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क्या ऐसे सुधरेगी स्वच्छता रैंकिंग, स्टेशन से लेकर गली मोहल्ले तक गंदे!

पटना में जंक्शन का पूरा एरिया गंदगी से भरा है. यूं तो पटना को स्वच्छता के दृष्टिकोण से 105वें पायदान पर रखा गया था. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि यह रैंकिंग और खिसक सकती है. क्योंकि जंक्शन पर ही नाले से बाहर निकलते पानी और दुर्गंध से सामना हो जाए तो शहर की बात ही छोड़ दीजिए.

पटना जंक्शन के समीप गंदगी
पटना जंक्शन के समीप गंदगी
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Published : Jan 11, 2021, 4:57 AM IST

पटनाः शहर का सबसे व्यस्त इलाका पटना जंक्शन ही है. लाखों लोग यहां से शहर की ओर जाते हैं. लेकिन यहां स्टेशन से बाहर निकलते ही तेज दुर्गंध शहर के साफ और सुंदर होने के दावे की पोल खोल देते हैं. स्टेशन परिसर से निकलते ही कूड़ा, जाम, गंदे नाले का पानी, अतिक्रमण का नजारा देखने को मिलता है. यह किसी भी स्वच्छ शहर की रैकिंग को बिगाड़ने के लिए काफी है. अतिक्रमण के नाम पर हजारों दुकानें टूटे. लेकिन न तो अतिक्रमण हटा और ना ही स्टेशन गोलंबर से ठेला खोपचे वाले हटे हैं. इतना ही नही नारकीय स्थिति में पटना जंक्शन का मुख्य गेट 1 के पास गंदे नाले के पानी सड़क पर बहते दिखता है. ऐसे में पटना जंक्शन की सफाई की व्यवस्था का जिम्मा रेलवे का है. पटना जंक्शन के प्लेटफार्म तो साफ रहता है, लेकिन हनुमान मंदिर गेट के समीप स्टेशन परिसर में स्वच्छता भगवान भरोसे है.

पटना जंक्शन के समीप गंदगी
पटना जंक्शन के समीप गंदगी

पटना जंक्शन एरिया में अतिक्रमण

पटना जंक्शन ट्रेन पकड़ने के लिए अपने परिवार वालों के साथ यात्री पहुंचते हैं. उन्हें प्रवेश द्वार पर पहुंचते-पहुंचते गंदगी कचरे अतिक्रमण व अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बस-ऑटो वाले सड़क पर कहीं भी गाड़ी खड़ी कर देते हैं. बीच सड़क पर पूरी तरह से जाम लगा रहता है. पटना जंक्शन के मुख्य गेट गोलंबर के पास आधा से ज्यादा सड़क तो ठेले, खोपचे से भरा रहता है. पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है. अतिक्रमण के नाम पर बुलडोजर कई बार चला. अतिक्रमण हटाया भी गया. लेकिन ज्यादा असर नहीं हुआ. कई बार पटना जंक्शन के मुख्य गेट के पास से अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया गया. कई बार रेलवे प्रशासन के द्वारा यह भी बताया गया कि आरपीएफ और लोकल थाने संयुक्त रूप से यहां अतिक्रमण नहीं होने दें. इसके बावजूद भी लगातार अतिक्रमण से लोग जूझते रहते हैं.

देखें रिपोर्ट

रेल प्रशासन का नहीं है ध्यान

स्वच्छता रैंकिंग तो पटना की 105 वें स्थान पिछले साल थी. ऐसे में बात करें तो लगातार राजधानी पटना की रैंकिंग बिगड़ सकती है. क्योंकि जिस तरह से पटना जंक्शन के गेट के पास गंदगी कूड़े-कचरे देखने को मिल रहे हैं. इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि यह नजारा रैंकिंग बिगाड़ने के लिए कम नहीं है. लेकिन रेलवे प्रशासन के साथ-साथ शहर की स्वच्छता का जिम्मा सरकार का भी है. लेकिन इसके बावजूद भी शहर के कई गली-मोहल्ले, चौक-चौराहे पर आपको गंदगी का अंबार देखने को मिलेगा.

