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विजेंद्र यादव के इस्तीफे पर बोला RJD- ऐसे लोगों के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा

राजद में लगातार हो रही टूट पर तंज कसते हुए बिहार सरकार में मंत्री रामसेवक सिंह ने कहा कि 'डूबते हुए नाव पर कोई सवार नहीं होना चाहता. इसी वजह से राजद के लोग पार्टी से किनारा कर रहे हैं. 2020 में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो जाएगा.'

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Published : Jun 27, 2020, 9:12 PM IST

राजद
राजद

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही अभी नहीं हुआ हो, लेकिन प्रदेश में दलबदल की राजनीति शुरू हो चुकी है. तीन रोज पहले 5 विधान पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा देकर जेडीयू में शामिल हो गए. वहीं, अब प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक विजेंद्र यादव ने भी राजद से अपना किनारा कर लिया है. विजेंद्र यादव लालू यादव के काफी करीबी माने जाने वाले नेता में से एक थे. विजेंद्र यादव का इस्तीफा चुनाव से पहले आरजेडी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'डूबते नाव पर कौन होगा सवार'
राजद में लगातार हो रही टूट पर तंज कसते हुए बिहार सरकार में मंत्री रामसेवक सिंह ने कहा कि 'डूबती हुए नाव पर कोई सवार नहीं होना चाहता. इसी वजह से राजद के लोग पार्टी से किनारा कर रहे हैं. 2020 में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो जाएगा.' उन्होंने कहा कि अभी तो चुनाव का ऐलान भी नही हुआ है. चुनाव की तिथि जारी होने के बाद महागठबंधन टूट कर बिखर जाएगा. आने वाले एक महीने में आरजेडी के कई बड़े नेता पार्टी को छोड़कर दूसरे सियासी दलों का दामन थाम लेगें.

'समुंद्र की तरह है आरजेडी'
मंत्री रामसेवक सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि आरजेडी एक समुंद्र है. यहां एक बाल्टी पानी निकालने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है. आरजेडी विधायक और विधान परिषद बनाने वाली फैक्ट्री है. कुछ लोगों के इस्तीफा देने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. राजद नेता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जेडीयू विधानसभा चुनाव के पूर्व आरजेडी को तोड़ने का काम कर रही है. लेकिन वह अपने मंसूबे में कभी कामयाब नहीं होंगे.

आरजेडी के 5 एमएलसी ने किया था जदयू ज्वाइन
गौरतलब है कि बीते दिनों राजद के पांच एमएलसी ने इस्तीफा देकर जेडीयू का दामन थाम लिया था. इसके बाद आरजेडी के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. पार्टी में लगातार हो रहे इस्तीफे को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिन नेताओं ने इस्तीफा दिया है. उनका पार्टी में कोई महत्व ही नहीं था. उनकी पहचान राजद की वजह से था. उन्हें कोई पहचानता तक नहीं है. वहीं राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी तेजस्वी ने कहा कि उन्हें मना लिया जाएगा.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही अभी नहीं हुआ हो, लेकिन प्रदेश में दलबदल की राजनीति शुरू हो चुकी है. तीन रोज पहले 5 विधान पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा देकर जेडीयू में शामिल हो गए. वहीं, अब प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक विजेंद्र यादव ने भी राजद से अपना किनारा कर लिया है. विजेंद्र यादव लालू यादव के काफी करीबी माने जाने वाले नेता में से एक थे. विजेंद्र यादव का इस्तीफा चुनाव से पहले आरजेडी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'डूबते नाव पर कौन होगा सवार'
राजद में लगातार हो रही टूट पर तंज कसते हुए बिहार सरकार में मंत्री रामसेवक सिंह ने कहा कि 'डूबती हुए नाव पर कोई सवार नहीं होना चाहता. इसी वजह से राजद के लोग पार्टी से किनारा कर रहे हैं. 2020 में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो जाएगा.' उन्होंने कहा कि अभी तो चुनाव का ऐलान भी नही हुआ है. चुनाव की तिथि जारी होने के बाद महागठबंधन टूट कर बिखर जाएगा. आने वाले एक महीने में आरजेडी के कई बड़े नेता पार्टी को छोड़कर दूसरे सियासी दलों का दामन थाम लेगें.

'समुंद्र की तरह है आरजेडी'
मंत्री रामसेवक सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि आरजेडी एक समुंद्र है. यहां एक बाल्टी पानी निकालने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है. आरजेडी विधायक और विधान परिषद बनाने वाली फैक्ट्री है. कुछ लोगों के इस्तीफा देने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. राजद नेता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जेडीयू विधानसभा चुनाव के पूर्व आरजेडी को तोड़ने का काम कर रही है. लेकिन वह अपने मंसूबे में कभी कामयाब नहीं होंगे.

आरजेडी के 5 एमएलसी ने किया था जदयू ज्वाइन
गौरतलब है कि बीते दिनों राजद के पांच एमएलसी ने इस्तीफा देकर जेडीयू का दामन थाम लिया था. इसके बाद आरजेडी के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. पार्टी में लगातार हो रहे इस्तीफे को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिन नेताओं ने इस्तीफा दिया है. उनका पार्टी में कोई महत्व ही नहीं था. उनकी पहचान राजद की वजह से था. उन्हें कोई पहचानता तक नहीं है. वहीं राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी तेजस्वी ने कहा कि उन्हें मना लिया जाएगा.

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