पटना: इस्लाम धर्म का आज सबसे बड़ा त्योहार बकरीद है. जिसको सारे मुस्लिम बहुत ही हर्षोल्लास से मना रहे है. चारों तरफ रौनक देखने को मिल रहा है. सुबह से ही सब मुस्लिम भाई पाक साफ होकर मस्जिद,खानकाह और सार्वजनिक स्थानों पर नवाज अदा कर एक दूसरे से गले मिलकर बकरीद की मुबारकबाद दे रहे.
देश के अमन-चैन कि अल्हा से मांगी दुआ
अल्हा से दुआ कि, की देश मे अमन-चैन कायम रहे. सभी मजहब के लोग एक है और सभी अल्लाह के सतांन है. सभी मजहबों का एक समान इज्जत करे. गरीब असहाय लोगों की मदद करना ही इस्लाम का सबसे बड़ा कर्म है. आज देश की जो दुर्दशा है उसका कारण टूटते रिश्ते है, हम भारत के सरजमी पर जन्में है, इसलिए हम सभी भारत माता के सतांन है और हम लोग कौमी एकता को प्रतीक मानकर सभी मजहब के लोग एक दूसरे के पर्व में शामिल होकर ख़ुशी का इजहार करते है.
त्याग और बलिदान का पर्व
यह पर्व त्याग और बलिदान का है, जँहा आज सभी मुसलमान दुम्मा या मेमना की बलि देकर इस पर्व को मानते है. आज के दिन इस्लाम धर्म के मानने और जानने वाले मोहमद हजरत इमाम हुसैन के नवासे की कुर्बानी होनी थी, लेकिन उस समय उनके नवासे की जैसे ही कुर्बानी होने ही वाली थी, कि अचानक उनके सिर के जगह दुम्मा के सिर की कुर्बानी हो गई. उस समय से लेकर आज तक इस्लाम मे यह प्रथा चलती आ रही है कि बकरीद की नवाज अदा कर दुम्मा की बलि देनी पड़ती है. इसलिए देश के सभी मुसलमान बकरीद का नवाज पढ़कर दुम्मा की कुर्बानी देकर इस पर्व को सफल बनाते है.