पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कोविड-19 के मद्देनजर चुनाव आयोग ने महज 3 चरणों में चुनाव कराने का निर्णय लिया है. जिस वजह से बिहार पुलिस के अलावे बाहर से भी अत्यधिक संख्या में अर्धसैनिक बल और दूसरे राज्यों की पुलिस की तैनाती की गई है.
'नक्सल प्रभावित इलाकों में अधिक जवानों की तैनाती'
पुलिस मुख्यालय की माने तो बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण सबसे संवेदनशील माना जा रहा है. प्रथम चरण में बिहार के 71 विधानसभा क्षेत्रों में 28 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. 28 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में कई इलाके के नक्सली प्रभावित है. औरंगाबाद, गया और लखीसराय नक्सली प्रभावित जिले हैं, जिस वजह से इन इलाकों में अधिक जवानों की तैनाती की गई है. नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में मतदान केंद्रों तक जाने वाले रास्ते में चुनाव से पहले ही रोड ओपनिंग पार्टी कमान संभाल लेगी. इसमें सुरक्षा बलों की कई कंपनियों को लगाया जाएगा. नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में अर्धसैनिक बल के साथ दूसरे राज्यों से आए पुलिस और बिहार पुलिस के जवानों को तैनाती की जाएगी.
'हेलीकॉप्टर से पेट्रोलिंग'
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जमीन नदी और हवा तीनों स्तरों पर पेट्रोलिंग शुरू की गई है. विधानसभा चुनाव में इस बार नक्सल प्रभावित और दियारा इलाके में एयर पेट्रोलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. चुनाव आयोग ने नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराया है. हेलीकॉप्टर पर पैरामिलिट्री के जवान सवार होकर नक्सल और दियारा इलाके में जहां मतदान के दौरान गड़बड़ी की आशंका है, वहां पेट्रोलिंग लगातार किया जा रहा है. पुलिस मुख्यालय के अनुसार लखीसराय, मुंगेर, जमुई के नक्सल प्रभावित इलाकों में पेट्रोलिंग शुरु हो चुकी है.
वहीं सारण, भोजपुर, वैशाली, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज के दियारा में विशेष हेलीकॉप्टर द्वारा हवाई पेट्रोलिंग की जा रही है. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक पिछले 15 दिनों से अर्धसैनिक बलों की मदद से एरिया डोमिनेशन का कार्य मुख्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर किया जा रहा है ताकि चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण व्यवस्था बनी रहे.