पटना: बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है. भाजपा और जदयू पंचायत चुनाव को लेकर तैयारी में जुटी है. मामला कोर्ट में होने के चलते नियत समय पर पंचायत चुनाव संपन्न होने की संभावना कम है.
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कार्यकर्ताओं को ट्रेंड कर रही भाजपा
राजनीतिक दल पंचायत चुनाव के जरिए अपनी ताकत बढ़ाना चाहते हैं. भारतीय जनता पार्टी पिछले कई माह से पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियों में जुटी है और बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को ट्रेंड किया जा रहा है. भाजपा प्रशिक्षण शिविर के जरिए पंचायत चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुटी है. भाजपा को लगता है कि पंचायत स्तर पर अगर चुनाव में सक्रिय रहेंगे तो पार्टी निचले स्तर तक मजबूत होगी.
जदयू भी कर रही तैयारी
भारतीय जनता पार्टी की सक्रियता को देखते हुए जदयू की ओर से भी पहल की गई है. जदयू धीरे-धीरे पंचायत चुनाव में सक्रियता बढ़ा रही है. हालांकि राजनीतिक दलों की तैयारियों को पंख नहीं लग पा रहा है. पंचायत चुनाव को लेकर सबकी निगाहें हाई कोर्ट पर टिकी हैं, 6 अप्रैल को फैसला आना है. इसमें ईवीएम को लेकर चल रहे गतिरोध पर निर्णय हो सकता है.
259260 पदों पर होगा चुनाव
गौरतलब है कि इस बार पंचायत चुनाव में 259260 पदों पर चुनाव होने हैं. 6 पदों के लिए 129 चुनाव चिन्ह घोषित किए गए हैं. मुखिया पद के लिए 8387, सरपंच पद के लिए 8387, वार्ड सदस्य के लिए 114667, पंचायत समिति सदस्य के लिए 11791, जिला परिषद सदस्य के लिए 1161 और पंच के लिए 114667 पदों पर चुनाव होना है.
पूरे दमखम से लड़ेंगे चुनाव
"पार्टी चुनाव की तैयारी में जुटी है. पार्टी पंचायत स्तर पर ऐसे कार्यकर्ताओं को तैयार करना चाहती है जो बिहार को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करें. जब भी पंचायत चुनाव होंगे पार्टी पूरे दमखम के साथ कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी होगी."- अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता
"हमारी पार्टी के कार्यकर्ता स्थानीय निकाय चुनाव में लड़ते आ रहे हैं. उन्हें जीत भी हासिल हुई है. जहां तक चुनाव के समय का सवाल है तो कोर्ट के फैसले के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा."- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता
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