लड़ाएंगे कि नीचे से जमीन खिसक जाएगी और ऊपर से आकाश निकल जाएगा विपक्षी को पता ही नहीं लगेगा.

2018 में JDU में शामिल हुए थे पीके: चार साल पहले बिहार में उनका संक्षिप्त राजनीतिक कार्यकाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल के साथ शुरू हुआ था. तब उन्हें जेडीयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था लेकिन 16 महीने बाद ही उन्होंने मतभेद के बाद पार्टी छोड़ दी थी. उन्होंने साल 2018 में जेडीयू की सदस्यता ली थी. लेकिन नीतीश कुमार संग उनकी ये राजनीतिक पारी ज्यादा लंबी नहीं चली और उन्होंने 2020 में पार्टी छोड़ दी. प्रशांत किशोर बिहार में जन सुराज यात्रा (Jan Suraj Yatra in Bihar) पर निकले हुए हैं.

पटना: बिहार में जन सुराज यात्रा पर निकले पॉलिटिकल स्ट्रेटजिस्ट प्रशांत किशोर (Political Strategist Prashant Kishor ) लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर हैं. इस बार उन्होंने ट्वीट कर बिहार की प्रशासनिक व्यवस्था को गटघरे में खड़ा (corruption in Bihar) किया है. उन्होंने मजदूरों के वीडियो को ट्वीट करते हुए बिहार में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नीतीश कुमार को घेरा है. प्रशांत किशोर के ट्वीट किए वीडियो में महिला एकदम सरकारी व्यवस्था से खफा है. महिला कहती है कि सरकार की हर योजनाओं का लाभ पाने के लिए अफसरों और बाबुओं की मुट्ठी गरम करनी पड़ती है.

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''हम लोग बिहार में जिसको जिताते हैं वो गरीब को धक्का देकर अपने कुर्सी पर जाकर बैठ जाता है. बीडीओ चोर, सीआई चोर, डीएम चोर सब कोई चोर है. डेढ़ लाख का घर देता है उसमें 20 हजार कमीशन काट लेता है. कहता है कि 20 हजार नहीं दोगे तो नाम कट जाएगा''- मजदूर महिला

आवास योजना में भ्रष्टाचार का आरोप: प्रशांत किशोर के ट्वीट में दिख रही महिला बिहार के अफसरों और बाबुओं पर बिफरी हुई है. वो कहती है कि सरकार योजना के तहत डेढ़ लाख रुपए घर की सब्सिडी देती है. लेकिन, उसे पाने के लिए 20 हजार रुपए कमीशन इन अफसरों को देना पड़ता है. नहीं दो तो नाम काट देने की धमकी देता है. मजबूरी में कमीशन देना पड़ता है. कमीशन देने पर कम पैसे में घर पूरा नहीं बन पाता. महिला आगे कहती है कि बिहार में बीडीओ, सीआई, डीएम सब कोई चोर है.

पार्टी नहीं बनाएंगे पीके: बता दें कि प्रशांत किशोर ये दावा करते रहे हैं कि बिहार में जन सुराज यात्रा जरूर निकाल रहे हैं लेकिन वो पार्टी नहीं बनाएंगे. वो साफ कहते हैं कि चुनाव लड़ेंगे नहीं लेकिन लड़ाएंगे. वो कहते हैं कि जिसका हाथ पकड़कर चुनाव लड़ाएंगे उसके सामने किसी को नहीं टिकने देंगे. इतना मजबूती से चुनाव लड़ाएंगे कि नीचे से जमीन खिसक जाएगी और ऊपर से आकाश निकल जाएगा विपक्षी को पता ही नहीं लगेगा.

2018 में JDU में शामिल हुए थे पीके: चार साल पहले बिहार में उनका संक्षिप्त राजनीतिक कार्यकाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल के साथ शुरू हुआ था. तब उन्हें जेडीयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था लेकिन 16 महीने बाद ही उन्होंने मतभेद के बाद पार्टी छोड़ दी थी. उन्होंने साल 2018 में जेडीयू की सदस्यता ली थी. लेकिन नीतीश कुमार संग उनकी ये राजनीतिक पारी ज्यादा लंबी नहीं चली और उन्होंने 2020 में पार्टी छोड़ दी. प्रशांत किशोर बिहार में जन सुराज यात्रा (Jan Suraj Yatra in Bihar) पर निकले हुए हैं.

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