पटनाः बिहार का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल पटना मेडिकल काॅलेज एंड हाॅस्पीटल (PMCH) इन दिनों अपने अजीबोगरीब कारनामों के कारण काफी सुर्खियों में है. PMCH ने फिर से एक बार नया कारनामा कर दिया. इस बार पीएमसीएच ने 9 साल की बच्ची का कोरोना टेस्ट रिपोर्ट 5 दिन के बाद दिया है और वो भी ब्लैंक.
दरअसल, 9 साल की बच्ची ने पीएमसीएच में कोरोना जांच कराई थी. जिसकी रिपोर्ट 5 दिनों के बाद मिली, लेकिन रिपोर्ट में ना तो पॉजिटिव और ना ही निगेटिव लिखा मिला. जहां जांच के बाद रिपोर्ट लिखी होनी थी, वह जगह खाली थी. यानी रिपोर्ट में न तो पॉजिटिव लिखा गया है और न ही निगेटिव. ऐसे में परिवार वाले असमंजस में है कि इसे क्या मानें.
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5 दिन बाद आई खाली रिपोर्ट
PMCH की ओर से की गई इतनी बड़ी लापरवाही और गलती किसी मरीज की जान भी ले सकती है. दरअसल, पटना के रहने वाले एक परिवार ने पीएमसीएच के निकट एक डॉक्टर से अपनी बच्ची का इलाज करवा रहे थे. बच्ची में कोरोना के लक्षण को देखते हुए डॉक्टर ने उन्हें कोरोना जांच कराने की सलाह दी. इसपर बच्ची का पीएमसीएच में RT-PCR जांच कराया गया. 5 दिनों के बाद रिपोर्ट भी आई, लेकिन जब डॉक्टर ने रिपोर्ट देखा तो वह हैरान रह गए. रिपोर्ट में सब कुछ था, बस यह नहीं लिखा था कि मरीज पॉजिटिव है या निगेटिव. जिस तरीके से राजधानी में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, ऐसी स्थिति में इस तरीके की गलती, कई लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकती है.
लापरवाही के कई मामले सामने आए
इस मामले के बाद से पीएमसीएच पर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं कि आखिर पीएमसीएच कब तक ऐसी लापरवाही और गलतियां करता रहेगा. पिछले कुछ दिनों में पीएमसीएच से लापरवाही के कई मामले सामने आए हैं. पहले जिंदा मरीज को मुर्दा बताकर उसके परिवार को दूसरे की डेड बॉडी दे देना, फिर पॉजिटिव मरीज को निगेटिव बताकर डिस्चार्ज कर देना और अब जांच की रिपोर्ट तो आई लेकिन खाली. बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में इस तरीके की लापरवाही होगी तो कैसे बिहार कोरोना से जंग को जीत पाएगा.