पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरीकरण को समस्या की जगह आज के दौर की सच्चाई बताया है. बिहार को अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर की सात अहम परियोजनाओं की सौगात देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि शहरीकरण आज के दौर की सच्चाई है. लेकिन कई दशकों से हमारी एक मानसिकता बन गई थी, हमने ये मान लिया था जैसे कि शहरीकरण खुद में कोई समस्या है, कोई बाधा है! लेकिन मेरा मानना है, ऐसा नहीं है. ऐसा बिलकुल भी नहीं है.
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि, 'आज जिन चार परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ है इससे शहरी गरीबों का जीवन आसान बनाने की दिशा में नई सुविधाएं मिली हैं. आज इसी के साथ हम इंजीनियर दिवस भी मना रहे हैं. मैं इस अवसर पर सभी इंजीनियरों को, उनकी निर्माण शक्ति को आदरपूर्वक नमन करता हूं. बिहार तो देश के विकास को नई ऊंचाई देने वाले लाखों इंजीनियर देता है. बिहार की धरती तो आविष्कार और इनोवेशन की पर्याय रही है.'
इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं हो पाया था अपग्रेड
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक दौर ऐसा आया, जब बिहार में मूल सुविधाओं के निर्माण के बजाय, प्राथमिकताएं और प्रतिबद्धतताएं बदल गईं. राज्य में गवर्नेंस से फोकस ही हट गया. इसका परिणाम ये हुआ कि बिहार के गांव पिछड़ते गए और जो शहर कभी समृद्धि का प्रतीक थे, उनका इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड हो ही नहीं पाया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सड़कें हों, गलियां हों, पीने का पानी हो, सीवरेज हो, ऐसी अनेक मूल समस्याओं को या तो टाल दिया गया या फिर जब भी इनसे जुड़े काम हुए वो घोटालों की भेंट चढ़ गए.
पीएम मोदी इन परियोजनाओं का किया उद्घाटन
- पटना नगर निगम क्षेत्र अन्तर्गत बेऊर में नमामि गंगे योजना अंतर्गत बनाए गए जल-मल शोधन संयंत्र
- सीवान नगर परिषद और छपरा नगर निगम के क्षेत्र में जलापूर्ति योजनाओं का लोकार्पण
- मुंगेर जलापूर्ति योजना का भी शिलान्यास
- जमालपुर में भी जमालपुर जलापूर्ति योजना का शिलान्यास
- मुजफ्फरपुर रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना का शिलान्यास
'बिहार के लोगों ने दशकों तक सहा है दर्द'
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि, जब शासन पर स्वार्थनीति हावी हो जाती है, वोट बैंक का तंत्र सिस्टम को दबाने लगता है, तो सबसे ज्यादा असर समाज के उस वर्ग पर पड़ता है, जो प्रताड़ित है, वंचित है, शोषित है. बिहार के लोगों ने इस दर्द को दशकों तक सहा है.
'बिहार सरकार कमजोर वर्ग का आत्मविश्वास लौटाने का कर रही है प्रयास'
बीते डेढ़ दशक से नीतीश कुमार, सुशील मोदी और उनकी टीम समाज के सबसे कमजोर वर्ग के आत्मविश्वास को लौटाने का प्रयास कर रही है. जिस प्रकार बेटियों की पढ़ाई को, पंचायती राज सहित स्थानीय निकाय में वंचित, शोषित समाज की भागीदारी को प्राथमिकता दी गई है, उससे उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है.
'पानी और सीवर जैसी मूल सुविधाओं में निरंतर सुधार'
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब केंद्र और बिहार सरकार के साझा प्रयासों से बिहार के शहरों में पीने के पानी और सीवर जैसी मूल सुविधाओं में निरंतर सुधार हो रहा है. मिशन अमृत और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत बीते 4-5 सालों में बिहार के शहरी क्षेत्र में लाखों परिवारों को पानी की सुविधा से जोड़ा गया है.
'जल जीवन मिशन के तहत पूरे देश में 2 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन'
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि बीते 1 साल में, जल जीवन मिशन के तहत पूरे देश में 2 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं. आज देश में हर दिन 1 लाख से ज्यादा घरों को पाइप से पानी के नए कनेक्शन से जोड़ा जा रहा है. स्वच्छ पानी, न सिर्फ जीवन बेहतर बनाता है बल्कि अनेक गंभीर बीमारियों से भी बचाता है.
कोरोना से बचने के लिए जागरुकता
आखिर में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, 'कोरोना से बचने के लिए दो गज की दूरी औ साफ-सफाई बेहद जरूरी है. हमारे वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने में जुटे हैं.' इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के लिए नारा दिया, 'जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं.'