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अब आप घर बैठकर कर सकेंगे पटना म्यूजियम का दीदार, शॉर्ट फिल्म के जरिए मिलेगी जानकारी

लघु फिल्म में ये बताया जाएगा कि ये पेड़ कहां से मिला, किसने इसकी जानकारी हासिल की थी और साथ ही उसका एक विश्लेषण की कहां-कहां भारत में इस तरीके के पेड़ हैं.

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Published : May 23, 2020, 7:58 PM IST

Updated : May 26, 2020, 11:26 PM IST

पटना: लॉकडाउन के बीच लोगों तक महत्वपूर्ण जानकारी और संग्रहालय में रखी चीजों के इतिहास के बारे में बताने के लिए पटना म्यूजियम लघु फिल्म का निर्माण कर रहा है. पटना म्यूजियम में जितनी भी गैलरी है. उन सब के बारे में विश्लेषण के साथ सभी जानकारी बताई जाएगी. वीडियो सीरीज के क्रम में जानकारी दी जाएगी.

पटना संग्रहालय के अपर निदेशक डॉ विमल तिवारी ने बताया कि इन लघु फिल्मों के द्वारा संग्रहालय में रखी वस्तुओं के इतिहास और इसके महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी लोग घर बैठे ले सकेंगे. वहीं, पटना म्यूजियम के क्यूरेटर शंकर सुमन ने बताया कि हमारे यहां एक फॉसिल ट्री है. 20 करोड़ वर्ष पुराना है और 53 फीट लंबा है. यह एक पेड़ है. जो अब पत्थर में परिवर्तित हो चुका है. आज भी यह पटना म्यूजियम में है. लोग यहां आते हैं, तो इसे देखते हैं और इसके बारे में जानते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण लोग फिलहाल म्यूजियम नहीं आ सकते, इसलिए उन तक इसकी सभी महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाने के लिए हम एक लघु फिल्म का निर्माण कर रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

पटना म्यूजियम के अपर निदेशक ने क्या कहा
अपर निदेशक ने बताया कि जल्द ही म्यूजियम के सोशल साइट्स और वेबसाइट पर लघु फिल्म अपलोड की जाएगी. जिससे लोग इसके बारे में जान सकेंगे. उन्होंने बताया कि यह पेड़ आसनसोल के पास जब रेलवे लाइन बिछाई जा रही थी, 1937 में तभी यह पेड़ मिला था. इसकी जो लकड़ी है वह करोड़ों वर्ष जमीन के नीचे दबी रही जिसके कारण वो धीरे धीरे पत्थर में परिवर्तित हो गई.

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संग्रहालय के अंदर की तस्वीर

शॉर्ट फिल्म में दी जाएगी पूरी जानकारी
इस पेड़ के बारे में पूरा विश्लेषण लघु फिल्म में रहेगा. जिसमें ये बताया जाएगा कि ये पेड़ कहां से मिला, किसने इसकी जानकारी हासिल की थी और साथ ही उसका एक विश्लेषण की कहां-कहां भारत में इस तरीके के पेड़ हैं, और इस पर जितने भी रिसर्च हुए हैं. उन सभी से एक निचोड़ निकाल कर एक संक्षिप्त विवरण लघु फिल्मों में रहेगा. इस लघु फिल्म का निर्माण पटना म्यूजियम और फेसेस संस्था के तत्वधान में हो रहा है.

पटना: लॉकडाउन के बीच लोगों तक महत्वपूर्ण जानकारी और संग्रहालय में रखी चीजों के इतिहास के बारे में बताने के लिए पटना म्यूजियम लघु फिल्म का निर्माण कर रहा है. पटना म्यूजियम में जितनी भी गैलरी है. उन सब के बारे में विश्लेषण के साथ सभी जानकारी बताई जाएगी. वीडियो सीरीज के क्रम में जानकारी दी जाएगी.

पटना संग्रहालय के अपर निदेशक डॉ विमल तिवारी ने बताया कि इन लघु फिल्मों के द्वारा संग्रहालय में रखी वस्तुओं के इतिहास और इसके महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी लोग घर बैठे ले सकेंगे. वहीं, पटना म्यूजियम के क्यूरेटर शंकर सुमन ने बताया कि हमारे यहां एक फॉसिल ट्री है. 20 करोड़ वर्ष पुराना है और 53 फीट लंबा है. यह एक पेड़ है. जो अब पत्थर में परिवर्तित हो चुका है. आज भी यह पटना म्यूजियम में है. लोग यहां आते हैं, तो इसे देखते हैं और इसके बारे में जानते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण लोग फिलहाल म्यूजियम नहीं आ सकते, इसलिए उन तक इसकी सभी महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाने के लिए हम एक लघु फिल्म का निर्माण कर रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

पटना म्यूजियम के अपर निदेशक ने क्या कहा
अपर निदेशक ने बताया कि जल्द ही म्यूजियम के सोशल साइट्स और वेबसाइट पर लघु फिल्म अपलोड की जाएगी. जिससे लोग इसके बारे में जान सकेंगे. उन्होंने बताया कि यह पेड़ आसनसोल के पास जब रेलवे लाइन बिछाई जा रही थी, 1937 में तभी यह पेड़ मिला था. इसकी जो लकड़ी है वह करोड़ों वर्ष जमीन के नीचे दबी रही जिसके कारण वो धीरे धीरे पत्थर में परिवर्तित हो गई.

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संग्रहालय के अंदर की तस्वीर

शॉर्ट फिल्म में दी जाएगी पूरी जानकारी
इस पेड़ के बारे में पूरा विश्लेषण लघु फिल्म में रहेगा. जिसमें ये बताया जाएगा कि ये पेड़ कहां से मिला, किसने इसकी जानकारी हासिल की थी और साथ ही उसका एक विश्लेषण की कहां-कहां भारत में इस तरीके के पेड़ हैं, और इस पर जितने भी रिसर्च हुए हैं. उन सभी से एक निचोड़ निकाल कर एक संक्षिप्त विवरण लघु फिल्मों में रहेगा. इस लघु फिल्म का निर्माण पटना म्यूजियम और फेसेस संस्था के तत्वधान में हो रहा है.

Last Updated : May 26, 2020, 11:26 PM IST
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