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Budget 2019: सुनिए सरकार! लोगों की इन जरूरतों पर कीजिए विचार - Rajiv Pratap Rudy

कुछ लोगों ने ट्रेन का किराया कम करने, रेलवे में सफाई और खाना के स्तर में सुधार की बात कही.

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Published : Jul 5, 2019, 11:08 AM IST

पटना/नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर रही हैं. बजट में राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के साथ आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन को गति देने पर सरकार का जोर रह सकता है. वहीं, आम लोगों की भी इस बजट से कई उम्मीदें हैं.

लोगों का कहना है कि हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लिए अच्छा करेंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि आम जरूरतों पर सरकार को खास ध्यान देने की सलाह दी. वहीं, कुछ लोगों ने ट्रेन का किराया कम करने, रेलवे में सफाई और खाना के स्तर में सुधार की बात कही.

क्या है उम्मीदें:

राजकोषीय स्थिति मजबूत करने के लिये कर दायरा बढ़ाने और अनुपालन बेहतर करने के इरादे से 10 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों पर 40 प्रतिशत की एक नई दर से कर लगाया जा सकता है. नौकरीपेशा लोगों के लिये महत्वपूर्ण आयकर के मोर्चे पर कर स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है. 2019-20 के अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट देने की घोषणा की गयी थी.

फिलहाल 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत, 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से ऊपर आय पर कर की दर 30 प्रतिशत है.

यह बजट वैश्विक आर्थिक नरमी और मौसम विभाग के देश के कुछ भागों में बारिश सामान्य से कम रहने की आशंकाओं के बीच आ रहा है. पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 तक गिर गई. चालू वित्त वर्ष के दौरान इसे फिर से सात प्रतिशत से ऊपर पहुंचाने का दारोमदार बजट पर होगा.

संसद में बृहस्पतिवार को पेश 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि 2024-25 तक 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनने के लिये सतत रूप से 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत होगी. इसमें निजी क्षेत्र का निवेश, मांग और निर्यात बढ़ाने पर खास जोर दिया गया है.

पटना/नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर रही हैं. बजट में राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के साथ आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन को गति देने पर सरकार का जोर रह सकता है. वहीं, आम लोगों की भी इस बजट से कई उम्मीदें हैं.

लोगों का कहना है कि हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लिए अच्छा करेंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि आम जरूरतों पर सरकार को खास ध्यान देने की सलाह दी. वहीं, कुछ लोगों ने ट्रेन का किराया कम करने, रेलवे में सफाई और खाना के स्तर में सुधार की बात कही.

क्या है उम्मीदें:

राजकोषीय स्थिति मजबूत करने के लिये कर दायरा बढ़ाने और अनुपालन बेहतर करने के इरादे से 10 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों पर 40 प्रतिशत की एक नई दर से कर लगाया जा सकता है. नौकरीपेशा लोगों के लिये महत्वपूर्ण आयकर के मोर्चे पर कर स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है. 2019-20 के अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट देने की घोषणा की गयी थी.

फिलहाल 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत, 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से ऊपर आय पर कर की दर 30 प्रतिशत है.

यह बजट वैश्विक आर्थिक नरमी और मौसम विभाग के देश के कुछ भागों में बारिश सामान्य से कम रहने की आशंकाओं के बीच आ रहा है. पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 तक गिर गई. चालू वित्त वर्ष के दौरान इसे फिर से सात प्रतिशत से ऊपर पहुंचाने का दारोमदार बजट पर होगा.

संसद में बृहस्पतिवार को पेश 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि 2024-25 तक 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनने के लिये सतत रूप से 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत होगी. इसमें निजी क्षेत्र का निवेश, मांग और निर्यात बढ़ाने पर खास जोर दिया गया है.

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