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सावधानियों के साथ नवजात शिशुओं की हो रहा फिजियोथेरेपी - फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर

फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर के मुताबिक बच्चों और बड़ों में फिजियोथेरेपी ट्रीटमेंट देने में कठिनाई ज्यादा नहीं आती है. बच्चों को थोड़ा संभालने में समय जरूर लगता है. लेकिन नवजात शिशु होते हैं उनका इलाज तत्काल करना होता है. सभी के ट्रीटमेंट के लिए फिजियोथेरेपी स्पेशलिस्ट डॉक्टर मौजूद रहते हैं.

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Published : May 9, 2020, 7:12 PM IST

पटनाः कोरोना काल में सभी काफी परेशान हैं और काफी सावधानियां भी बरत रहे हैं. स्वाभाविक सी बात है जिस तरीके से कोरोना वायरस अपना पांव तेजी से फैला रहा है. सभी को जागरूक रहना होगा. लेकिन इस विपदा की घड़ी में नवजात शिशुओं का किस तरीके से हो रहा फिजियोथेरेपी इलाज यह जानने हम पहुंचे पटना के महावीर वात्सल अस्पताल, जो कि बाल चिकित्सा व हृदय रोग विशेषज्ञ अस्पताल है.

'नवजात शिशुओं का अच्छे से किया जा रहा इलाज'
हमने जब जानकारी ली कि किस तरीके से हो रहा नवजात शिशु का फिजियोथेरेपी तो डॉक्टर ई पालवी ने बताया कि पहले जिस तरीके से नवजात शिशुओं का इलाज किया जाता था. वैसे ही आज भी किया जा रहा है. हमने कोई बदलाव नहीं किया है. पहले से ही यहां मास्क और ग्लव्स लगाकर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हुए इलाज किया जाता था, क्योंकि यहां प्रोटोकॉल है. इसके तहत ही इलाज होता था.

देखें पूरी रिपोर्ट

'कोरोना वायरस से बचाव के लिए सावधानी बरती जा रही'
वहीं, उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए यह सब किया जा रहा. हम सभी प्रीकॉशन्स पहले से ही लेते आ रहे हैं. कई ऐसे नवजात शिशु होते हैं, जो वेंटिलेटर पर हैं और जिन्हें तत्काल चेस्ट फिजियोथेरेपी की जरूरत होती है. उनका तत्काल फिजियोथेरेपी हमारे स्पेशलिस्ट डॉक्टर करते हैं. कई नवजात शिशु को सांस लेने में समस्या होती है, तो उन्हें ऑक्सीजन लगाने के पहले फिजियोथेरेपी किया जाता है और ऑक्सीजन हटाने के बाद भी फिजियोथेरेपी किया जाता है.

'फिजियोथेरेपी ट्रीटमेंट देने में नहीं होती कठिनाई'
फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर के मुताबिक बच्चों और बड़ों में फिजियोथेरेपी ट्रीटमेंट देने में कठिनाई ज्यादा नहीं आती है. बच्चों को थोड़ा संभालने में समय जरूर लगता है. लेकिन नवजात शिशु होते हैं उनका इलाज तत्काल करना होता है. सभी के ट्रीटमेंट के लिए फिजियोथेरेपी स्पेशलिस्ट डॉक्टर मौजूद रहते हैं. वहीं, उन्होंने बताया कि नवजात शिशुओं इलाज के समय फोन अंदर ले जाना सख्त मना है और बाहरी किसी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित है. कोरोना वायरस में सावधानियां तो सभी बरत रहे हैं और सभी को सावधानियां बरतना भी चाहिए.

पटनाः कोरोना काल में सभी काफी परेशान हैं और काफी सावधानियां भी बरत रहे हैं. स्वाभाविक सी बात है जिस तरीके से कोरोना वायरस अपना पांव तेजी से फैला रहा है. सभी को जागरूक रहना होगा. लेकिन इस विपदा की घड़ी में नवजात शिशुओं का किस तरीके से हो रहा फिजियोथेरेपी इलाज यह जानने हम पहुंचे पटना के महावीर वात्सल अस्पताल, जो कि बाल चिकित्सा व हृदय रोग विशेषज्ञ अस्पताल है.

'नवजात शिशुओं का अच्छे से किया जा रहा इलाज'
हमने जब जानकारी ली कि किस तरीके से हो रहा नवजात शिशु का फिजियोथेरेपी तो डॉक्टर ई पालवी ने बताया कि पहले जिस तरीके से नवजात शिशुओं का इलाज किया जाता था. वैसे ही आज भी किया जा रहा है. हमने कोई बदलाव नहीं किया है. पहले से ही यहां मास्क और ग्लव्स लगाकर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हुए इलाज किया जाता था, क्योंकि यहां प्रोटोकॉल है. इसके तहत ही इलाज होता था.

देखें पूरी रिपोर्ट

'कोरोना वायरस से बचाव के लिए सावधानी बरती जा रही'
वहीं, उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए यह सब किया जा रहा. हम सभी प्रीकॉशन्स पहले से ही लेते आ रहे हैं. कई ऐसे नवजात शिशु होते हैं, जो वेंटिलेटर पर हैं और जिन्हें तत्काल चेस्ट फिजियोथेरेपी की जरूरत होती है. उनका तत्काल फिजियोथेरेपी हमारे स्पेशलिस्ट डॉक्टर करते हैं. कई नवजात शिशु को सांस लेने में समस्या होती है, तो उन्हें ऑक्सीजन लगाने के पहले फिजियोथेरेपी किया जाता है और ऑक्सीजन हटाने के बाद भी फिजियोथेरेपी किया जाता है.

'फिजियोथेरेपी ट्रीटमेंट देने में नहीं होती कठिनाई'
फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर के मुताबिक बच्चों और बड़ों में फिजियोथेरेपी ट्रीटमेंट देने में कठिनाई ज्यादा नहीं आती है. बच्चों को थोड़ा संभालने में समय जरूर लगता है. लेकिन नवजात शिशु होते हैं उनका इलाज तत्काल करना होता है. सभी के ट्रीटमेंट के लिए फिजियोथेरेपी स्पेशलिस्ट डॉक्टर मौजूद रहते हैं. वहीं, उन्होंने बताया कि नवजात शिशुओं इलाज के समय फोन अंदर ले जाना सख्त मना है और बाहरी किसी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित है. कोरोना वायरस में सावधानियां तो सभी बरत रहे हैं और सभी को सावधानियां बरतना भी चाहिए.

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