पटना: बिहार पुलिस के अधिकारी नए हथियारों और तकनीक के मामले में अपडेट रहें इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने उन्हें ट्रेनिंग देने का फैसला किया है. डीएसपी से लेकर दारोगा तक बिहार पुलिस के सभी अधिकारियों को अब प्रमोशन पाने के लिए 48 दिन की ट्रेनिंग पास करनी होगी. इस दौरान उन्हें कानून का पाठ पढ़ाया जाएगा. उन्हें सबूत इकट्ठा करने और केस डायरी लिखने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया जाएगा.
डीजी ट्रेनिंग आलोक राज ने तैयार किया है सिलेबस
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार डीएसपी, इंस्पेक्टर और दारोगा के इन तीन प्रमुख पदों पर तैनात पुलिस अधिकारियों को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए सेवाकालीन प्रशिक्षण होना है. डीजी ट्रेनिंग आलोक राज की अध्यक्षता में बनी समिति ने इसका पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है. जल्द ही इसे अनुमोदन के लिए डीजीपी के पास भेजा जाएगा.
पुलिसकर्मियों को कानून और अनुसंधान की बारीकियों से लेकर साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन, फॉरेंसिक साइंस और मानव प्रबंधन जैसे विषय की जानकारी दी जाएगी. कानून में हुए बदलाव से पुलिसकर्मियों को अवगत कराया जाएगा. अधिकारियों को बताया जाएगा कि साइबर क्राइम की रोकथाम कैसे की जा सकती है और इससे जुड़े कौन से कानून हैं. वैज्ञानिक अनुसंधान में तकनीक का इस्तेमाल कैसे करना है, इसकी जानकारी भी दी जाएगी. पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान ज्यादा तनाव होता है. तनाव मुक्त रहने के लिए उनसे योगाभ्यास भी कराया जाएगा.
48 कार्य दिवस का होगा प्रशिक्षण
पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग 48 कार्य दिवस की होगी. पुलिस अधिकारियों के लिए सेवाकालीन दो प्रशिक्षण अनिवार्य होंगे. नौकरी में आने के बाद पहला प्रशिक्षण 7 से 10 और दूसरा 14 से 18 वर्ष के बीच होगा. पहला प्रशिक्षण पूरा होने पर ही उन्हें 10 साल बाद दी जाने वाली प्रोन्नति का लाभ मिल पाएगा.