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ईटीवी भारत से बोले एक्सपर्ट- इस प्रकार के PPE किट का करें इस्तेमाल

कोरोना महामारी में सबसे कारगर साबित होने वाली पीपीई किट की जरूरत को लेकर पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि यहां डॉक्टर्स डब्ल्यूएचओ से सर्टिफाइड पीपीई किट का उपयोग करते हैं.

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Published : Jun 7, 2020, 8:47 PM IST

पटना: कोरोना संक्रमण के दौरान पीपीई किट की उपयोगिता और अस्पतालों से आ रही लगातार पीपीई किट की कमी की खबरों को ध्यान में देखते हुए अब कई निजी कंपनियां भी पीपीई किट बनाना शुरू कर दी है. राजधानी पटना में कई बुटीक संचालिका भी पीपीई किट बनाना शुरू कर दी है. बाजार में 500 से लेकर 6000 तक के बीच में पीपीई किट मौजूद हैं. अब ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि सभी प्रकार के पीपीई किट स्वास्थ्यकर्मी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.

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पीपीटई किट का हो रहा निर्माण

पटना में पीपीई किट का निर्माण कर रही बुटीक संचालिका श्वेता कुमारी बताती हैं कि पीपीई किट बनाने के लिए दो प्रकार के कपड़े मिलते हैं. एक सफेद रंग का जो 85 एमएम का होता है और दूसरा नीले रंग का जो 95 एमएम का होता है. उन्होंने बताया कि एक पीपीई किट का पूरा सेट तैयार करने में उन्हें 650 रुपये के करीब लागत आता है. जिसमें वह फेस शिल्ड और सैनिटाइजर भी रखती हैं.

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पीपीई किट बनाते कर्मचारी

क्या है PPE किट की कीमत?
वहीं, पूरे विश्व में स्वास्थ्य की सेवा में काम करने वाली संस्था डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के इंडिया हेड प्रिंस मैथ्यू ने बताया कि सभी प्रकार की पीपीई कीट जो बाजार में मिल रहे हैं, कोरोना वायरस के संक्रमण काल में वह स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपयोगी नहीं है. उन्होंने बताया कि वह अपने यहां वही पीपीई किट इस्तेमाल करते हैं जो डब्ल्यूएचओ से सर्टिफाइड होता है. प्रिंस ने आगे बताया कि एक पीपीई किट की कीमत लगभग 3000 के करीब होती है. इस पीपीई किट में ट्रांसपेरेंट स्पेक्टकल्स भी मौजूद रहता है. प्रिंस मैथ्यू ने कहा कि बाजार में जो सस्ते पीपीई किट मिल रहे हैं, उनमें शीर्ष से शील्ड घटिया क्वालीटि का रह रहा है, जो संक्रमण रोकने में कोई काम नहीं करता है. उन्होंने बताया कि स्पेक्टकल्स और एन-95 मास्क के बाद ही फेस शिल्ड का उपयोग करना कारगर होता है.

पेश है रिपोर्ट

PPE किट के संबंध में डॉक्टर की राय
वहीं, स्वास्थ्य कर्मियों के लिए किस प्रकार की पीपीई किट उपयोगी है, इसकी जानकारी पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने दी. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद लोगों को पीपीई किट का महत्व समझ में आया है. उन्होंने बताया कि पीपीई किट एक इन्वायरमेंट क्रिएट करता है और वायरस को शरीर के कांटेक्ट में आने से रोकता है. प्राचार्य ने बताया कि यह जरूर है कि बाजार में अब बहुत सारे पीपीई किट बनने लगे हैं और कुछ ऐसे भी पीपीई किट मिल रहे हैं जिस को छूने से हट जा रहा है और उसमें कई प्रकार के छेद मिल रहे हैं.

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प्रिंस मैथ्यू, डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स, इंडिया हेड

पीएमसीएच के प्राचार्य ने दी जानकारी
पीएमसीएच के प्राचार्य ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान सैंपल कलेक्शन के लिए कार्यों में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों और संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए गुणवत्तापूर्ण पीपीई किट पहनना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच सरकारी अस्पताल है, इसलिए यहां डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर की ओर से सर्टिफाइड पीपीई कीट की सप्लाई होती है. जोकि बीएमएसआईसीएल नामक संस्था उपलब्ध कराती है.

