पटना: बिहार की कई नदियां रौद्र रुप धारण किए हुए हैं. जलस्तर में तेजी से वद्धि (Water Level Of Rivers) दर्ज की जा रही है. बावजूद इसके राजधानी पटना में लोग लापरवाह बने हुए हैं. प्रशासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए नाविक गंगा (water level of ganga) में जा रहे हैं. कुछ युवक तेज धार में अठखेलियां करते देखे गए तो नाविक भी लापरवाही बरत रहे हैं.
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बिहार के साथ साथ देश के कई हिस्सों में हो रही लगातार बारिश के कारण बिहार में कई नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. इस समय प्रदेश की लगभग सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. पटना में भी गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है.
गंगा का जलस्तर फिलहाल खतरे के निशान से काफी ऊपर है. गंगा के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने से पटना बाढ़ के जद्द में आ गया है. पटनासिटी के साथ साथ कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है.
अनुमान है कि जलस्तर में और वृद्धि होने वाली है. गंगा इस समय उफान पर है. तो वहीं गांधी घाट पर 28 सीढ़ियों में से 27 सीढियां डूब चुकी हैं. घाट पर सैलानियों के लिए बनाए गए मरीन ड्राइव पर भी पानी चढ़ गया है. जिससे आमलोगों की परेशानी बढ़ गई है.
बता दें कि सरकार के आदेश का खुलकर उल्लंघन किया जा रहा है. नाविक नाव के साथ तेज धार में जा रहे हैं. जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. गंगा में तेज धार के भी युवक मस्ती करते भी देखे गए.
हालांकि प्रशासन ने आदेश जारी किया गया है कि गंगा में कोई प्रवेश न करे. लेकिन फिर भी लोग गंगा में स्नान करने से और अठखेलियां करने से बाज नहीं आ रहे हैं और नाव चलाने वाले भी लगातार नदी में नाव लेकर जा रहे हैं.
एनआईटी घाट स्थित केंद्रीय जल आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार की देर रात के बाद से गंगा के जलस्तर में काफी तेजी से वृद्धि देखने को मिली है. आयोग के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर प्रति घंटे 1 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है. गंगा नदी के जलस्तर ने डेंजर लेवल को पार कर लिया है.
बता दें कि बिहार के पटना में लगातार हो रही बारिश से मसौढ़ी की नदियों का जलस्तर बढ़ गया हैं. ऐसे में धनरूआ के दरधा, कररूआ और भुतही नदी डराने लगी हैं. अब तक 6 तटबंध टूट चुके हैं, जिसको लेकर 100 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं और 1500 से अधिक एकड़ में लगी धान की खेती चौपट हो चुकी है, जिसको लेकर किसान परेशान हैं और टूटे हुए तटबंध को लेकर ग्रामीणों में दहशत है.
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