अतिक्रमण से चलने तक की नहीं बची जगह
अतिक्रमण से चलने तक की नहीं बची जगह

पटनाः शहर का सबसे व्यस्त इलाका पटना जंक्शन ही है. लाखों लोग यहां से शहर की ओर जाते हैं. लेकिन यहां स्टेशन से बाहर निकलते ही तेज दुर्गंध शहर के साफ और सुंदर होने के दावे की पोल खोल देते हैं. स्टेशन परिसर से निकलते ही कूड़ा, जाम, गंदे नाले का पानी, अतिक्रमण का नजारा देखने को मिलता है. यह किसी भी स्वच्छ शहर की रैकिंग को बिगाड़ने के लिए काफी है. अतिक्रमण के नाम पर हजारों दुकानें टूटे. लेकिन न तो अतिक्रमण हटा और ना ही स्टेशन गोलंबर से ठेला खोपचे वाले हटे हैं. इतना ही नही नारकीय स्थिति में पटना जंक्शन का मुख्य गेट 1 के पास गंदे नाले के पानी सड़क पर बहते दिखता है. ऐसे में पटना जंक्शन की सफाई की व्यवस्था का जिम्मा रेलवे का है. पटना जंक्शन के प्लेटफार्म तो साफ रहता है, लेकिन हनुमान मंदिर गेट के समीप स्टेशन परिसर में स्वच्छता भगवान भरोसे है.

पटना जंक्शन के समीप गंदगी
पटना जंक्शन के समीप गंदगी

पटना जंक्शन एरिया में अतिक्रमण

पटना जंक्शन ट्रेन पकड़ने के लिए अपने परिवार वालों के साथ यात्री पहुंचते हैं. उन्हें प्रवेश द्वार पर पहुंचते-पहुंचते गंदगी कचरे अतिक्रमण व अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बस-ऑटो वाले सड़क पर कहीं भी गाड़ी खड़ी कर देते हैं. बीच सड़क पर पूरी तरह से जाम लगा रहता है. पटना जंक्शन के मुख्य गेट गोलंबर के पास आधा से ज्यादा सड़क तो ठेले, खोपचे से भरा रहता है. पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है. अतिक्रमण के नाम पर बुलडोजर कई बार चला. अतिक्रमण हटाया भी गया. लेकिन ज्यादा असर नहीं हुआ. कई बार पटना जंक्शन के मुख्य गेट के पास से अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया गया. कई बार रेलवे प्रशासन के द्वारा यह भी बताया गया कि आरपीएफ और लोकल थाने संयुक्त रूप से यहां अतिक्रमण नहीं होने दें. इसके बावजूद भी लगातार अतिक्रमण से लोग जूझते रहते हैं.

देखें रिपोर्ट

रेल प्रशासन का नहीं है ध्यान

स्वच्छता रैंकिंग तो पटना की 105 वें स्थान पिछले साल थी. ऐसे में बात करें तो लगातार राजधानी पटना की रैंकिंग बिगड़ सकती है. क्योंकि जिस तरह से पटना जंक्शन के गेट के पास गंदगी कूड़े-कचरे देखने को मिल रहे हैं. इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि यह नजारा रैंकिंग बिगाड़ने के लिए कम नहीं है. लेकिन रेलवे प्रशासन के साथ-साथ शहर की स्वच्छता का जिम्मा सरकार का भी है. लेकिन इसके बावजूद भी शहर के कई गली-मोहल्ले, चौक-चौराहे पर आपको गंदगी का अंबार देखने को मिलेगा.

अतिक्रमण से चलने तक की नहीं बची जगह
अतिक्रमण से चलने तक की नहीं बची जगह
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