पटना: कोरोना संक्रमण के दौरान पीपीई किट की उपयोगिता और अस्पतालों से आ रही लगातार पीपीई किट की कमी की खबरों को ध्यान में देखते हुए अब कई निजी कंपनियां भी पीपीई किट बनाना शुरू कर दी है. राजधानी पटना में कई बुटीक संचालिका भी पीपीई किट बनाना शुरू कर दी है. बाजार में 500 से लेकर 6000 तक के बीच में पीपीई किट मौजूद हैं. अब ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि सभी प्रकार के पीपीई किट स्वास्थ्यकर्मी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.

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पीपीटई किट का हो रहा निर्माण

पटना में पीपीई किट का निर्माण कर रही बुटीक संचालिका श्वेता कुमारी बताती हैं कि पीपीई किट बनाने के लिए दो प्रकार के कपड़े मिलते हैं. एक सफेद रंग का जो 85 एमएम का होता है और दूसरा नीले रंग का जो 95 एमएम का होता है. उन्होंने बताया कि एक पीपीई किट का पूरा सेट तैयार करने में उन्हें 650 रुपये के करीब लागत आता है. जिसमें वह फेस शिल्ड और सैनिटाइजर भी रखती हैं.

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पीपीई किट बनाते कर्मचारी

क्या है PPE किट की कीमत?
वहीं, पूरे विश्व में स्वास्थ्य की सेवा में काम करने वाली संस्था डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के इंडिया हेड प्रिंस मैथ्यू ने बताया कि सभी प्रकार की पीपीई कीट जो बाजार में मिल रहे हैं, कोरोना वायरस के संक्रमण काल में वह स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपयोगी नहीं है. उन्होंने बताया कि वह अपने यहां वही पीपीई किट इस्तेमाल करते हैं जो डब्ल्यूएचओ से सर्टिफाइड होता है. प्रिंस ने आगे बताया कि एक पीपीई किट की कीमत लगभग 3000 के करीब होती है. इस पीपीई किट में ट्रांसपेरेंट स्पेक्टकल्स भी मौजूद रहता है. प्रिंस मैथ्यू ने कहा कि बाजार में जो सस्ते पीपीई किट मिल रहे हैं, उनमें शीर्ष से शील्ड घटिया क्वालीटि का रह रहा है, जो संक्रमण रोकने में कोई काम नहीं करता है. उन्होंने बताया कि स्पेक्टकल्स और एन-95 मास्क के बाद ही फेस शिल्ड का उपयोग करना कारगर होता है.

पेश है रिपोर्ट

PPE किट के संबंध में डॉक्टर की राय
वहीं, स्वास्थ्य कर्मियों के लिए किस प्रकार की पीपीई किट उपयोगी है, इसकी जानकारी पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने दी. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद लोगों को पीपीई किट का महत्व समझ में आया है. उन्होंने बताया कि पीपीई किट एक इन्वायरमेंट क्रिएट करता है और वायरस को शरीर के कांटेक्ट में आने से रोकता है. प्राचार्य ने बताया कि यह जरूर है कि बाजार में अब बहुत सारे पीपीई किट बनने लगे हैं और कुछ ऐसे भी पीपीई किट मिल रहे हैं जिस को छूने से हट जा रहा है और उसमें कई प्रकार के छेद मिल रहे हैं.

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प्रिंस मैथ्यू, डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स, इंडिया हेड

पीएमसीएच के प्राचार्य ने दी जानकारी
पीएमसीएच के प्राचार्य ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान सैंपल कलेक्शन के लिए कार्यों में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों और संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए गुणवत्तापूर्ण पीपीई किट पहनना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच सरकारी अस्पताल है, इसलिए यहां डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर की ओर से सर्टिफाइड पीपीई कीट की सप्लाई होती है. जोकि बीएमएसआईसीएल नामक संस्था उपलब्ध कराती है.

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