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राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित बुजुर्ग को गेस्ट हाउस में पुलिस ने खिलाया खाना - पटना पुलिस

वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देशभर हुए लॉक डाउन में पटना के एग्जीबिशन रोड पाटलिपुत्र गेस्ट हाउस में फंसे एक बुजुर्ग के कॉल पर पटना पुलिस ने फौरन मौके पर पहुंच कर मदद की.

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Published : Apr 7, 2020, 6:06 PM IST

Updated : Apr 7, 2020, 7:45 PM IST

पटना: लॉक डाउन के दौरान पटना पुलिस के कई रूप देखने को मिले हैं. इसी कड़ी में मंगलवार की सुबह पटना गांधी मैदान के थानाध्यक्ष का एक अलग ही रूप देखने को मिला है.

दरअसल, गांधी मैदान थानाध्यक्ष के सरकारी नंबर पर बक्सर के रहने वाले एक बुजुर्ग ने कॉल करके बताया कि वह पटना के एग्जीबिशन रोड पाटलिपुत्र गेस्ट हाउस में लॉक डाउन के दौरान फंस गए हैं और गेस्ट हाउस में रूके होने के कारण खाना-खाने की काफी समस्या आ रही है.

थानाध्यक्ष से बात करते संवाददाता

बुजुर्ग को लॉक डाउन तक खाना खिलाने का आश्वाशन

गांधी मैदान थानाध्यक्ष के नंबर पर कॉल आते ही थानाध्यक्ष ने अपने दल-बल के साथ पटना के एग्जीबिशन रोड स्थित पाटलिपुत्र गेस्ट हाउस पहुंच गए. गेस्ट हाउस में मौजूद बुजुर्ग सहित अन्य लोगों को खाने-पीने का सामान और हाथ धोने के लिए डिटॉल साबुन दिया. साथ ही गेस्ट हाउस में रूके लोगों को रोज दोनों समय का खाना खिलाने का आश्वाशन भी दिया.

इस दौरान गेस्ट हाउस में फंसे बुजुर्ग बीएन कुशवाहा ने बताया कि वह किसी काम से पटना पहुंचे थे. उसी दौरान सरकार ने पूरे देश को लॉक डाउन कर दिया. जिस कारण वह इसी गेस्ट हाउस में रहने को मजबूर हो गए और धीरे-धीरे उनके साथ खाना-खाने की समस्या उत्पन्न हो गई.

सत्तू और नमक का घोल के सहारे कट रहा था समय
इससे निजात पाने के लिए उन्होंने एक पैकेट सत्तू और एक पैकेट नमक खरीदा और लगातार तीन दिनों से सत्तू और नमक का घोल बनाकर पी रहे थे. जैसे ही उन्हें गेस्ट हाउस में मौजूद एक व्यक्ति से गांधी मैदान थानाध्यक्ष का नंबर मिला तो उन्होंने तुरंत उस नंबर पर कॉल किया. कॉल जाते ही गांधी मैदान थानाध्यक्ष ने मौके पर पहुंचकर उन्हें खाने की सामग्री के साथ-साथ डिटॉल साबुन भी प्रदान की. आगे बुजुर्ग ने बताया कि वह पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और देश के कई गरिमा मई लोगों के हाथों कई बार सम्मानित हो चुके हैं.

'पुलिस का यह रूप जीवन में पहली बार देखा'
पूरे लॉक डाउन तक मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें खाना-पानी देने का आश्वासन दिया, जिससे वह काफी खुश हैं. इस बावत बीएन कुशवाहा ने यह भी बयाया कि पुलिस के कई रूप उन्होंने देखे थे, पर ऐसा मानवीय रूप उन्होंने अपने जीवन में पहली बार देखा है.

