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बिहार विधानसभा चुनाव में बदला एजेंडा, जात-पात से उठकर युवाओं को रिझाने में जुटे तमाम दल

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Published : Oct 1, 2020, 4:28 PM IST

Updated : Oct 1, 2020, 5:25 PM IST

बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दल अब हिंदू-मुस्लिम और जाति की राजनीति की जगह युवाओं को लुभाने में लगे हैं. युवाओं की जनसंख्या को देखकर राजनीतिक दलों ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी नीतियों में बदलाव किया है. सभी दलों के नेता अपने आप को युवाओं के सबसे बड़े हिमायती बता रहे हैं.

Political agenda ready for youth in Bihar assembly elections
Political agenda ready for youth in Bihar assembly elections

पटना: बिहार के चुनाव में हिंदू-मुस्लिम और जाति की राजनीति का बोलबाला रहता है. पॉलिटिकल पार्टी के नेता प्रदेश की जनता को जात-पात के नाम पर बांट कर या फिर धर्म के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेकते हैं. हालांकि अब सूचना क्रांति के दौर में राजनीतिक दलों ने महसूस किया कि अब जात- पात और धर्म के नाम पर राजनीति नहीं हो सकती है, लिहाजा राजनीतिक दलों की नजर युवा वोट बैंक को लुभाने पर है.

विधानसभा चुनाव में युवाओं की भूमिका होगी अहम
बिहार में युवाओं की आबादी देश में सबसे ज्यादा है. बिहार की कुल आबादी का 27 फीसदी युवा है, जिनकी उम्र 18 साल से 30 साल के बीच है. कुल मिलाकर 10 करोड़ 40 लाख बिहार में युवा है. युवाओं की जनसंख्या को देखकर राजनीतिक दलों ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी नीतियों में बदलाव किया है. राजनीतिक दल खुद को अब जात-पात और धर्म के बजाय युवाओं के सबसे बड़े हिमायती साबित करने में जुटे हैं.

रोजगार बना चुनावी मुद्दा
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार बनने के बाद 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने की बात कही है. इससे एनडीए के नेताओं की परेशानी बढ़ी हुई है. आरजेडी ने युवा वोट बैंक को साधने के लिए मुकम्मल तैयारी कर रखी है. पार्टी प्रवक्ता अशोक भारद्वाज ने कहा कि तेजस्वी यादव खुद युवा हैं और युवाओं के दर्द को वह बेहतर समझते हैं. राजनीति में भी तेजस्वी यादव युवाओं को तरजीह दे रहे हैं. सरकार बनने के बाद युवाओं के लिए सरकार ठोस कदम उठाएगी.

पेश है रिपोर्ट

'बिहारी फर्स्ट विजन में युवाओं को प्रमुखता'
लोजपा प्रवक्ता संजय पासवान ने कहा है कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने सबसे पहले युवा आयोग बनाने की मांग की थी. हमारे नेता भी युवा हैं और युवाओं के बीच चिराग पासवान बेहद लोकप्रिय हैं. बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन डॉक्यूमेंट में युवाओं को प्रमुखता दी गई है.

'नीतीश करते हैं युवाओं की चिंता'
हालांकि जेडीयू नेता सीएम नीतीश सरकार को युवाओं की चिंता करने वाली सरकार बता रहे हैं. जेडीयू नेता और विधान पार्षद खालिद अनवर ने तेजस्वी और चिराग पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार के अंदर लाखों युवा हैं लेकिन लालू यादव के बेटे और रामविलास पासवान के बेटे को ही राजनीति में जगह क्यों मिली. इन लोगों ने दूसरे युवाओं को क्यों नहीं प्रमोट किया? साथ ही खालिद अनवर ने कहा कि नीतीश कुमार ने युवाओं के लिए जो कुछ किया है, वो सबके सामने है. सरकार आगे भी युवाओं की चिंता करेगी.

