पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) दिल्ली दौरे पर हैं, जिसके बाद बिहार की राजनीति (Bihar Politics) एक बार फिर से गरम हो गई है. मांझी के दिल्ली दौरे को लेकर राजद ने कहा है कि एनडीए से जीतन राम मांझी नाराज चल रहे हैं. साथ ही राजद ने मांझी को पार्टी में आने का ऑफर भी दे दिया है.
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दिल्ली में मांझी
हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी पोस्ट कोविड इलाज (Post Covid Treatment) के लिए दिल्ली गए हैं. वो सर गंगाराम अस्पताल (Sir Ganga Ram Hospital) में अपना इलाज करवाएंगे. इस दौरान मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए उन्होंने संकेत दिया कि वे बीजेपी का तो विरोध करते ही हैं, अब नीतीश कुमार का भी विरोध करेंगे.
'पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एक वरिष्ठ नेता हैं. मांझी से एनडीए के नेता खासकर नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले बहुत से वादे किए थे, लेकिन उन वादों को नीतीश कुमार ने पूरा नहीं किया. मांझी को मुख्यमंत्री ने कहा था कि सत्ता में आने के बाद सरकार में बड़ी हिस्सेदारी दी जाएगी. लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्हें जो मंत्री पद मिला,वो किसी से छिपा नहीं है. यहां तक उन्हें विधान परिषद की 1 सीट देने का भी वादा किया गया था उसे भी पूरा नहीं किया गया.'- सुधाकर सिंह, राजद विधायक
मांझी के बयान से खलबली
मांझी के बयान के बाद बिहार के विपक्षी दलों ने इसका अर्थ निकालना शुरू कर दिया है. राजद की तरफ से कहा जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एनडीए से नाराज चल रहे हैं.
लालू और मांझी की होगी मुलाकात?
लालू प्रसाद यादव दिल्ली में हैं और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी दिल्ली दौरे पर हैं. तो क्या लालू प्रसाद यादव और मांझी की मुलाकात हो सकती है. इसको लेकर सुधाकर सिंह ने कहा कि दोनों बड़े नेता हैं. एक दूसरे से मिलते-जुलते रहते हैं. लेकिन इसे राजनीति से जोड़कर देखा नहीं जाना चाहिए.
'इतना तो तय है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एनडीए से नाराज हैं. यदि वह महागठबंधन के साथ आना चाहते हैं तो हम लोग उनका स्वागत करेंगे.'- सुधाकर सिंह, राजद विधायक
क्या पीएम से होगी मांझी की मुलाकात?
इन सबके बीच पीएम नरेंद्र मोदी और जीतन राम मांझी के मुलाकात के कयास भी लगाए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल इस पर संशय बरकरार है. अगर दोनों की मुलाकात होती है तो किन मुद्दों पर बातचीत होगी इसके लिए भी इंतजार करना होगा क्योंकि सियासी हांडी चढ़ चुकी है. इसमें किसकी खिचड़ी पक रही है फिलहाल कह पाना मुश्किल है.
'हमारे नेता हमेशा अपनी नीतियों पर ही चलते हैं. जनता की भलाई के लिए सत्ता में रहकर भी वो सरकार के खिलाफ हमेशा अपनी आवाज उठाते रहते हैं. यदि किसी भी दल को हमारे नेता का बयान बुरा लगता है तो हम यही कहेंगे, सच कहना यदि बगावत है तो समझे हम भी बागी हैं. हमारी पार्टी हमेशा गरीबों, दलितों और शोषितों की आवाज उठाती रही है और आगे भी उठाती रहेगी.'- विजय यादव, प्रवक्ता, हम
इन मुद्दों पर पहले भी कर चुके हैं विरोध
- पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर जीतन राम मांझी ने विरोध जताया था.
- वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री के फोटो पर भी मांझी अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं.
- शहाबुद्दीन मौत मामले में भी मांझी ने जांच की मांग की थी और एक तरह से एनडीए से अलग स्टैंड लिया था.
- लॉकडाउन के विरोध में हमेशा मांझी बोलते रहे हैं और स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भी सरकार को कटघरे में खड़ा करते रहे हैं.
- राज्यपाल कोटे से एमएलसी की सीट नहीं मिलने पर भी अपनी नाराजगी जताई थी.
मांझी से मिल चुके हैं तेज
जब से लालू जेल से बाहर आए हैं, तब से बिहार की सियासत में एक ही बात की चर्चा हो रही है कि क्या एनडीए की सरकार (Bihar NDA) जाने वाली है? इस बात को तब बल मिल जाता है जब हम प्रमुख जीतन राम मांझी और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी, गठबंधन लाइन से इतर बयान देते हैं. अगर पिछले कुछ दिनों के बिहार के सियासी बयानों पर ध्यान देंगे तो लगता है कि यहां पर बहुत कुछ होने वाला है.
11 जून को लालू का जन्मदिन था. बिहार के सभी नेताओं ने लालू को बधाई भी दी. लेकिन दोपहर को जो हुआ, उसे देख और सुनकर यही कयास लगाए जाने लगे कि बिहार में सियासी खेल अभी बाकी है.
तेज प्रताप यादव अचानक हम प्रमुख जीतन राम मांझी से मिलने उनके सरकारी आवास पर पहुंच गए. लगभग 30 मिनट वहां पर रहे. खबर यह भी थी कि तेज प्रताप ने मांझी को अपने पिता लालू से फोन पर बात भी करवायी. हालांकि इस दौरान क्या बात हुई यह पता नहीं चल सका. एक बार फिर से दिल्ली में दिए मांझी के बयान से सियासी तूफान आ गया है.
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी लगातार नीतीश सरकार के कार्यों को लेकर आवाज उठा रहे हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि नीतीश सरकार बढ़िया कार्य कर रही है और सरकार पूरे 5 साल तक चलेगी. लेकिन इन सबके बीच तेज प्रताप यादव और जीतन राम मांझी की बंद कमरे में घंटों हुई मुलाकात राजद और हम के अच्छे संबंधों की ओर इशारा कर रहा है. ऐसे में जीतन राम मांझी दिल्ली गए हैं. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव दिल्ली में ही हैं. अब देखने वाली बात होगी कि क्या जीतन राम मांझी और लालू प्रसाद की मुलाकात होती है या नहीं.
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