पटना: सूबे का सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच अब आईजीआईएमएस की तरह स्वायत्त संस्था बनने जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. स्वायत्त संस्था होने पर पीएमसीएच के विकास में तेजी आएगी. अब सभी फैसलों की मंजूरी के लिए पीएमसीएच को स्वास्थ्य विभाग की ओर देखना नहीं पड़ेगा.
आईजीआईएमएस की तरह पीएमसीएच करेगा काम
स्वायत्त होने पर कॉलेज एवं अस्पताल प्रशासन पर स्वास्थ्य विभाग का नियंत्रण नाम मात्र का रह जाएगा. आईजीआईएमएस को जिस तरह से सरकार ने ऑटोनॉमस बनाया गया है, ठीक वैसे ही पीएमसीएच भी काम करेगा. यहां भी एक निदेशक का पद विकसित किया जाएगा. निदेशक के अंतर्गत ही कॉलेज के प्राचार्य और अधीक्षक काम करेंगे. निदेशक की नियुक्ति सरकार करेगी और जिस निकाय का गठन किया जाएगा, स्वास्थ्य मंत्री उसके अध्यक्ष होंगे.
ऑटोनॉमस बनाने के लिए कमेटी गठित
पीएमसीएच को स्वायत्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अपर सचिव डॉ कौशल किशोर की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है. कमेटी में नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्राचार्य डॉ विजय कुमार गुप्ता, सामाजिक संगठन केयर के एक प्रतिनिधि और स्वास्थ्य विभाग के प्रशाखा पदाधिकारी अरविंद कुमार झा को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है. कमेटी पीएमसीएच को ऑटोनॉमस बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार करेगी.
पीएमसीएच खुद कर पाएगा योजनाओं को लागू
बता दें कि पहले पीएमसीएच में राज्य के कोने-कोने से आने वाले मरीजों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता था. समस्याओं को दुरूस्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से योजनाएं लागू होने में काफी वक्त लगता था. ऑटोनॉमस संस्थान होने पर पीएमसीएच अब खुद योजनाओं को लागू कर पाएगा. ऐसे में हर छोटी-बड़ी समस्याओं का निदान पीएमसीएच खुद करेगा.