पटना: केंद्रीय कैबिनेट ने लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष (Marriage Of Girls From 18 To 21) करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यानी अब लड़कों की तरह ही लड़िकयों की शादी की आधिकारिक उम्र 21 साल (Legal Age Of Marriage Of Girls) होने जा रही है. कैबिनेट से इसकी मंजूरी मिल गई है, अब सिर्फ हिंदू मैरिज एक्ट (Hindu Marriage Act) में संशोधन करना है. उसके बाद लड़कियों की शादी की उम्र लड़कों के बराबर हो जाएगी.
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इस बड़े फैसले को लेकर बिहार के पटना के लोगों की क्या राय (Patnaites On Minimum Age Of Marriage For Girls) है, ईटीवी भारत (ETV Bharat) ने जानने की कोशिश की. पटना में लोगों ने खासकर महिलाओं ने इस फैसले का खुले दिल से स्वागत किया है. कई लड़कियों ने इस फैसले को लेकर सरकार का धन्यवाद किया है.
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पटना की लड़कियों का मानना है कि, ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्र में रहने वाली लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ जाने से ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियों को काफी फायदा मिलेगा. शहर की लड़कियां खुले मिजाज की होती हैं और वह अपने परिजनों से हर बात शेयर भी कर सकती हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियां ना तो अपने परिजन के सामने सही ढंग से बात रख पाती है और ना ही करियर बनाने को लेकर के कुछ कह पाती है. ऐसे में इन लड़कियों को 3 साल का और समय मिल जाने से उच्च शिक्षा प्राप्त करने में फायदा होगा.
पटना की लड़कियों की राय
"सरकार का यह बहुत ही अच्छा फैसला है. इससे लड़कियां मानसिक और शारीरिक रूप से शादी करने के लिए तैयार हो जाएंगी. ग्रामीण क्षेत्रों में तो 15 से 16 साल में ही लड़कियों की शादी कर दी जाती है. छोटी लड़कियों को शादी के बाद काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती है. लड़कियों के लिए यह फैसला काफी अच्छा है."- तनु कुमारी
"लड़कियों की शादी पहले 18 में की जाती थी अब 18 से 21 कर दिया गया है, बहुत अच्छी बात है. अगर लड़कियां कुछ आगे करना चाहती थीं तो, जल्दी शादी होने के कारण कर नहीं पातीं थीं. 21 साल हो जाने से लड़कियों को सोचने का मौका मिलेगा. लड़कियों को अब ज्यादा अपॉर्चुनिटी मिलेगी."- अनामिका सिंह
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"हम शहर में रहने वाली लड़कियों को उतना फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन जहां पर शिक्षा की कमी है, वहां की लड़कियों को विशेष रूप से फायदा मिलेगा. 21 साल की उम्र कर देने से लड़कियां अब आराम से ग्रेजुएशन कर सकेंगी. मैट्रिक और इंटर करने से आजकल कुछ नहीं होता है. बहुत सारी लड़कियों के फेक जन्म प्रमाण पत्र में उम्र 18 वर्ष करवा भी शादी करवा दी जाती है. हम लोग भी जब 18 साल के थे तो, उतने मैच्योर नहीं थे. मुझे ऐसा लगता है कि, 18 साल में कोई भी लड़की शादी के लायक नहीं होती है. सरकार के इस फैसले का मैं स्वागत करती हूं."- फातपा
वहीं इस फैसले को लड़कियों के अभिभावक भी सही बता रहे हैं. अभिभावकों का मानना है कि, शादी की उम्र कम होने से, कम उम्र में लड़कियां मां बनती हैं, जिससे मां और बच्चे की सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है. कम उम्र में शादी होने से मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर बढ़ जाती है. कम उम्र में शादी होने से लड़कियों की शिक्षा और जीवन स्तर पर भी बुरा असर पड़ता है. आशुतोष कुमार ने बताया कि, यह सराहनीय फैसला है. इससे लड़कियों को पढ़ाई लिखाई में और मौका मिलेगा, जिससे वे अपने पैरों पर भी खड़ा होकर निर्णय ले सकेंगी.
"करियर बनाने में भी 21 से 22 साल लग जाते हैं. ऐसे में लड़कियां पहले तैयार होंगी. लड़कियां जॉब कर सकेंगी. जॉब के बाद शादी करने से उनका भविष्य और बेहतर हो सकेगा. फैसला स्वागत योग्य है."- आशुतोष कुमार
"शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल किया गया है, इससे लड़कियों को पूरी तरह से मेंटली प्रिपेयर होने का मौका मिलेगा. अपना डिसीजन वह खुद ले पाएंगी. उनको करियर के बारे में सोचना है, जॉब, जीवनसाथी चुनने का बात हो, इस फैसले से उनको काफी फायदा मिलेगा."-प्रीति देवी
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इस फैसले से लड़कियों को फायदा तो होगा लेकिन, बिहार में अभी भी बाल विवाह के मामले सामने आते रहते हैं. 2015-16 नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की मानें तो 42% बेटियों की शादी 18 साल से कम उम्र में ही हुई है. 2019- 20 की बात की जाए तो लगभग नाबालिग उम्र में शादी के मामले 40% पर आ गए हैं.
कहीं ना कहीं राजधानीवासी भी सरकार के इस फैसले से खुश हैं और निर्णय को सही बता रहे हैं. लेकिन उनका यह भी कहना है कि, सरकार को इसके लिए लोगों को जन जागरूक भी करना होगा. ग्रामीण परिवेश में सबसे ज्यादा बाल विवाह के मामले सामने आते हैं. ऐसे में सिर्फ कानून बनाने से कोई फायदा नहीं मिलेगा.
बता दें कि देश में विवाह की उम्र में ये बदलाव 43 साल बाद किया जा रहा है. इससे पहले 1978 में ये बदलाव किया गया था. तब 1929 के शारदा एक्ट में संशोधन किया गया और शादी की उम्र 15 से बढ़ाकर 18 वर्ष की गई थी. लड़कियों के विवाह की उम्र 21 वर्ष किए जाने की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2020 में लालकिले से की थी. उसी घोषणा पर सरकार अब आगे बढ़ी है.
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