पटना: नीतीश सरकार ने 19 जनवरी को होने वाली मानव श्रृंखला को लेकर पूरी ताकत झोंक दी है. मानव श्रृंखला की फोटोग्राफी के लिए सरकार ने 15 हेलिकॉप्टर मंगवाए हैं. वहीं, इसको लेकर विपक्ष पटना जलजमाव के समय सरकार की व्यवस्था को याद दिला रहा है.
राजद विधायक शिवचंद्र राम ने कहा कि गरीबों के पैसों को नीतीश सरकार बर्बाद कर रही है. सरकार की नीति पूरी तरह से बेकार है. कुछ दिन पहले ही पटना में जलजमाव से वहां का जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया था, उस समय नीतीश कुमार ने लोगों की मदद लिए एक हेलिकॉप्टर तक की व्यवस्था नहीं किया था. आज 15-15 हेलिकॉप्टर से सिर्फ अपना चेहरा चमकना चाहते हैं.
'क्लाइमेट चेंज गंभीर समस्या'
वहीं, बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि विपक्ष मुद्दे की बात नहीं करता है. विपक्ष मुद्दे की पूंछ पकड़ता है. पूरी दुनिया में क्लाइमेट चेंज एक गंभीर समस्या बनी हुई है. सीएम नीतीश कुमार ने इसको लेकर एक बड़ा मुहिम छेड़ा है. इस मानव श्रृंखला से पूरी दुनिया में एक सकारात्मक संदेश जाएगा.
नीतीश कुमार की है महत्वाकांक्षी योजना
नीतीश कुमार के लिए जल जीवन हरियाली एक महत्वाकांक्षी परियोजना है. पर्यावरण को लेकर 19 जनवरी को पूरे प्रदेश में मानव श्रृंखला बनाई जाएगी. सरकार इसकी तैयारी में महीनों से जुटी हुई है. इस श्रृंखला के जरिए सरकार विश्व रिकार्ड बनाना चाहती है. दावा किया जा रहा है कि इस श्रृंखला में 4 करोड़ लोग शामिल होंगे. इसकी सिर्फ फोटोग्राफी के लिए 15 हेलिकॉप्टर मंगाए गए हैं. इसको लेकर विपक्ष सरकार पर हमला बोल रहा है.
पटना के जलजमाव में कहां थे?
विपक्ष का आरोप है कि जब पूरा पटना जमजमाव से बेहाल था, लोगों का जीवन महीनों पानी की वजह से थम गया था. उनके पास खाने तक को कुछ नहीं था, उस समय मदद के लिए सरकार ने एक भी हेलिकॉप्टर नहीं मंगाए थे. एनडीआरएफ के हेलिकॉप्टर ने दो से तीन दिनों तक ही सिर्फ लोगों की मदद की. उसके बाद सरकार को लोगों के प्रति कोई संवेदना नहीं थी. लेकिन मानव श्रृंखला को लेकर सरकार पैसा पानी की तरह बहा रही है. इसकी सिर्फ फोटोग्राफी के लिए 15 हेलिकॉप्टर मंगाए गए हैं.
बिहार में दो बार बन चुकी है मानव श्रृंखला
बता दें कि नीतीश कुमार जल जीवन हरियाली योजना को लेकर मानव श्रृंखला से पहले भी शराबबंदी के मुद्दे पर मानव श्रृंखला बना चुके हैं. शराबबंदी को लेकर 2017 में प्रदेश में 2 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने मानव श्रृंखला बनाई. 11 हज़ार किलोमीटर लंबी इस मानव श्रृंखला का मकसद नशा मुक्त बिहार बनाने को लेकर लोगों को जागरूक करना था. वहीं, 2018 दहेज प्रथा और बाल विवाह से होने वाली हानि से लोगों में जागृति लाने के लिए लगभग 14 हजार किमी मानव श्रृंखला बनाई गई थी. इसमें ड्रोन कैमरे लगाए गए थे. इस मानव श्रृंखला ने विश्व रिकॉर्ड भी बनाया था.