पटना: राज्य में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. मंगलवार के दिन 1 हजार 432 नए कोरोना संक्रमित मरीज की पहचान हुई है. जिसके बाद राज्य में एक्टिव केसों की संख्या 5 हजार 690 हो गया है. वहीं, कोरोना रिकवरी रेट गिरकर 69.06% हो गया है. हाल के दिनों में चिकित्सक और चिकित्सा कर्मी भी गंभीर रूप से संक्रमित हुए हैं. कोरोना से राज्य में अब तक 2 चिकित्सकों की जान भी जा चुकी है. सरकार लगातार लोगों से मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों को फॉलो करने की अपील कर रही है. वहीं, जिले के लोग अभी भी लापरवाह नजर आ रहे हैं.
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में एक बार फिर 16 जुलाई से कंप्लीट लॉकडाउन लागू कर दिया गया है. इसका एक प्रमुख वजह यह भी है कि लोग सरकार और चिकित्सकों द्वारा तमाम अपील के बावजूद लापरवाह बने हुए हैं. राजधानी पटना के प्रमुख चौक-चौराहों पर तो लोग चेहरे पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों को फॉलो कर रहे हैं. वहीं, शहर के अंदर गली-मोहल्लों में लोग बिना मास्क पहने बेवजह सड़कों पर घूमते दिख रहे हैं. विशेष रूप से सब्जी मंडी में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों की अनदेखी देखने को मिल रही है.
फेस शिल्ड का करें प्रयोग
पटना के न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार ने लोगों की लापरवाही और तेजी से संक्रमित हो रहे चिकित्सा कर्मियों पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में दो चिकित्सक कोरोना से जान गंवा चुके हैं. पीएमसीएच के चिकित्सक डॉक्टर सिंह की आज सुबह कोरोना से मौत हो गई है. उन्होंने कहा कि क्योंकि डॉक्टर्स फ्रंटलाइन वर्कर हैं और उन्हें मरीजों को सामने से देखना होता है. इस कारण चिकित्सकों को संक्रमित होने की संभावना सबसे ज्यादा है और हो भी रहे हैं. सभी लोगों से यही अपील है कि बेवजह घर से बाहर ना निकले और अगर जरूरी काम हो तो मास्क का प्रयोग करें. संभव हो तो फेस शिल्ड भी लगाएं.