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छठ पर्वः आज है खरना, प्रसाद के लिए गंगा जल लेने घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

शुक्रवार को छठ पर्व का दूसरा दिन है. इस दिन व्रती शाम को खीर और पूरी का विशेष प्रसाद तैयार करती हैं. छठ माईया को इसका भोग लगाने के बाद वो प्रसाद ग्रहण करती हैं.

पटना
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Published : Nov 1, 2019, 10:14 AM IST

पटना: छठ महापर्व के खरना को लेकर बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. खरना को इस इलाके में लोहंडा के नाम से भी जाना जाता है. इस मौके पर श्रद्धालु गंगा में स्नान करते हैं. फिर साफ-सुथरे बर्तन में गंगा जल को अपने घर ले जाते हैं. शाम को व्रती इस जल का उपयोग कर खरना का प्रसाद तैयार करती हैं.

खरना पर तैयार होता है विशेष प्रसाद
गुरुवार को नहाय-खाय के साथ चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व की शुरुआत हो गई है. आज शुक्रवार को पर्व का दूसरा दिन है. इस दिन व्रती शाम को खीर और पूरी का विशेष प्रसाद तैयार करती हैं. छठ माईया को इसका भोग लगाने के बाद वो प्रसाद ग्रहण करती हैं. इसके बाद से व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक निर्जला उपवास पर रहती हैं. सुबह वाले अर्घ्य के बाद पारण होता है.

पेश है रिपोर्ट

भक्तिमय हुआ माहौल
छठ पर्व के मद्देनजर प्रशासन ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है. घाटों के साथ-साथ घाटों तक जाने वाले रास्ते में लाइटें लगाई गई हैं. इसके अलावा हर घाट पर चेंजिंग रूम भी बनाए गए हैं. पूजा आयोजकों ने भी अपनी और से घाट के रास्ते में गेट बनवाया है. पूरा इलाका छठ की पारंपरिक गीतों से गूंज उठा है. जिससे माहौल भक्तिमय हो गया है.

पटना: छठ महापर्व के खरना को लेकर बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. खरना को इस इलाके में लोहंडा के नाम से भी जाना जाता है. इस मौके पर श्रद्धालु गंगा में स्नान करते हैं. फिर साफ-सुथरे बर्तन में गंगा जल को अपने घर ले जाते हैं. शाम को व्रती इस जल का उपयोग कर खरना का प्रसाद तैयार करती हैं.

खरना पर तैयार होता है विशेष प्रसाद
गुरुवार को नहाय-खाय के साथ चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व की शुरुआत हो गई है. आज शुक्रवार को पर्व का दूसरा दिन है. इस दिन व्रती शाम को खीर और पूरी का विशेष प्रसाद तैयार करती हैं. छठ माईया को इसका भोग लगाने के बाद वो प्रसाद ग्रहण करती हैं. इसके बाद से व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक निर्जला उपवास पर रहती हैं. सुबह वाले अर्घ्य के बाद पारण होता है.

पेश है रिपोर्ट

भक्तिमय हुआ माहौल
छठ पर्व के मद्देनजर प्रशासन ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है. घाटों के साथ-साथ घाटों तक जाने वाले रास्ते में लाइटें लगाई गई हैं. इसके अलावा हर घाट पर चेंजिंग रूम भी बनाए गए हैं. पूजा आयोजकों ने भी अपनी और से घाट के रास्ते में गेट बनवाया है. पूरा इलाका छठ की पारंपरिक गीतों से गूंज उठा है. जिससे माहौल भक्तिमय हो गया है.

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Body:बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों में छठ महापर्व के लोहंडा होने को लेकर प्रसाद बनाने के लिए गंगाजल ले जाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।वही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भी भीड़ देखी गई बाढ अनुमंडल के सभी घाटों में प्रशासन की ओर से मार्केटिंग लाइट चेंजिंग रूम सहित कई सुविधाएं दी गई है। लोहंडा में गंगाजल से ही आज प्रसाद बनता है। इसे खरना भी कहा जाता है।


छठ महापर्व के आज दूसरे दिन आज शाम को गंगाजल से से ही प्रसाद बनता है।आज शाम को छठ व्रती सुबह से शाम तक छठ उपवास रखकर भगवान की पूजा करती हैं और शाम को पूजा के बाद सभी लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं आज कई घरों में खीर तो कहीं दाल और भात का प्रसाद बनता है जिसे लोग ग्रहण करते हैं।

वाइट- आनंद मोहन पांडे (पुजारी)
वाइट- श्रद्धालु गण


Conclusion:
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