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पटना हाईकोर्ट में जेलों में कार्यरत लिपिकों के कार्यों को लेकर याचिका दायर - work of clerks working in jails

पटना हाईकोर्ट में प्रदेश के जेलों में कार्यरत लिपिकों के कार्यों के संबंध में एक याचिका दायर की गई है. जिसमें कर्मियों के ड्यूटी, जिम्मेदारियों और कार्यों को विशेष रूप से स्पष्ट करते हुए उनसे काम लेने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. इस याचिक पर जल्द सुनवाई होने की संभावना है. पढ़ें पूरी खबर..

Petition filed in Patna High Court regarding work of clerks working in jails of Bihar
Petition filed in Patna High Court regarding work of clerks working in jails of Bihar
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Published : Sep 9, 2021, 4:36 PM IST

पटना: बिहार के विभिन्न जेलों में कार्यरत अपर डिवीजन क्लर्क, लोअर डिवीजन क्लर्क और हेड क्लर्क से उनके कार्यों, ड्यूटी और जिम्मेदारियों के मामले में अधिकारियों द्वारा कथित रूप से मनमाना रवैया अपनाने पर पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. बिहार स्टेट प्रिजनस नॉन गजिटेड एम्प्लाइज एसोसिएशन और अन्य ने यह याचिका दायर की है.

यह भी पढ़ें - अवैध निर्माण तोड़ने के पटना हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे

इस दायर की गई याचिका में इन कर्मियों के भविष्य के प्रोन्नति के रास्ते का भी जिक्र किया गया है. याचिका के जरिये इन कर्मियों के ड्यूटी, जिम्मेदारियों और कार्यों को विशेष रूप से स्पष्ट करते हुए उनसे काम लेने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

याचिका में कहा गया है कि क्लर्क का काम नियमानुकूल कार्यालय में होता है. लेकिन जेल अधीक्षक द्वारा क्लर्क से प्रशासनिक कार्य करवाया जाता है. याचिका में कहा गया है कि इन कर्मियों से वैसे ही काम लिये जाए, जो राज्य सरकार और विभाग द्वारा समय-समय पर सौंपे गए है. वैसे काम नहीं लिये जाए, जो उनके कर्तव्य पालन का हिस्सा न हो.

याचिका के जरिये बिहार के जेलों में ऑफिस सुपरिंटेंडेंट या असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के पद का सृजन करने की मांग भी की गई है. इससे राज्य के जेलों में कार्यरत क्लर्क समेत लोअर डिवीजन क्लर्क, अपर डिवीजन क्लर्क और हेड क्लर्क को प्रोन्नति का एक और अवसर मिल सके.

इस याचिका में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2008 के पहले राज्य के जेलों में कार्य कर रहे क्लर्क के लिए कोई सर्विस रूल्स नहीं था. फिर से 2008 के नियम को 2016 में तब्दील किया गया और अभी 2016 लागू है. इस मामले पर शीघ्र सुनवाई होने की संभावना है.

यह भी पढ़ें - डॉक्टरों और कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने की पटना हाईकोर्ट में सुनवाई टली

पटना: बिहार के विभिन्न जेलों में कार्यरत अपर डिवीजन क्लर्क, लोअर डिवीजन क्लर्क और हेड क्लर्क से उनके कार्यों, ड्यूटी और जिम्मेदारियों के मामले में अधिकारियों द्वारा कथित रूप से मनमाना रवैया अपनाने पर पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. बिहार स्टेट प्रिजनस नॉन गजिटेड एम्प्लाइज एसोसिएशन और अन्य ने यह याचिका दायर की है.

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इस दायर की गई याचिका में इन कर्मियों के भविष्य के प्रोन्नति के रास्ते का भी जिक्र किया गया है. याचिका के जरिये इन कर्मियों के ड्यूटी, जिम्मेदारियों और कार्यों को विशेष रूप से स्पष्ट करते हुए उनसे काम लेने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

याचिका में कहा गया है कि क्लर्क का काम नियमानुकूल कार्यालय में होता है. लेकिन जेल अधीक्षक द्वारा क्लर्क से प्रशासनिक कार्य करवाया जाता है. याचिका में कहा गया है कि इन कर्मियों से वैसे ही काम लिये जाए, जो राज्य सरकार और विभाग द्वारा समय-समय पर सौंपे गए है. वैसे काम नहीं लिये जाए, जो उनके कर्तव्य पालन का हिस्सा न हो.

याचिका के जरिये बिहार के जेलों में ऑफिस सुपरिंटेंडेंट या असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के पद का सृजन करने की मांग भी की गई है. इससे राज्य के जेलों में कार्यरत क्लर्क समेत लोअर डिवीजन क्लर्क, अपर डिवीजन क्लर्क और हेड क्लर्क को प्रोन्नति का एक और अवसर मिल सके.

इस याचिका में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2008 के पहले राज्य के जेलों में कार्य कर रहे क्लर्क के लिए कोई सर्विस रूल्स नहीं था. फिर से 2008 के नियम को 2016 में तब्दील किया गया और अभी 2016 लागू है. इस मामले पर शीघ्र सुनवाई होने की संभावना है.

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