पटनाः बिहार के पटना में भी मुंबई और लखनऊ की तर्ज पर विकास का काम होगा. इसके लिए पटना नगर निगम ने तैयारी शुरू कर दी है. कई ऐसी योजनाएं हैं जिसे पूरा करने लिए पटना नगर निगम के पास फंड नहीं है. इसी को देखते हुए पटना नगर निगम म्युनिसिपल बांड लाने की तैयारी कर रही है, जिससे योजनाओं को पूरा करने लिए फंड जुटा सके. क्योंकि पटना नगर निगम के पास राजस्व की कमी है. सरकार से फंड कम मिलने के कारण विकास की योजनाएं रुकी है.
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बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगाः पटना नगर निगम बांड लाने के लिए सशक्त स्थाई समिति की बैठक में इसका प्रस्ताव रखेगा. पटना की मेयर सीता साहू का कहना है कि अगर सशक्त स्थाई समिति की बैठक में यह प्रस्ताव पास होता है तो इसे निगम बोर्ड की बैठक में लाया जाएगा. जहां से पास होने के बाद इस ओर काम किया जाएगा. इससे पटना नगर निगम को अगले वित्तीय वर्ष के लिए फंड जुटाने में मदद मिलेगी, जिससे पटना में विकास हो सकेगा.
फंड जुटाने के लिए अच्छा प्लेटफार्मः नगर निगम पटना के सशक्त स्थाई समिति के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने बताया कि इस तरह का बांड पहले भी चलता था लेकिन बीच में इसे बंद कर दिया गया था. फंड जुटाने के लिए यह एक अच्छा प्लेटफार्म है. जिसपर नगर निगम को काम करने की जरूरत है. बांड लाने से पटना नगर निगम का आय बढ़ेगा. इसकी तैयारी चल रही है. मेयर सीता साहू और संबंधित अधिकारी इसपर विचार कर रहे हैं. ताकि पटना नगर निगम अपना बांड शुरू कर सके. फिलहाल देश में मुंबई और लखनऊ सहित 9 बड़े-बड़े शहर में बांड चलाया जा रहा है.
"नगर निगम बांड में लोगों का भरोसा होगा और इसमें अपना इंवेस्टमेंट कर पाएंगे. जिससे लोगों को अच्छा इंटरेस्ट भी मिलेगा और निगम को फंड भी मिलेगा. इसके लिए प्रारूप तैयार किया जा रहा है. विषेश जानकारी के साथ इस तरह का प्रस्ताव पेश किया जाएगा. नगर निगम में कई ऐसी योजनाएं हैं जो फंड की कमी से धरातल पर नहीं उतर पाती है. फंड आने से सभी काम हो सकेगा." - इंद्रदीप चंद्रवंशी, सशक्त स्थाई समिति के सदस्य
"बांड एक फाइनेंशिय टूल है, जिसका इस्तेमाल फंड रेज करने के लिए किया जाता है. सरकार के पास आय का सीमित स्रोत है. लेकिन यदि सरकार को अपने कार्यों को और विस्तार देना है तो ऐसी स्थिति में बांड काफी मददगार होता है. लोगों को इससे फायदा होता है कि उन्हें निवेश के लिए एक सुरक्षित मौका मिलता है. रेट ऑफ इंटरेस्ट भी अच्छा मिलता है. जितने फंड की आवश्यकता होती है उतनी की हीं बॉन्ड कंपनी लाती है." -माधव कुमार, सीए, पटना