पटना: देश में कोरोना संकट के दौर में लोग कई तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं. बिहार जैसे पिछड़े राज्यों में परेशानी और भी ज्यादा है. राज्य में लॉकडाउन से लेकर अनलॉक के दौरान बिजली विभाग ने लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ा दिए हैं. उपभोक्ताओं को बिजली बिल 20 से 30% बढ़ाकर भेजा जा रहा है.
लोगों पर बढ़ा आर्थिक बोझ
गर्मी के मौसम में बिहार में 4,000 मेगावाट बिजली की खपत है. राज्य के अंदर 1.61 करोड़ उपभोक्ता है. सरकार प्रीपेड मीटर लगाने की तैयारी कर रही है लेकिन लॉकडाउन से लेकर अनलॉक के दौरान 60% से अधिक उपभोक्ताओं के ऊपर बिजली विभाग ने आर्थिक बोझ बढ़ा दिया है.
राज्य के अंदर लॉक डाउन के दौरान बंद पड़े होटल उद्योग दुकानों और अन्य व्यवसायिक संस्थानों को इस बार एवरेज खपत के आधार पर बिजली बिल भेजे गए हैं. 2 महीने के दौरान मीटर रीडिंग नहीं लिया गया और पहले के बिल के आधार पर औसत बिल आम लोगों से वसूला जा रहा है.
बंद पड़े घरों के भी आए बिजली बिल
आम लोगों को भी एवरेज खपत के आधार पर बिजली बिल भेजा गया है, जो घर 3 महीने से बंद है वहां भी बिजली बिल भेज दिए गए हैं. विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि बाद में पैसे को एडजस्ट कर दिया जाएगा. बिजली विभाग के इस रवैये से आम और खास सभी परेशान हैं.
पहले के मुकाबले 20 से 30% अधिक बिल
बिजली विभाग के रवैया से व्यवसाई वर्ग खास तौर पर परेशान है. व्यवसायियों से संस्थान बंद रहने के बावजूद विभाग ने उनसे मोटी रकम वसूली और यह सिलसिला अनलॉक में भी जारी है. जो बिजली बिल लोगों भेजे जा रहे हैं वह पहले के मुकाबले 20 से 30% अधिक हैं.
लगातार आ रहा बढ़ाकर बिजली बिल
बिजली विभाग के रवैये से निजी घर और अपार्टमेंट में भी रहने वाले लोग परेशान हैं. उन्हें लगातार बिजली बिल बढ़ा कर भेजा जा रहा है. उदय कुमार सिंह का कहना है कि पहले जहां औसतन महीने में पांच से छह सौ के बीच बिजली बिल आते थे. अब वह बढ़कर 800 से 900 के हो गया है.
'ऑनलाइन पेमेंट के बाद भी आया बिजली बिल'
पेशे से चिकित्सक डॉ रविंद्र प्रसाद सिंह का कहना है कि क्लीनिक लगातार बंद है. इसके बावजूद अनाप-शनाप बिल भेजे जा रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान हमने ऑनलाइन पेमेंट भी कर दिया था, फिर भी बिजली बिल भेजा गया.
9 हजार से 10 हजार चुकाना पड़ता है हर महीने
वहीं, मिठाई की दुकान चलाने वाले अरविंद कुमार पांडे कहते हैं- पिछले कुछ महीने से लगातार दुकान बंद है लेकिन 9 से 10 हजार बिजली बिल हर महीने चुकाना पड़ रहा है. विभाग ने दो महीने लॉकडाउन के दौरान इतना ही बिजली बिल वसूल किया.
बैक डोर से सरकार ने बढ़ाया बिजली बिल
आम जनता के इस दर्द को विपक्ष भी महसूस कर रहा है. राजद के प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा है कि जब समय आम लोगों को राहत देने का है तो सरकार मैं बैठे लोग बैक डोर से बिजली बिल बढ़ा देते हैं और जबरन वसूला भी जाता है. हम इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे.
'सरकार ने नहीं कि बिजली बिल में बढ़ोतरी'
वहीं, बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री पूरे मसले पर गोलमोल जवाब दे रहे हैं. ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव का कहना है कि अगर बिजली बिल में गड़बड़ी है तो कॉल सेंटर में लोग शिकायत करें और उससे भी समाधान नहीं होता है तो लोक शिकायत निवारण अधिनियम में जाएं. मंत्री का कहना है कि सरकार ने बिजली बिल में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की है.