पटना: बिहार में इस वक्त फसलों की कटाई का मौसम है. लेकिन कोरोना वायरस के कारण हुए लॉक डाउन ने किसानों के मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. इसे देखते हुए अब सरकार ने कृषि यंत्रों को एक जगह से दूसरी ले जाने की अनुमति दी है. इसके साथ ही किसान और कृषि श्रमिकों को कृषि कार्य के लिए लॉक डाउन से बाहर रखा गया है.
बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि फसल काटने और दौनी करते समय लॉक डाउन की वजह से किसानों को खासी परेशानी हो रही है. पिछले कुछ दिनों से कृषि मंत्री लगातार फेसबुक लाइव के जरिए किसानों की समस्याओं से रूबरू हो रहे हैं.
किसानों की समस्या पर चर्चा
किसानों से बातचीत के दौरान कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि कई बातें पता चली हैं. किसानों को फसल कटनी में प्रयुक्त होने वाले मशीन को चलाने में परेशानी हो रही है. इसके साथ ही फसलों का जो नुकसान हुआ है, उसे लेकर किसान परेशान हैं. कृषि मंत्री ने किसानों की समस्या जानने के बाद स्काइप के जरिए सभी जिला के साथ कृषि पदाधिकारियों और कृषि निदेशक के साथ चर्चा की.
इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में रबी फसलों की कटनी की स्थिति आम, लीची, केला आदि फसलों पर कीट नियंत्रण और अन्य बातों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि कृषि कार्यों के लिए उपयोग होने वाले कृषि यंत्रों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की अनुमति दे दी गई है. इसके साथ ही किसान और कृषि श्रमिकों को कृषि कार्य करने के लिए लॉक डाउन से बाहर रखा गया है.
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2 मीटर की दूरी रखने का निर्देश
कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए कृषि मंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि फसल कटनी या खेत में अन्य काम के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच कम से कम 2 मीटर की दूरी बनाकर रखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी मजदूर अपने खाने का बर्तन अलग-अलग रखें और खाना खाने के बाद इसे अच्छी तरह धो लें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मार्च महीने में बेमौसम बरसात से किसानों की नुकसान की भरपाई के लिए कृषि यंत्र अनुदान के लिए 518.42 करोड़ की राशि दी है.