पटना. राजधानी पटना देश के उन शहरों में शामिल है जिसे स्मार्ट बनाया जाना है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पटना में कई काम हो रहे हैं. पार्कों का सौंदर्यीकरण हो रहा है. दूसरी ओर कहीं गैस पाइपलाइन तो कहीं नमामी गंगे परियोजना के काम के लिए सड़कें खोद दी गईं हैं.
स्थिति यह है कि पटना की करीब 50-70 फीसदी सड़कें खुदी हुईं हैं. केंद्रीय परियोजनाओं के तहत काम करा रही एजेंसियां सड़कें खोद रहीं हैं, लेकिन काम पूरा होने के बाद ठीक से मरम्मत नहीं कराई जा रही. बालू और मिट्टी भरकर छोड़ दिया जा रहा है. इसका नतीजा है कि सड़कों की स्थिति जर्जर हो गई.
जर्जर है सड़कों की हालत
पटना नगर निगम एक तरफ पार्कों का सौंदर्यीकरण करा रहा है. दूसरी तरफ समन्वय के अभाव में नगर निगम क्षेत्र में दूसरे विभागों के कार्य योजना के लिए सड़क की खुदाई कर दी जा रही है. शहर की सड़कों को लेकर सरकार की तरफ से ठोस योजना नहीं बन पाने के कारण सड़कों की स्थिति जर्जर बनी हुई है. खासकर पटना नगर निगम क्षेत्र में जितनी भी सड़कें हैं, सबका हाल बेहाल हो गया है. निगम की लगभग 50 से 70 फीसदी सड़कें दूसरे विभागों द्वारा खोदी गई हैं.
पटना में केंद्रीय परियोजनाओं के तहत नमामि गंगे परियोजना का काम चल रहा है. इसके साथ ही गैस पाइपलाइन का भी नगर निगम क्षेत्र में काम हो रहा है. इसकी वजह से सड़कों की खुदाई तो की जा रही है, लेकिन मरम्मती का काम नहीं होने की वजह से सड़कों की हालत खराब हो गई है.
सड़कों की जर्जर अवस्था की वजह से आए दिन जाम लग रहा है. इसकी वजह से लोगों की परेशानी बढ़ती दिख रही है. हादसे का शिकार होकर लोग घायल भी हो रहे हैं. लोगों का मानना है कि जब भी इन सड़कों पर हम चलते हैं तो डर लगता है कि कहीं हादसे का शिकार न हो जाएं. खोदी गई सड़क की मरम्मती के नाम पर विभाग गड्ढों में सिर्फ बालू और गिट्टी भरकर छोड़ दे रहा है.
इन इलाकों की सड़क है जर्जर
कोतवाली थाना, मलाही पकड़ी, पीसी कॉलोनी, चिरैयाटांड़, बस स्टैंड, पोस्टल पार्क, आरएसएस कॉलोनी दक्षिणी (सेक्टर ई. सेक्टर डी, सेक्टर एफ, सेक्टर के), स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के पश्चिम उत्तर में बनी पथ प्रमंडल की सड़क खराब है. कंकड़बाग थाना की सड़क के अलावा, अशोक नगर रोड नंबर 10, 11, 3, 5, 7 समेत अन्य सड़कों का हाल भी बेहाल है. लोहिया नगर शिवाजी पार्क के पास वाली सड़क और टेंपो स्टैंड की सड़क भी जर्जर है. अशोक राजपथ, गोरिया टोली, मछुआ टोली के अलावा गुलाबबाग बाजार की सड़कों का हाल भी बेहाल है.
लाचार दिख रहा निगम
बुडको द्वारा शहर में सड़कों की खुदाई कर नमामि गंगे परियोजना का काम किया जा रहा है. इसको लेकर मेयर सीता साहू नाराजगी जता चुकी हैं. इसके बाद भी निगम की नाराजगी को दूसरे विभाग सीरियस नहीं ले रहे. इसके चलते निगम खुद को लाचार महसूस कर रहा है.
निगम प्रशासन ने साधी चुप्पी
नगर निगम क्षेत्र की सड़कों को यदि आम लोगों द्वारा नुकसान पहुंचाया जाता है या सड़क पर कचरा फैलाया जाता है तो निगम उससे जुर्माना वसूल करती है. यदि सरकारी विभाग सड़क की खुदाई करे और उसे ठीक न करे फिर भी निगम उन विभागों पर कर्रवाई नहीं करता. नगर निगम क्षेत्र में हो रहे कार्यों को लेकर खोदी गई सड़कों के संबंध में जब निगम प्रशासन के अधिकारी से बात की गई तो वे अपनी लाचारी गिनाने लगे.
"हम भले ही एक स्वायत्त संस्था हैं, लेकिन हमें कोई सीरियस नहीं लेता. यही वजह है कि नगर निगम क्षेत्र में जितनी भी सड़कें हैं, उसको खोद दिया जाता है. हम सड़क खोदने से रोक नहीं पाते हैं."- इंद्रदीप चंद्रवंशी, सशक्त स्थाई समिति सदस्य, पीएमसी
बहरहाल, शहर की सुंदरता बिगड़ने पर निगम प्रशासन पर कई तरह के सवाल उठने लगते हैं. सरकार को सच में राजधानी शहर को सुंदर बनाना है तो निगम प्रशासन को अधिकार देना होगा ताकि निगम क्षेत्र में जितने भी विभाग काम करें, वे निगम प्रशासन से अनुमति लेकर करें. अन्यथा शहर की सुंदरता इसी तरह बिगड़ती रहेगी.