अररिया: फारबिसगंज अनुमंडल के सिमराहा के निवासी अशोक पासवान के शव की पटना पुलिस ने बिना पहचान कराए अंतिम संस्कार कर दिया. दरअसल 2 दिनों से उनके गायब होने की खबर थी. मृतक अशोक पासवान पुलिस कर्मी थे, वह पुलिस लाइन में तैनात थे. पटना पुलिस की लापरवाही से एक पत्नी अपने मृत पति का चेहरा तक नहीं देख पाई.
क्या है पूरा मामला
अशोक पासवान 16 जुलाई को अपने घर से ड्यूटी के लिए पटना राजभवन निकले थे, जिसके बाद वह घर लौटकर नहीं आए. परिजनों ने पुलिस लाइन जाकर पता किया. लेकिन कुछ पता नहीं चला. उसके बाद परिजनों ने बुद्धा कॉलोनी थाने में गुम होने का रिपोर्ट दर्ज कराया.
लावारिस समझकर किया दाह संस्कार
पुलिस ने गांधी मैदान गेट संख्या 5 के पास से अज्ञात शख्स का शव बरामद किया था. शव की पहचान के लिए पुलिस ने व्हाट्सएप ग्रुप में फोटो डाला था, लेकिन शव की पहचान नहीं हो सकी. जिसके बाद पुलिस ने उसे लावारिस समझकर 72 घंटे बाद दाह संस्कार कर दिया. बुद्धा कॉलोनी के एसएचओ ने पटना पुलिस का व्हाट्सएप चेक किया. उसके बाद मृतक के बेटे को थाना बुलाकर पहचान कराया गया. बेटा पिता की तस्वीर को पहचान गया.
सीबीआई जांच की मांग
मृतक अशोक पासवान के बड़े भाई और भांजा ने बताया कि आम लोगों का पुलिस से भरोसा उठ चुका है. उन्होंने इस घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. परिजनों का कहना है कि गांधी मैदान का सीसीटीवी फूटेज खंगाला जाए, ताकि जो दोषी हो उसे सजा मिल सके.