पटना: राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों के परिवार में हत्या होने पर परिजन को एक सरकारी नौकरी देने का निर्णय लिया है. इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि अनुश्रवण समिति के बैठक में जो निर्णय लिया गया है, उससे अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को राहत मिलेगी. मांझी ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति के लिए जो एससी एसटी एक्ट बना है, उसमें इस बात को कहा गया है कहीं ना कहीं इसको लागू करने की जरूरत थी, जिसको मुख्यमंत्री ने लागू कराने की घोषणा की है.
जीतन राम मांझी ने कहा कि जो इसका विरोध कर रहे हैं, वो पहले इसे समझ लें कि एससी एसटी एक्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि अगर अनुसूचित जाति या जनजाति के लोगों की हत्या होती है, तो सरकार उनके बच्चों के लिए रोजगार की व्यवस्था करेगी. साथ ही परिजनों के लिए जमीन खरीदकर देने का भी प्रावधान है. जो लोग इसे चुनावी घोषणा की संज्ञा दे रहे हैं, वो इस एक्ट को पढ़ ले. ये सेंट्रल एक्ट है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार दलित के हक को लेकर काफी संवेदनशील है.
'सरकार अपराध रोकने में विफल है'
वहीं, रालोसपा के मुख्य प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि सरकार पहले ये बताए कि इससे पहले दलितों की हत्या बिहार में होती थी या नहीं? उन्होंने कहा कि चुनावी मौसम है. इससे दलित प्रेम दिखाने की कोशिश सरकार कर रही है. सरकार ये बताए कि उनके शासनकाल में जितने भी दलितों की हत्या हुई हैं? उनके परिवार के सदस्यों को नौकरी सरकार देगी? वर्तमान सरकार अपराध रोकने में विफल है. इस वजह से सरकार घोषणाएं कर रही है.
'हत्या को प्रमोट कर रही है सरकार'
अभिषेक झा ने कहा कि सरकार इस तरह की घोषणा करके हत्या को प्रमोट भी कर रही है. हत्या रोकना इनके बस की बात नहीं है. अब ये उन्हें पता चल गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि दलित और महादलित परिवार के लिए जो घोषणा उन्होंने किया है. इसके अलावा समाज के अन्य वर्गों के लिए भी सोचना चाहिए. जब हत्या होती है तो कोर्ट सभी समाज के सभी वर्गों के लोगों को एक नजरिया से देखकर न्याय देने का काम करता है. सरकार को भी किसी वर्ग के हत्या होने के बाद राहत देने का काम करना चाहिए.