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पटना पुलिस ने लावारिस समझकर एक पुलिसकर्मी के शव का ही कर दिया दाह संस्कार

पुलिस ने गांधी मैदान गेट संख्या 5 के पास से अज्ञात शख्स का शव बरामद किया था. शव की पहचान के लिए पुलिस ने व्हाट्सएप ग्रुप में फोटो डाला था, लेकिन शव की पहचान नहीं हो सकी. जिसके बाद पुलिस ने उसे लावारिस समझकर 72 घंटे बाद दाह संस्कार कर दिया.

मृतक के परिजन
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Published : Aug 3, 2019, 7:52 AM IST

अररिया: फारबिसगंज अनुमंडल के सिमराहा के निवासी अशोक पासवान के शव की पटना पुलिस ने बिना पहचान कराए अंतिम संस्कार कर दिया. दरअसल 2 दिनों से उनके गायब होने की खबर थी. मृतक अशोक पासवान पुलिस कर्मी थे, वह पुलिस लाइन में तैनात थे. पटना पुलिस की लापरवाही से एक पत्नी अपने मृत पति का चेहरा तक नहीं देख पाई.

क्या है पूरा मामला
अशोक पासवान 16 जुलाई को अपने घर से ड्यूटी के लिए पटना राजभवन निकले थे, जिसके बाद वह घर लौटकर नहीं आए. परिजनों ने पुलिस लाइन जाकर पता किया. लेकिन कुछ पता नहीं चला. उसके बाद परिजनों ने बुद्धा कॉलोनी थाने में गुम होने का रिपोर्ट दर्ज कराया.

मृतक के परिजन

लावारिस समझकर किया दाह संस्कार
पुलिस ने गांधी मैदान गेट संख्या 5 के पास से अज्ञात शख्स का शव बरामद किया था. शव की पहचान के लिए पुलिस ने व्हाट्सएप ग्रुप में फोटो डाला था, लेकिन शव की पहचान नहीं हो सकी. जिसके बाद पुलिस ने उसे लावारिस समझकर 72 घंटे बाद दाह संस्कार कर दिया. बुद्धा कॉलोनी के एसएचओ ने पटना पुलिस का व्हाट्सएप चेक किया. उसके बाद मृतक के बेटे को थाना बुलाकर पहचान कराया गया. बेटा पिता की तस्वीर को पहचान गया.

सीबीआई जांच की मांग
मृतक अशोक पासवान के बड़े भाई और भांजा ने बताया कि आम लोगों का पुलिस से भरोसा उठ चुका है. उन्होंने इस घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. परिजनों का कहना है कि गांधी मैदान का सीसीटीवी फूटेज खंगाला जाए, ताकि जो दोषी हो उसे सजा मिल सके.

अररिया: फारबिसगंज अनुमंडल के सिमराहा के निवासी अशोक पासवान के शव की पटना पुलिस ने बिना पहचान कराए अंतिम संस्कार कर दिया. दरअसल 2 दिनों से उनके गायब होने की खबर थी. मृतक अशोक पासवान पुलिस कर्मी थे, वह पुलिस लाइन में तैनात थे. पटना पुलिस की लापरवाही से एक पत्नी अपने मृत पति का चेहरा तक नहीं देख पाई.

क्या है पूरा मामला
अशोक पासवान 16 जुलाई को अपने घर से ड्यूटी के लिए पटना राजभवन निकले थे, जिसके बाद वह घर लौटकर नहीं आए. परिजनों ने पुलिस लाइन जाकर पता किया. लेकिन कुछ पता नहीं चला. उसके बाद परिजनों ने बुद्धा कॉलोनी थाने में गुम होने का रिपोर्ट दर्ज कराया.

