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मंडियों में हरी सब्जियों के नाम पर बेचा जा रहा है जहर, रहें सावधान!

मंडियों में सब्जियों को ताजा दिखाने के लिए उनके कलर के अनुसार ही रंगाई की जाती है. सब्जियों को हरा दिखाने के लिए उसमें हरे रंग का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है. डॉक्टर्स का कहना है कि ये सब्जियां सेहत के लिए काफी नुकसानदेह है.

सब्जियों में मिलावट
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Published : May 15, 2019, 6:38 PM IST

पटनाः शहर के सबसे बड़ी सब्जी मंडी में इन दिनों हरी सब्जियों के नाम पर सेहत से खिलवाड़ हो रहा है. यहां बासी और पीली हो रही सब्जियों को चमकदार और तरोताजा करने के लिए हरे रंग और केमिकल मिलाकर बाजार में बेचा जा रहा है.

मंडियों में सब्जियों को ताजा दिखाने के लिए उनके कलर के अनुसार ही रंगाई की जाती है. सब्जियों को हरा दिखाने के लिए उसमें हरे रंग का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है. उसमें कॉपर सल्फेट का प्रयोग किया जाता है. रंगे जाने वाली सब्जियों में आलू, परवल, करेला, भिंडी, बैगन, मटर, टमाटर आदि शामिल हैं.

patna
सब्जियों में मिलावट

लोगों की सेहत से खिलवाड़
सब्जियों में केमिकल डाई घोलकर उसे चमकदार बनाया जाता है और कलर ही नहीं बल्कि चमक दिखाने के लिए बैगन, जामुन, शिमला मिर्च आदि पर मोबिल आयल लगा दिया जाता है. वहीं आलू को पीले रंग से रंग कर उसे ताजा दिखाने का प्रयास किया जाता है. डॉक्टर्स मानें तो रंगी हुई सब्जियां खाने से डायरिया, उल्टी, चक्कर और पेट की कई बीमारियां हो सकती हैं. शरीर में इसकी मात्रा ज्यादा हो जाने पर यह जहर का काम करता है.

सब्जियों में मिलावट

क्या कहते हैं डॉक्टर्स
इसलिए यदि मार्केट में हरी- भरी ताजी सब्जियों को देखकर आपकी निगाहें टिकती है तो जरा संभल जाएं. क्योंकि हो सकता है इन सब्जियों का रंग प्राकृतिक न होकर आर्टिफिशियल हो. इससे लोगों की जान भी जा सकती है. आयुर्वेद चिकित्सकों की माने तो रंगों में लेट, मैग्नीशियम, फास्फेट, एल्मुनियम और दूसरे हेवी मेटल मिलाए जाते हैं. जो बेहद नुकसान देता है. रंगी हुई सब्जी खाने से सीधे किडनी पर असर पड़ता है.

पटनाः शहर के सबसे बड़ी सब्जी मंडी में इन दिनों हरी सब्जियों के नाम पर सेहत से खिलवाड़ हो रहा है. यहां बासी और पीली हो रही सब्जियों को चमकदार और तरोताजा करने के लिए हरे रंग और केमिकल मिलाकर बाजार में बेचा जा रहा है.

मंडियों में सब्जियों को ताजा दिखाने के लिए उनके कलर के अनुसार ही रंगाई की जाती है. सब्जियों को हरा दिखाने के लिए उसमें हरे रंग का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है. उसमें कॉपर सल्फेट का प्रयोग किया जाता है. रंगे जाने वाली सब्जियों में आलू, परवल, करेला, भिंडी, बैगन, मटर, टमाटर आदि शामिल हैं.

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सब्जियों में मिलावट

लोगों की सेहत से खिलवाड़
सब्जियों में केमिकल डाई घोलकर उसे चमकदार बनाया जाता है और कलर ही नहीं बल्कि चमक दिखाने के लिए बैगन, जामुन, शिमला मिर्च आदि पर मोबिल आयल लगा दिया जाता है. वहीं आलू को पीले रंग से रंग कर उसे ताजा दिखाने का प्रयास किया जाता है. डॉक्टर्स मानें तो रंगी हुई सब्जियां खाने से डायरिया, उल्टी, चक्कर और पेट की कई बीमारियां हो सकती हैं. शरीर में इसकी मात्रा ज्यादा हो जाने पर यह जहर का काम करता है.

सब्जियों में मिलावट

क्या कहते हैं डॉक्टर्स
इसलिए यदि मार्केट में हरी- भरी ताजी सब्जियों को देखकर आपकी निगाहें टिकती है तो जरा संभल जाएं. क्योंकि हो सकता है इन सब्जियों का रंग प्राकृतिक न होकर आर्टिफिशियल हो. इससे लोगों की जान भी जा सकती है. आयुर्वेद चिकित्सकों की माने तो रंगों में लेट, मैग्नीशियम, फास्फेट, एल्मुनियम और दूसरे हेवी मेटल मिलाए जाते हैं. जो बेहद नुकसान देता है. रंगी हुई सब्जी खाने से सीधे किडनी पर असर पड़ता है.

Intro: हरी सब्जियों के शौकीन हो जाए होशियार क्योकि राजधानी पटना के सबसे बड़ी सब्जी मंडी में इन दिनों हरी सब्जी के नाम पर सेहत से खिलवाड़ हो रहा है, जहां बासी सब्जियां एवं पिली हो रही सब्जियों को चमकदार और तरोताजा करने के लिए हरे रंग एवं केमिकल मिलाकर बाजार में बेच रहे हैं,आज ईटीवी भारत के एक्सक्लुसिव तस्वीरों में आप देख सकते हैं, रंग मिलाकर चमकदार बनाए जाने वाले हरी सब्जियों का सच

पटना से शशितुलस्यान की खास रिपोर्ट


Body:मंडियों में सब्जियों को ताजा दिखाने के लिए उनके कलर के अनुसार ही रंगाई की जाती है सब्जियों को हरा दिखाने के लिए उसमें हरे रंग का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है उसमें कॉपर सल्फेट का प्रयोग किया जाता है रंग जाने वाली सब्जियों में आलू परवल करेला भिंडी बैगन मटर टमाटर आदि शामिल हैं सब्जियों में केमिकल डाई घोलकर उसे चमकदार बनाया जाता है और न केवल सिर्फ कलर ही नहीं चमक दिखाने के लिए बैगन जामुन शिमला मिर्च आदि पर मोबिल आयल लगा दिया जाता है आलू को पीले रंग से रंग कर उसे ताजा दिखाने का प्रयास किया जाता है

चिकित्सकों की मानें तो रंगी हुई सब्जियों के खाने से डायरिया उल्टी चक्कर और पेट की कई बीमारियां हो सकती है शरीर में इसकी मात्रा ज्यादा हो जाने पर यह जहर का काम करता है इससे लोगों की जान भी जा सकती है


Conclusion:आयुर्वेद चिकित्सकों का माने तो रंगों में लेट मैग्नीशियम फास्फेट सिंह एलमुनियम और दूसरे हेवी मेटल मिले होते हैं जो बेहद नुकसान दे हैं रंगी हुई सब्जी खाने से सीधे किडनी पर असर डालती है


बाईट- प्रोफ़ेसर डॉ दिनेश्वर प्रसाद
प्राचार्य आयुर्वेदिक अस्पताल महाविद्यालय पटना

पी टू सी
शशी तुलस्यानयान पटना
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