वहीं, गांधी मैदान थानाध्यक्ष से जब खुद को बचाव के लिए उपाय के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वे हर रोज घर में कदम रखने से पहले अपने कपड़े को उतार कर डिटॉल में भिगोते हैं और फिर अपने शरीर को पूरी तरह से सैनिटाइज कर स्नान करते हैं, उसके बाद ही अपने परिवार के किसी सदस्य से मिलते हैं.

पटना: लॉक डाउन के दौरान पटना पुलिस के कई रूप देखने को मिले हैं. इसी कड़ी में मंगलवार की सुबह पटना गांधी मैदान के थानाध्यक्ष का एक अलग ही रूप देखने को मिला है.

दरअसल, गांधी मैदान थानाध्यक्ष के सरकारी नंबर पर बक्सर के रहने वाले एक बुजुर्ग ने कॉल करके बताया कि वह पटना के एग्जीबिशन रोड पाटलिपुत्र गेस्ट हाउस में लॉक डाउन के दौरान फंस गए हैं और गेस्ट हाउस में रूके होने के कारण खाना-खाने की काफी समस्या आ रही है.

थानाध्यक्ष से बात करते संवाददाता

बुजुर्ग को लॉक डाउन तक खाना खिलाने का आश्वाशन

गांधी मैदान थानाध्यक्ष के नंबर पर कॉल आते ही थानाध्यक्ष ने अपने दल-बल के साथ पटना के एग्जीबिशन रोड स्थित पाटलिपुत्र गेस्ट हाउस पहुंच गए. गेस्ट हाउस में मौजूद बुजुर्ग सहित अन्य लोगों को खाने-पीने का सामान और हाथ धोने के लिए डिटॉल साबुन दिया. साथ ही गेस्ट हाउस में रूके लोगों को रोज दोनों समय का खाना खिलाने का आश्वाशन भी दिया.

इस दौरान गेस्ट हाउस में फंसे बुजुर्ग बीएन कुशवाहा ने बताया कि वह किसी काम से पटना पहुंचे थे. उसी दौरान सरकार ने पूरे देश को लॉक डाउन कर दिया. जिस कारण वह इसी गेस्ट हाउस में रहने को मजबूर हो गए और धीरे-धीरे उनके साथ खाना-खाने की समस्या उत्पन्न हो गई.

सत्तू और नमक का घोल के सहारे कट रहा था समय
इससे निजात पाने के लिए उन्होंने एक पैकेट सत्तू और एक पैकेट नमक खरीदा और लगातार तीन दिनों से सत्तू और नमक का घोल बनाकर पी रहे थे. जैसे ही उन्हें गेस्ट हाउस में मौजूद एक व्यक्ति से गांधी मैदान थानाध्यक्ष का नंबर मिला तो उन्होंने तुरंत उस नंबर पर कॉल किया. कॉल जाते ही गांधी मैदान थानाध्यक्ष ने मौके पर पहुंचकर उन्हें खाने की सामग्री के साथ-साथ डिटॉल साबुन भी प्रदान की. आगे बुजुर्ग ने बताया कि वह पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और देश के कई गरिमा मई लोगों के हाथों कई बार सम्मानित हो चुके हैं.

'पुलिस का यह रूप जीवन में पहली बार देखा'
पूरे लॉक डाउन तक मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें खाना-पानी देने का आश्वासन दिया, जिससे वह काफी खुश हैं. इस बावत बीएन कुशवाहा ने यह भी बयाया कि पुलिस के कई रूप उन्होंने देखे थे, पर ऐसा मानवीय रूप उन्होंने अपने जीवन में पहली बार देखा है.

वहीं, गांधी मैदान थानाध्यक्ष से जब खुद को बचाव के लिए उपाय के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वे हर रोज घर में कदम रखने से पहले अपने कपड़े को उतार कर डिटॉल में भिगोते हैं और फिर अपने शरीर को पूरी तरह से सैनिटाइज कर स्नान करते हैं, उसके बाद ही अपने परिवार के किसी सदस्य से मिलते हैं.

Last Updated : Apr 7, 2020, 7:45 PM IST
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