ETV Bharat / state

प्रदूषण के मामले में फिर टॉप पर पटना, निर्माण कार्यों से वायु गुणवत्ता हुई खराब

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देश और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तमाम चेतावनी के बावजूद निर्माण कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है. जिसके कारण पटना में वायु प्रदूषण की समस्या कम नहीं हो रही है.

Patna is on top in terms of pollution
प्रदूषण के मामले में फिर टॉप पर पटना
author img

By

Published : Dec 24, 2019, 2:17 PM IST

पटना: वायु प्रदूषण के मामले में राजधानी पटना एक बार फिर टॉप पर पहुंच गया है. आज पूरे देश के आंकड़े जब सामने आ रहे हैं, तो उसमें 434 अंक के साथ पटना प्रदूषण में टॉप पर बना हुआ है. इसकी मुख्य वजह वायु गुणवत्ता का खराब होना है. जो पटना में चल रहे निर्माण कार्यों की वजह से माना जा रहा है.

सांस की बढ़ती है बीमारी
पटना में लगातार सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है. धूल-कण से ना सिर्फ दूर तक देखने में परेशानी होती है. बल्कि सांस की बीमारी भी बढ़ जाती है. यह धूल-कण जब फेफड़े तक पहुंचते हैं तो विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए भारी परेशानी का सबब बनते हैं. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देश और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तमाम चेतावनी के बावजूद निर्माण कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है. जिसके कारण पटना में वायु प्रदूषण की समस्या कम नहीं हो रही है.

देखें ये रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: 'लिखकर रख लीजिए, रघुबर दास का जो हाल हुआ वही बिहार में नीतीश कुमार का होगा'

निर्माण कार्य है प्रदूषण की मुख्य वजह
1 दिन पहले यह आंकड़ा 500 तक पहुंच गया था, जो सबसे खतरनाक स्थिति है. वाहनों से निकलने वाले धुएं पर काफी हद तक लगातार वाहन चेकिंग अभियान के जरिए नियंत्रण लगाया गया है. हालांकि इसके बावजूद इसमें बहुत कुछ करना बाकी है. लेकिन बढ़ते प्रदूषण की मुख्य वजह पटना में चल रहे निर्माण कार्य हैं.

पटना: वायु प्रदूषण के मामले में राजधानी पटना एक बार फिर टॉप पर पहुंच गया है. आज पूरे देश के आंकड़े जब सामने आ रहे हैं, तो उसमें 434 अंक के साथ पटना प्रदूषण में टॉप पर बना हुआ है. इसकी मुख्य वजह वायु गुणवत्ता का खराब होना है. जो पटना में चल रहे निर्माण कार्यों की वजह से माना जा रहा है.

सांस की बढ़ती है बीमारी
पटना में लगातार सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है. धूल-कण से ना सिर्फ दूर तक देखने में परेशानी होती है. बल्कि सांस की बीमारी भी बढ़ जाती है. यह धूल-कण जब फेफड़े तक पहुंचते हैं तो विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए भारी परेशानी का सबब बनते हैं. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देश और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तमाम चेतावनी के बावजूद निर्माण कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है. जिसके कारण पटना में वायु प्रदूषण की समस्या कम नहीं हो रही है.

देखें ये रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: 'लिखकर रख लीजिए, रघुबर दास का जो हाल हुआ वही बिहार में नीतीश कुमार का होगा'

निर्माण कार्य है प्रदूषण की मुख्य वजह
1 दिन पहले यह आंकड़ा 500 तक पहुंच गया था, जो सबसे खतरनाक स्थिति है. वाहनों से निकलने वाले धुएं पर काफी हद तक लगातार वाहन चेकिंग अभियान के जरिए नियंत्रण लगाया गया है. हालांकि इसके बावजूद इसमें बहुत कुछ करना बाकी है. लेकिन बढ़ते प्रदूषण की मुख्य वजह पटना में चल रहे निर्माण कार्य हैं.

Intro:वायु प्रदूषण के मामले में पटना एक बार फिर टॉप पर पहुंच गया है। आज पूरे देश के आंकड़े जब सामने आ रहे हैं तो उनमें 434 अंक के साथ पटना प्रदूषण में टॉप पर बना हुआ है। इसकी मुख्य वजह वायु गुणवत्ता का खराब होना है जो पटना में चल रहे निर्माण कार्यों की वजह से माना जा रहा है।


Body:पटना में लगातार कुल सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है जाने के समय ठंड और को हादसे के साथ जब धूल कल मिलते हैं तो ना सिर्फ दूर तक देखने में परेशानी होती है बल्कि सांस की बीमारी बढ़ जाती है यह धूल कम जब ठंड के साथ फेफड़े तक पहुंचते हैं तो विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए भारी परेशानी का सबब बनते हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देश और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तमाम चेतावनी के बावजूद निर्माण कार्यों में लापरवाही बढ़ती जा रही है जिसके कारण पटना में वायु प्रदूषण की समस्या कम नहीं हो रही। 1 दिन पहले यह आंकड़ा 500 तक पहुंच गया था जो सबसे खतरनाक स्थिति है।


Conclusion:वाहनों से निकलने वाले जले हुए पर काफी हद तक लगातार वाहन चेकिंग अभियान के जरिए नियंत्रण लगाया गया है हालांकि इसमें बहुत कुछ करना बाकी है लेकिन मुख्य वजह पटना में चल रहे निर्माण कार्य हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.