पटना: पटना विश्वविद्यालय के ज्यादातर कॉलेज नैक ग्रेड में फीसड्डी साबित हुए हैं. विधान परिषद में इसे लेकर कई बार सवाल भी उठे हैं. एक तरफ जहां विपक्ष के सदस्य पटना विश्वविद्यालय को लेकर सरकार की उदासीनता पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकार के सहयोगी दलों के नेता भी स्वीकार करते हैं कि पटना विश्वविद्यालय की पुरानी गरिमा लौटाने के लिए सरकार को गंभीर प्रयास करना चाहिए.
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देश के सबसे पुराने कॉलेजों में से एक पटना विश्वविद्यालय के पटना कॉलेज की मान्यता पर खतरा मंडरा रहा है. यूजीसी के नए निर्देशों से सिर्फ पटना कॉलेज ही नहीं बल्कि पटना विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों की मान्यता खतरे में है. हालांकि यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को अपना स्तर सुधारने के लिए 2022 तक का वक्त दिया है. पटना विश्वविद्यालय को बिहार का सबसे समृद्ध विश्वविद्यालय का सम्मान हासिल है, लेकिन इसके सभी कॉलेज रिसर्च में फेल हैं. यही वजह है कि पटना विश्वविद्यालय के कॉलेजों को नैक से सी और बी ग्रेड मिला है.
क्या है पीयू के कॉलेजों की हकीकत
पटना कॉलेज की बात करें तो रिसर्च और इनोवेशन में इसे महज 1.62 और 0.4 अंक मिले हैं. वहीं, बीएन कॉलेज को रिसर्च में 0.96 अंक मिले हैं. पटना विश्वविद्यालय के तमाम कॉलेज स्टूडेंट्स स्पोर्ट्स एक्टिविटी में भी पिछड़े हुए हैं. किसी भी कॉलेज को डेढ़ अंक तक नहीं मिला.
मगध महिला कॉलेज को टीचिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर में कुछ अंक जरूर मिले हैं, लेकिन रिसर्च और अन्य मामलों में पटना यूनिवर्सिटी के तमाम कॉलेज बेहद पीछे हैं. इसके अलावा पटना लॉ कॉलेज को रिसर्च और इनोवेशन में 2 अंक से ज्यादा हासिल हुए हैं. साइंस कॉलेज को रिसर्च में दो अंक से ज्यादा मिले हैं, लेकिन इनोवेशन और स्पोर्ट्स एक्टिविटी में यह कॉलेज पिछड़ गया है. पटना विश्वविद्यालय का एकमात्र कॉलेज पटना वीमेंस कॉलेज है, जिसने नैक से ए ग्रेड हासिल किया है. हालांकि यह कॉलेज ऑटोनॉमस है. पटना विश्वविद्यालय सिर्फ डिग्री प्रदान करता है.
सरकार नहीं कर रही शिक्षकों की बहाली
कांग्रेस नेता प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय की स्थिति को लेकर हम कई बार सदन में सवाल उठा चुके हैं, लेकिन सरकार न तो पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की बहाली कर रही है और न ही विश्वविद्यालय के कॉलेजों में बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था कर रही है.
"पटना विश्वविद्यालय के कॉलेजों में से सिर्फ एक कॉलेज (पटना वीमेंस कॉलेज) को ए ग्रेड मिला है. बाकी सब बी और सी ग्रेड के हैं. यह राज्य की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रहा है. यह नीतीश सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न है."- प्रेम चंद्र मिश्रा, कांग्रेस नेता
इधर भाजपा नेता नवल किशोर यादव ने भी स्वीकार किया कि सिर्फ पटना विश्वविद्यालय नहीं बिहार के सभी विश्वविद्यालयों की स्थिति खराब है. सरकार को विश्वविद्यालयों की आधारभूत संरचना और शिक्षकों की कमी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.