पटना : पटना हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता के साथ हाथापाई एवं दुर्व्यवहार किए जाने के मामले में उच्च न्यायालय ने सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि विधि सम्मत कार्रवाई की जाए. साथ ही इस मामले को निष्पादित कर दिया.
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शास्त्री नगर थाना की पुलिस को नोटिस किया गया था जारी : पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए शास्त्री नगर थाना के पुलिस कर्मियों को नोटिस जारी किया था. इसके साथ साथ कोर्ट ने थाने की सीसीटीवी फुटेज को भी सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था.
क्या था आरोप : हाईकोर्ट के अधिवक्ता साकेत गुप्ता ने आरोप लगाया था कि वह 3 अगस्त 2022 की शाम को अपने परिचित अभिषेक कुमार एवं अन्य अधिवक्ताओं के साथ एक केस के सिलसिले में शास्त्री नगर थाना गए थे. उनके परिचित अभिषेक कुमार को शास्त्री नगर थाने में पदस्थापित एसआई स्मृति ने पूछताछ के लिए बुलाया था.
जान से मारने की धमकी : थाने में पूछताछ के दौरान एसआई स्मृति एवं लाल बाबू अभिषेक के साथ बदतमीजी और गाली गलौज करने लगे. इसी दौरान जब अधिवक्ता साकेत ने उन्हें ऐसा करने से रोका, तो इन दोनों एसआई ने अधिवक्ता साकेत, अधिवक्ता मयंक शेखर एवं अधिवक्ता रजनीकांत सिंह के साथ धक्का मुक्की करने लगे. इसका विरोध किए जाने पर एसआई लाल बाबू ने अधिवक्ता को पिस्तौल दिखा कर जान से मारने की धमकी दी और उन पर हाथ उठाया था.
इस बात की शिकायत अधिवक्ता ने पटना के सिटी एसपी से भी की थी. पूर्व में हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए इन पुलिस कर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने हेतु नोटिस जारी किया था. सुनवाई में एडवोकेट एसोसिएशन के महासचिव शैलेंद्र कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया था कि पुलिस वालों की मनमानी काफी बढ़ गई है. आए दिन सुनने में आता है कि पुलिस, वकीलों एवं जनता के साथ बेहद बदतमीजी और रुखाई से पेश आती है.