मृतक के परिजन

लावारिस समझकर किया दाह संस्कार
पुलिस ने गांधी मैदान गेट संख्या 5 के पास से अज्ञात शख्स का शव बरामद किया था. शव की पहचान के लिए पुलिस ने व्हाट्सएप ग्रुप में फोटो डाला था, लेकिन शव की पहचान नहीं हो सकी. जिसके बाद पुलिस ने उसे लावारिस समझकर 72 घंटे बाद दाह संस्कार कर दिया. बुद्धा कॉलोनी के एसएचओ ने पटना पुलिस का व्हाट्सएप चेक किया. उसके बाद मृतक के बेटे को थाना बुलाकर पहचान कराया गया. बेटा पिता की तस्वीर को पहचान गया.

सीबीआई जांच की मांग
मृतक अशोक पासवान के बड़े भाई और भांजा ने बताया कि आम लोगों का पुलिस से भरोसा उठ चुका है. उन्होंने इस घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. परिजनों का कहना है कि गांधी मैदान का सीसीटीवी फूटेज खंगाला जाए, ताकि जो दोषी हो उसे सजा मिल सके.

Intro:मिर्तक अशोक पासवान का शव परिजनों को नहीं मिलने के बाद, बिना शव के निकला अर्थी, सांकेतिक रूप से हिंदू रीति रिवाज के अनुसार हुआ दाह संस्कार। मौत की जांच सीबीआई के दुवारा की जाए। प्रशासनिक अधिकारी के लोग अपने कर्मी को नहीं पहचान सके और तीन दिन बाद उसका लावारिस समझ कर दाह संस्कार कर दिया गया। पुलिस का अमानवीय चेहरा पटना के बुद्धा कॉलोनी थाना का है। परिजन जब गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने गए थे, तब पता चला।


Body:अररिया के फारबिसगंज अनुमंडल सिमराहा मदारगंज वार्ड संख्या के निवासी अशोक पासवान पटना राज्य भवन में ड्यूटी पर तैनात थे। दो दिन पहले एक ख़बर आई थी कि लापता पुलिस कर्मी के शव को शिनाख्त किए बिना ही पटना पुलिस लावारिस समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। मृतक पुलिस कर्मी पुलिस लाइन में तैनात अशोक पासवान था। पटना पुलिस के ऐसे कारनामे से एक पत्नी अपने मृत पति का चेहरा तक नहीं देख पाई। अशोक पासवान 16 जुलाई को अपने घर से ड्यूटी के लिए पटना राज्यभवन के लिए निकला था उसका ड्यूटी वहीं था।लेकर वह फ़िर लौट कर नहीं आए। अशोक की पत्नी और बच्चे घर पर इंतज़ार करते रहे फ़िर परिजनों ने पुलिस लाइन जाकर गुम शुदगी का रिपोर्ट दर्ज कराए बुद्धा कॉलोनी थाने में। उसी दौरान पुलिस ने गांधी मैदान गेट संख्या 5 के पास से अज्ञात शख्स का शव बरामद किया था। शव की पहचान के लिए पुलिस ने व्हाट्सएप ग्रुप में फ़ोटो डाल दिया लेकिन पहचान नहीं हो सकी तब उसे लावारिस समझकर 72 घंटे बाद दाह संस्कार कर दिया गया। जब बुद्धा कॉलोनी के एसएचओ ने पटना पुलिस के व्हाट्सएप ग्रुप को खंगाला तो उसके बेटे को थाना बुला कर पहचान करवाया गया। बेटा पिता की तस्वीर को पहचान सदमे में आ गया। मृत अशोक पासवान के बड़े भाई और भांजा ने Etv भारत से बात करते हुए बताया कि पुलिस से भरोसा उठ चुका है, इसलिए सीबीआई जांच करवाया जाए। गाँधी मैदान का सीसीटीवी फूटेज खंगाला जाए ताकि जो दोषी हो उसे सज़ा मिल सके। साथ ही परिजनों के साथ इंसाफ़ किया जाए।


Conclusion:संबंधित विसुअल वॉइस ओवर के साथ
बाइट मृतक अशोक पासवान के बड़े भाई
बाइट भांजा।
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