युवाओं को आगे लाने की योजना- बीजेपी
इसके अलावा बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने दावा किया है कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने युवाओं की सबसे ज्यादा चिंता की है. नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने में युवा सबसे आगे थे. बगैर युवाओं के प्रदेश और बिहार का विकास नहीं हो सकता है. आत्मनिर्भर बिहार के तहत हमने युवाओं को आगे लाने की योजना बनाई है.

पटना: बिहार के चुनाव में हिंदू-मुस्लिम और जाति की राजनीति का बोलबाला रहता है. पॉलिटिकल पार्टी के नेता प्रदेश की जनता को जात-पात के नाम पर बांट कर या फिर धर्म के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेकते हैं. हालांकि अब सूचना क्रांति के दौर में राजनीतिक दलों ने महसूस किया कि अब जात- पात और धर्म के नाम पर राजनीति नहीं हो सकती है, लिहाजा राजनीतिक दलों की नजर युवा वोट बैंक को लुभाने पर है.

विधानसभा चुनाव में युवाओं की भूमिका होगी अहम
बिहार में युवाओं की आबादी देश में सबसे ज्यादा है. बिहार की कुल आबादी का 27 फीसदी युवा है, जिनकी उम्र 18 साल से 30 साल के बीच है. कुल मिलाकर 10 करोड़ 40 लाख बिहार में युवा है. युवाओं की जनसंख्या को देखकर राजनीतिक दलों ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी नीतियों में बदलाव किया है. राजनीतिक दल खुद को अब जात-पात और धर्म के बजाय युवाओं के सबसे बड़े हिमायती साबित करने में जुटे हैं.

रोजगार बना चुनावी मुद्दा
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार बनने के बाद 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने की बात कही है. इससे एनडीए के नेताओं की परेशानी बढ़ी हुई है. आरजेडी ने युवा वोट बैंक को साधने के लिए मुकम्मल तैयारी कर रखी है. पार्टी प्रवक्ता अशोक भारद्वाज ने कहा कि तेजस्वी यादव खुद युवा हैं और युवाओं के दर्द को वह बेहतर समझते हैं. राजनीति में भी तेजस्वी यादव युवाओं को तरजीह दे रहे हैं. सरकार बनने के बाद युवाओं के लिए सरकार ठोस कदम उठाएगी.

पेश है रिपोर्ट

'बिहारी फर्स्ट विजन में युवाओं को प्रमुखता'
लोजपा प्रवक्ता संजय पासवान ने कहा है कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने सबसे पहले युवा आयोग बनाने की मांग की थी. हमारे नेता भी युवा हैं और युवाओं के बीच चिराग पासवान बेहद लोकप्रिय हैं. बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन डॉक्यूमेंट में युवाओं को प्रमुखता दी गई है.

'नीतीश करते हैं युवाओं की चिंता'
हालांकि जेडीयू नेता सीएम नीतीश सरकार को युवाओं की चिंता करने वाली सरकार बता रहे हैं. जेडीयू नेता और विधान पार्षद खालिद अनवर ने तेजस्वी और चिराग पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार के अंदर लाखों युवा हैं लेकिन लालू यादव के बेटे और रामविलास पासवान के बेटे को ही राजनीति में जगह क्यों मिली. इन लोगों ने दूसरे युवाओं को क्यों नहीं प्रमोट किया? साथ ही खालिद अनवर ने कहा कि नीतीश कुमार ने युवाओं के लिए जो कुछ किया है, वो सबके सामने है. सरकार आगे भी युवाओं की चिंता करेगी.

युवाओं को आगे लाने की योजना- बीजेपी
इसके अलावा बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने दावा किया है कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने युवाओं की सबसे ज्यादा चिंता की है. नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने में युवा सबसे आगे थे. बगैर युवाओं के प्रदेश और बिहार का विकास नहीं हो सकता है. आत्मनिर्भर बिहार के तहत हमने युवाओं को आगे लाने की योजना बनाई है.

Last Updated : Oct 1, 2020, 5:25 PM IST
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