पटनाः 50 हजार का इनामी बदमाश रवि गोप को एसटीएफ ने 3 महीने की मशक्कत के बाद पकड़ कर जेल भेजा गया था और महज 50 घंटे में ही छोड़ दिया गया. जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण एक इनामी अपराधी फरार हो गया. इस लापरवाही के कारण फुलवारी जेल के जेलर अरविंद कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है.
बता दें कि जिस मामले में उसे जेल भेजा गया था उस मामले में उसे कोर्ट से जमानत मिल गई थी. लेकिन कई अन्य संगीन मामलों के कारण उसे एसपी दानापुर ने जेलर से रिहाई ना देने की बात कही थी और उसे रोककर रखने का आदेश दिया गया था ताकि उसे रिमांड पर लिया जा सके. लेकिन जमानत मिलते ही उसे छोड़ दिया गया. इस मामले में जेल आईजी ने जांच के बाद जेलर को सस्पेंड कर दिया.
रिमांड पर लेने के लिए दिया गया था आवेदन
दरअसल 9 दिसंबर को फुलवारी जेल के जेलर अरविंद कुमार ने रवि गोप को एक छोटे मामले में जमानत मिलने के बाद छोड़ दिया था. जबकि दानापुर एसपी ने जेलर से कहा था कि दानापुर थाने में उस पर हत्या के लिए अपहरण का केस दर्ज है. इसमें वह फरार चल रहा है. इस केस में रिमांड पर लेने का आवेदन दिया गया है. सुबह 9:00 से 11:00 बजे तक रिमांड मिल जाएगा. तब तक कुख्यात रवि गोप को ना छोड़ा जाए. इसके बावजूद भी जेलर ने उसे छोड़ दिया.
जांच में ये भी पाया गया कि जेलर अरविंद जमानत प्राप्त बंदी की रिहाई के नियम को नहीं मानते हैं. जेल से छोड़ने की करवाई सुबह में कैदियों की गिनती के बाद होनी चाहिए. लेकिन कभी सुबह तो कभी दोपहर कभी शाम के समय ही कैदियों को छोड़ दिया जाता है.
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रवि गोप को सुबह 8:00 बजे ही छोड़ दिया गया
कुख्यात अपराधी रवि गोप को 9 दिसंबर की सुबह 8:00 बजे छोड़ दिया गया था. जेल से छूटने के बाद रवि गोप नेपाल भाग गया है. उसे एसटीएफ ने अथमल गोला हाईवे पर एक मैरिज हॉल में शादी रचाने के दौरान गिरफ्तार किया था. एसटीएफ द्वारा पकड़े गए कुख्यात अपराधी को जमानत मिलने पर छोड़ने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था.
अररिया जेल से ही चलेगी जेलर पर कार्रवाई
सेंट्रल रेंज के आईजी संजय सिंह ने जांच आदेश सिटी एसपी वेस्ट अशोक मिश्रा को सौंपी थी. जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि किसी भी पुलिसकर्मी या अधिकारी की लापरवाही इसमें नहीं है. बाद में रिपोर्ट डीएम और कार्य विभाग को भेजी गई. इसके बाद जेल आईजी ने जेलर को अररिया जेल भेज दिया है. सस्पेंड करने के बाद वहीं से उनपर कार्रवाई की प्रकिया चलेगी.
रवि गोप पर कई संगीन मामले हैं दर्ज
सवाल यह भी उठ रहा है कि कि महज एक फोन से दानापुर एसपी ने जेलर को अपराधी को ना छोड़ने की अपील की थी. जबकि कुख्यात अपराधी रवि गोप के ऊपर कई और मामले भी दर्ज थे. उन मामलों में रवि गोप को क्यों नहीं जेल भेजा गया. सिर्फ एक छोटे मामले में ही जेल क्यों भेजा गया जिससे उसे तुरंत उसे बेल भी मिल गया.